विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा – स्थिति पर भारत की कड़ी नजर।
श्रीलंका में राजधानी कोलम्बो के तीन पांच सितारा होटलों और देशभर में कुछ गिरजाघरों में आज सुबह बम विस्फोटों में कम से कम 160 लोग मारे गये हैं और करीब चार सौ घायल हुए हैं। ये विस्फोट कोलम्बो में शांग्रीला, किंग्सबरी और सिनमन-ग्रैंड होटल में सुबह नौ बजे हुए। कोलम्बो के सेंट एंथनी गिरजाघर के अलावा बट्टिकालोआ तथा नेगोम्बो के गिरजाघरों में भी धमाके हुए।
बम हमला एक समुदाय विशेष को निशाना बनाकर किए गए थे और मरने वालों की संख्या बढ़ने का अनुमान है। गिरजाघरों में विस्फोट तब हुए जब सुबह लोग ईस्टर प्रार्थना के लिए जमा थे और सर्वाधिक क्षति इन जगहों पर हुई है। पांच सितारा होटलों में किए गए हमलों में कम से कम नौ विदेशी नागरिकों के मारे जाने की खबर है। हालांकि उनकी नागरिकता की पुष्टि नहीं हुई है। राष्ट्रपति सिरी सेना ने घटना पर शोक जताते हुए लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है। वहीं प्रधानमंत्री जनरल विक्रमसिंधे ने आपात बैठक बुलाकर घटना की समीक्षा की। पूरे देश में सुरक्षा चेतावनी जारी की गई है और हवाई अड्डे सहित संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा चौकसी बढ़ा दी गई है।
पुलिस को प्रभावित इलाकों में भेज दिया गया है और गिरजाघरों तथा होटलों की सुरक्षा के लिए घेराबंदी कर दी गई है। लोगों को धमाके वाली जगहों से दूर रहने और अस्पतालों में भीड़ न लगाने की सलाह दी गई है। पुलिस अधिकारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है और सुरक्षा एजेन्सियों को अधिकतम चौकसी बरतने के आदेश दिये गये हैं। श्रीलंका में 2009 में एल.टी.टी.ई. के खिलाफ युद्ध समाप्त होने के बाद यह सबसे बड़ा हमला है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि वे श्रीलंका में हुए विस्फोटों के बाद कोलम्बो में भारतीय उच्चायुक्त के साथ लगातार सम्पर्क में हैं। ट्वीट संदेश में उन्होंने कहा है कि सरकार स्थिति पर कड़ी निगाह रख रही है।
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने श्रीलंका में हुए आतंकी हमलों की निंदा की है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि निर्दोष लोगों के साथ इस तरह की कायराना हरकत की सभ्य समाज कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उपराष्ट्रपति एम वैंकेयानायडू ने श्रीलंका में ईस्टर के दिन कई विस्फोटों में निर्दोष लोगों के मारे जाने पर दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीलंका में हुए विस्फोटों की कड़ी निन्दा की है। उन्होंने कहा है कि इस तरह की बबर्रता के लिए इस क्षेत्र में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। श्री मोदी ने यह भी कहा है कि दुख की इस घड़ी में भारत, श्रीलंका के लोगों के साथ है।
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