(todayindia) तेंदुए के गले में पांच साल तक एक तीर फसा रहा | इसे मंगलवार सुबह वन विहार भोपाल नेशनल पार्क के डॉक्टरों ने निकाला | इससे तेंदुए को बहुत राहत हुई | ८ साल का तेंदुआ जोबट ४ साल पहले इसे इंदौर जू से इसे वन विहार भोपाल लाया गया था | तब इसे झाबुआ जिले के जोबट से घायल अवस्था में इंदौर जू लाया गया था |(todayindia)(todayindia)
दो दिन पहले तेंदुए की गर्दन मैं हुई गठान फूट गयी | इसके बाद उसकी देखभाल में लगे
कर्मचारियों को गर्दन में लोहे का नुकीला हिस्सा फसा दिखा | कर्मचारियों ने इस बात की जानकारी वन विहार भोपाल के डायरेक्टर को दी | उन्होंने वन्यप्राणी विशेषज्ञ को जांच करने के निर्देश दिए | मंगलवार को तेंदुए की गर्दन में पांच साल पहले लगे तीर को निकाल दिया | तीर बिना ट्रैंकुलाइज़े किये निकाला |(todayindia)
इस तेंदुए को पांच साल पहले झाबुआ के जंगलो से रेस्क्यू करके लाया गया था | शिकारिओं ने जंगल में तेंदुए का शिकार करने के दौरान उसे तीर मारा होगा लेकिन तब इसक पता नहीं चल पाया था |
तेंदुए की गर्दन से निकले गए तीर के आगे के भाग की लम्बाई पांच इंच की है | अधिकारिओ का मानना है की जोबट में किसी शिकारी ने तीर चलाया होगा , जो गर्दन में फस गया | तीर का बाकि हिस्सा टूट गया पर लोहे का आगे का भाग फसा रहा | तेंदुआ पांच साल तक परेशान रहा |(todayindia)
वन विहार भोपाल की डायरेक्टर ने बताया की तेंदुए को २०१४ में जोबट झाबुआ से रेस्क्यू कर इंदौर चिडयाघर में छह महीने रखा गया था | इसके बाद जून २०१५ में तेंदुए को वन विहार भोपाल लाया गया |(todayindia)