(todayindia)अभिनेता, डायलॉग राइटर और स्क्रिप्ट राइटर कादर खान(Kadar Khan) का सोमवार को 81 साल की उम्र में कनाडा में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे। कनाडा में ही उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। कादर खान(Kadar Khan) के निधन से साल के पहले दिन बॉलीवुड को लगा सदमा |(todayindia)कादर खान प्रोगेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी डिसऑर्डर नाम की बीमारी से जूझ रहे थे। (todayindia)(todayindia)इस बीमारी की वजह से कादर खान(Kadar Khan) का दिमाग बुरीतरह से प्रभावित हुआ था। वहीं उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। कादर खान (Kadar Khan)के बेटे सरफराज के मुताबिक, डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी सेहत पर नजर बनाए हुए थी लेकिन आखिरकार वो जिंदगी की जंग हार गए।
कादर खान (Kadar Khan)के अभिनय की एक विशेषता रही है कि वह किसी भी तरह की भूमिका के लिए उपयुक्त थे। कादर खान (Kadar Khan)का जन्म 22 अक्टूबर 1937 में अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था।
उन्हों अपने करियर की शुरुआत बतौर प्रोफेसर मुंबई में एम.एस. सब्बों सिद्धिक कालेज आफ इंजनीयरिंग से की।
वर्ष 1983 में प्रदर्शित फिल्म ‘कुली’ कादर खान(Kadar Khan) के करियर की सुपरहिट फिल्मों में शुमार की जाती है। मनमोहन देसाई के बैनर तले बनी इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने मुख्य भूमिका निभाई थी। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई। इसके साथ ही कादर खान(Kadar Khan) फिल्म इंडस्ट्री के चोटी के खलनायकों की फेहरिस्त में शामिल हो गए।
फिल्म खून पसीना और परवरिश की सफलता के बाद कादर खान(Kadar Khan) को कई अच्छी फिल्मों के प्रस्ताव मिलने शुरू हो गए। इन फिल्मों में ‘मुक्कदर का सिकंदर’, ‘मिस्टर नटवर लाल’, ‘सुहाग’, ‘अब्दुल्ला’, ‘दो और दो पांच’, ‘लूटमार’, ‘कुर्बानी’, ‘याराना’, ‘बुलंदी’ और ‘नसीब’ जैसी बड़े बजट की फिल्में शामिल थी। इन फिल्मों की सफलता के बाद कादर खान ने सफलता की नई बुलंदियों को छुआ और बतौर खलनायक फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गए।
======================
Courtesy