नई दिल्ली/भोपाल
कमलनाथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे। विधानसभा चुनाव से करीब छह महीने पहले कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का जिम्मा संभाला था। इससे पहले गुरुवार दिनभर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर बैठकों के दौर चले। आलाकमान ने फैसला कर लिया, लेकिन कमलनाथ और सिंधिया को दिल्ली से भोपाल जाकर घोषणा करने को कहा।
कमलनाथ ने मुख्यमंत्री के तौर पर अपने नाम का औपचारिक ऐलान होने के बाद कहा-कि हम अपने शपथ पत्र का हर वादा पूरा करेंगे। मध्यप्रदेश के मतदाताओं ने सच्चाई का साथ दिया। कांग्रेस सरकार में मध्यप्रदेश सुरक्षित रहेगा।
नौ बार से छिंदवाड़ा के सांसद कमलनाथ को इंदिरा गांधी ने अपना तीसरा बेटा माना था। वे उन नेताओं में से हैं, जिन्होंने गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया। वे पहली बार नरसिम्हा राव सरकार में 1991 में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने। वे कपड़ा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), केंद्रीय उद्योग मंत्री, परिवहन व सड़क निर्माण मंत्री, शहरी विकास, संसदीय कार्य मंत्री भी रहे। मनमोहन सरकार में वाणिज्य और उद्योग मंत्री भी रहे।
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