विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर खोलने का ये मतलब नहीं कि दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू हो जाएगी। आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं हो सकते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान में होने वाले सार्क सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि हम नरेंद्र मोदी को सार्क सम्मेलन में शामिल होने के लिए न्योता भेजेंगे।
भारत इस गलियारे की लंबे समय से मांग करता रहा है, जिससे भारतीय सिख श्रद्धालु बिना वीजा के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब तक आ जा सकें। स्वराज ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि पाकिस्तान ने पहली बार सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा, ‘लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस कदम भर से द्विपक्षीय वार्ता शुरू हो जाएगी। आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकती।’
सार्क की स्थापना 1985 में की गई थी। सार्क शिखर सम्मेलन, दक्षिण एशिया के आठ देशों के राष्ट्राध्यक्षों की होने वाली बैठक है, जो हर दो साल में होती है। सार्क में अफगानिस्तान, भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और मालदीव शामिल हैं। आखिरी सार्क शिखर सम्मेलन 2014 में काठमांडू में आयोजित किया गया था। उससे पहले 2011 में मालदीव में 17वां सार्क सम्मेलन आयोजित हुआ था।
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