भारत और अमरीका ने आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष के लिए संयुक्तराष्ट्र और वित्तीय कार्यबल जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है। नई दिल्ली में कल अमरीका और भारत के रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच टू प्लस टू वार्ता के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि आतंकवाद के खिलाफ दोनों पक्षों ने सहयोग का एक नया उद्देश्यपूर्ण अध्याय शुरू किया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आशा व्यक्त की कि नवाचार, प्रतिस्पर्धा और दोनों देशों के लोगों की भागीदारी पर भारत के सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए एच वन बी वीजा व्यवस्था में भेदभाव रहित दृष्टिकोण अपनाया जायेगा।
मैंने सेक्रेट्री पोम्पियो से कहा है कि वो राष्ट्रपति ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदीजी के बीच में जो मित्रता है उसको लेकर भारत के लोगों को लगता है कि अमरीका उनके हितों के खिलाफ कोई काम नहीं करेगा। मैंने कहा है उनको कि भारत की लोगों की इस विश्वास को वो बनाये रखें।
अमरीकी विदेश मंत्री माइकल पोम्पियो ने कहा कि अमरीका विभिन्न क्षेत्रों में भारत के साथ अपना सहयोग जारी रखेगा।
हमने अफगानिस्तान और उत्तरी कोरिया सहित क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। आतंकवादी विरोधी आपसी सहयोग को और ज्यादा मजबूत करने के लिए भी हम प्रतिबद्ध हैं। आर्थिक मामलों में राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत की अर्थव्यवस्था को महत्व दिया है जो दुनियां में सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।
रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि दोनों देशों के बीच कल संचार अनुकूलता और सुरक्षा समझौते- COMCASA कॉमकोसा, पर हस्ताक्षर किए गये। इससे भारत को उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी मिलेगी।
हमारी साझा कोशिशों से हमने द्विपक्षीय और बड़े स्तर पर नये आयाम हासिल किये हैं। इस क्षेत्र में अपना सहयोग और ऊर्जा बढ़ाने के लिए हमने पहली बार यह फैसला किया है कि 2019 में भारत के पूर्वी तट पर अमरीका के साथ तीनों सेनाओं का संयुक्त अभ्यास करेंगे।
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