केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्रीश्री सुरेश प्रभु ने आज सरकारी ईमार्केटप्लेस (जेम) के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके उपयोग में तेजी लाने के लिए ‘जेम पर राष्ट्रीय मिशन’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मंत्री महोदय ने कहा कि अगले तीन वर्षों में ‘जेम’ पर लेन-देन 100 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंच जाएंगे। उन्होंने
यह भी कहा कि इस मिशन के दौरान और भी अधिक संख्या में स्वयं-सहायता समूहों, कारीगरों और स्टार्ट-अप्स को इस प्लेटफॉर्म पर लाने के प्रयास किए जाएंगे। बैंकों और सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) के साथ मिलकर केंद्र और राज्य सरकारें 6 सितंबर से 17 अक्टूबर 2018 तक राष्ट्रीय अभियान चलाएंगी जिस दौरान कार्यशालाओं, रोड शो, प्रशिक्षण, कार्यक्रमों और क्रेता एवं विक्रेता पंजीकरण सहित अन्य जानकारी, शिक्षा और संचार गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।
राष्ट्रीय मिशन के तहत केंद्र सरकार के सभी विभागों, राज्यों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को मिशन मोड में कवर किया जाएगा। इसका उद्देश्य जेम के बारे में जागरूकता पैदा करना, खरीदारों एवं विक्रेताओं को प्रशिक्षित करना, उन्हें जेम में पंजीकृत करना और जेम के जरिए होने वाली खरीदारी में वृद्धि करना है। इस मिशन का उद्देश्य विक्रेताओं की विभिन्न श्रेणियों और एमएसएमई, स्टार्ट-अप्स, घरेलू निर्माताओं, महिला उद्यमियों और स्व-सहायता समूहों जैसे सेवा प्रदाताओं को सशक्त बनाकर समावेश को बढ़ावा देना है। इस मिशन का लक्ष्य डिजिटल इंडिया के उद्देश्यों के अनुरूप नकद रहित, संपर्क रहित, पेपरलेस लेन-देन को बढ़ावा देना भी है। यह कुल दक्षता में सुधार करेगा और सरकारी खरीद से जुड़े व्यय में उल्लेखनीय बचत को बढ़ावा देगा। यह मौजूदा विक्रेताओं (वेंडर) से जुड़े पंजीकरण अभियानों के जरिए सरकारी खरीदारों द्वारा हासिल किए जाने वाले सभी प्रकार के उत्पादों और सेवाओं की आसान उपलब्धता को अधिकतम स्तर पर पहुंचाएगा जिससे ऑनलाइन उत्पादों एवं सेवाओं का आधार और ज्यादा विस्तृत हो जाएगा। देश भर में व्यापक प्रशिक्षण पहल की जाएंगी जिससे संबंधित क्रेताओं एवं विक्रेताओं को जेम की समस्त खूबियों से अवगत कराना सुनिश्चित हो जाएगा।