01/09/2018
नई दिल्ली:-जैन मुनि तरुण सागर का 51 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। दो दिन पहले गुरुवार की सुबह उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। जिसके बाद उन्हें स्वास्थ्य जांच के लिए मैक्स हॉस्पिटल ले जाया गया था। वहां शाम डॉक्टरों की निगरानी में उनकी सेहत में थोड़ा सुधार हुआ था। तरुण सागर जी महाराज इस समय दिल्ली में चातुर्मास स्थल पर थे।
जानकारी के मुताबिक 20 दिन पहले मुनिश्री को पीलिया हुआ था लेकिन दवाइयों के बावजूद उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था। इसके बाद ही उन्होंने इलाज बंद करा दिया था और चातुर्मास स्थल पर जाने का निर्णय लिया था।
उनके प्रवास स्थल पर उनके दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु जुटने लगे हैं। आज दोपहर 3 बजे दिल्ली मेरठ हाइवे पर स्थित तरुणसागरम तीर्थ में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। यात्रा सुबह 7 बजे राधेपुरी दिल्ली से प्रारंभ होकर 28 किलोमीटर दूर तरुणसागरम पर पहुंचेगी।
तरुण सागरजी महाराज का मूल नाम पवन कुमार जैन था। उनका जन्म दमोह (मध्यप्रदेश) के गांव गुहजी में 26 जून 1967 को हुआ। मुनिश्री ने 8 मार्च 1981 को घर छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ में दीक्षा ली।
‘मुनिश्री अपने कड़वे प्रवचनों के लिए प्रसिद्ध रहे। इस कारण से उन्हें क्रांतिकारी संत भी कहा जाता था। कड़वे प्रवचन नामक उनकी पुस्तक काफी प्रचलित है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जैन मुनि के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि जैन मुनि तरुण सागर के निधन का समाचार सुन गहरा दुख पहुंचा। हम उन्हें हमेशा उनके प्रवचनों और समाज के प्रति उनके योगदान के लिए याद करेंगे। मेरी संवेदनाएं जैन समुदाय और उनके अनगिनत शिष्यों के साथ है।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि जैन मुनि श्रद्धेय तरुण सागर जी महाराज के असामयिक महासमाधि लेने के समाचार से मैं स्तब्ध हूँ। वे प्रेरणा के स्रोत, दया के सागर एवं करुणा के आगार थे। भारतीय संत समाज के लिए उनका निर्वाण एक शून्य का निर्माण कर गया है। मैं मुनि महाराज के चरणों में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।