वाजपेयी जी ने राजनीति में मूल्यों का समावेश किया, संपर्क क्रांति के युग की शुरूआत की
उप राष्ट्रपति ने अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में व्याख्यान दिया
29 AUG 2018
भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम. वैंकेया नायडू ने आज पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को भावभीनी श्रंद्धाजलि अर्पित की और उन्हें भारतीय राजनीति का दमकता हुआ हीरा बताया। हैदराबाद में प्रगना भारती द्वारा आयोजित स्मृति व्याख्यान में उप राष्ट्रपति जी ने कहा कि वाजपेयी जी ने अपने संसदीय योगदान, प्रशासनिक कुशाग्रता तथा व्याख्यात्मक कौशल से करोड़ों भारतीयों पर अमिट प्रभाव छोड़ा है। श्री वाजपेयी जी भारत के एक अत्यधिक लोकप्रिय नेता, सच्चे देश भक्त और राष्ट्रवादी थे। तेलंगाना के उप मुख्य मंत्री श्री मोहम्मद महमूद अली तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि श्री वाजपेयी जी ने हमेशा सिद्धांतों की राजनीति की तथा राजनीति में मूल्यों का समावेश किया। उन्होंने आगे कहा कि वाजपेयी जी ने एक वैकल्पिक राजनीतिक विचारधारा का प्रचार-प्रसार किया और सत्तारूढ़ पार्टी के लिए सही विकल्प प्रस्तुत किया। 23 दलों की सरकार का नेतृत्व करके उन्होंने एक मिलीजुली सरकार के बीज बोए और एक ऐसे योग्य नेता साबित हुए जिन्होंने स्थिर सरकार प्रदान की।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि श्री वाजपेयी जी आम सहमति बनाने वाले एवं अजातशत्रु थे, जिनका कोई भी शत्रु नहीं था। अपनी मृत्यु पर समग्र राजनीतिक धारा का प्रवाह वास्तव में यह प्रदर्शित करता है कि उन्हें अजातशत्रु क्यों कहा जाता था। समाज के विभिन्न वर्गों को जोड़ने के उनके तरीके ने ही वाजपेयी जी को देश के समस्त लोगों में लोकप्रिय बना दिया था।
उप राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि भारत ने आज तक वाजपेयी जी जैसा महान नेता नहीं देखा था जिसने पराजय को भी मर्यादा और धैर्य से स्वीकार किया हो। वाजपेयी जी एक महान वक्ता थे जो श्रोताओं को बांध कर ऱखते थे और प्रभावी वक्तृत्व-कला के लिए मंद-मंद बोलते थे।
उप राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि श्री वाजपेयी जी ऐसे पथ प्रदर्शक थे जिन्होंने देश में संपर्क क्रांति का उद्बोधन किया और शासन में दूरगामी सुधार लागू किये। उनके द्वारा शुरू किए गए कुछ रूपांतरणीय बदलावों से भारतीय अर्थव्यवस्था सुदृढ़ बनी और विकास को गति मिली।
उप राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, स्वर्मिण चतुर्भुज परियोजना तथा मंत्रिमंडल का आकार विधायिका की संख्या के 15 प्रतिशत तक सीमित रखने के राजनीतिक सुधार उनके कार्यकाल के दौरान लाए गए मूलभूत परिवर्तन थे।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि श्री वाजपेयी जी अपने संकल्प पर अडिग रहते थे और किसी भी आंतरिक अथवा बाह्य दवाब के सामने झुकते नहीं थे। उन्होंने आगे कहा कि वाजपेयी जी ने परमाणु कार्यक्रम द्वारा भारत के सम्मान को बढ़ाया। विदेश नीति के संबंध में उनका व्यापक दृष्टिकोण था तथा उन्होंने बहु ध्रुवीय विश्व में बहु गठबंधन को बढ़ावा दिया।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि अनुसंधान तथा विकास को प्रोत्साहित करने तथा वैज्ञानिक विकास पर जोर देने के लिए श्री वाजपेयी जी ने पोखरण-II के पश्चात पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे में ‘जय विज्ञान’ जोड़ दिया था।
उप राष्ट्रपति जी ने कहा कि वाजपेयी जी एक अद्भुत व्यक्ति थे जिनमें दुर्लभ विविध गुणों का समावेश था और उनका व्यक्तित्व संपूर्ण था। उन्होंने आगे कहा कि वाजपेयी जी को अपने व्यक्तित्व, वक्तृत्व, कर्तृत्व, मैत्रीत्व से मिश्रित नेतृत्व के गुणों के कारण सदा याद रखा जाएगा। वाजपेयी जी आने वाली बहुत सी पीढियों के लिए अद्भुत प्रेरणास्रोत रहेंगे।