भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ.पी. रावत भेंट की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को 20 सूत्रीय ज्ञापन भी सौंपा। इसमें निर्वाचन प्रक्रिया की शुचिता, पारदर्शिता बनाए रखने तथा उसे मतदाताओं की दृष्टि से सुविधाजनक बनाए जाने से संबंधी मांगें शामिल हैं। पार्टी के इस प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश सरकार के मंत्री उमाशंकर गुप्ता, मंत्री विश्वास सारंग एवं प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लुनावत शामिल थे।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ.पी.रावत मंगलवार को भोपाल दौरे पर आए। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मिला और निर्वाचन प्रक्रिया से संबंधित एक ज्ञापन उन्हें सौंपा। ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें शामिल हैं-
1-निर्वाचन आयोग ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित कराए, जिससे एक मतदाता का नाम 2 या अधिक क्षेत्रों की मतदाता सूची में न जुड़ पाए। उदाहरण के लिए श्री सज्जन सिंह वर्मा, पूर्व सांसद का नाम इंदौर और देवास दोनों जिलों की मतदाता सूची में शामिल है।
2-पुनरीक्षण के दौरान निरस्त किए जा रहे मतदाताओं के नाम आयोग की वेबसाइट पर प्रदर्शित किए जाएं।
3-जिस मतदाता का नाम निरस्त किया जाए, उसके मोबाइल पर भी इसकी सूचना दी जाये।
4-मतदाता परिचय पत्र धारी मतदाताओं के नाम यदि स्थानांतरण या अन्य किसी वजह से हटाए जाते हैं, तो यह सुनिश्चित किया जाए कि उनका नाम उस क्षेत्र की मतदाता सूची में अवश्य हो, जहां वह निवास करता है।
5-मध्यप्रदेश हिंदी भाषी राज्य है, इसलिए यहां पर तैनात किए जाने वाले प्रेक्षकों की नियुक्ति हिंदी भाषी प्रदेशों से ही की जाए, ताकि वे जनता और जनप्रतिनिधियों से संवाद कर सकें।
6-मतदान केंद्र से 100 मीटर दूर लगने वाले कियोस्क पर होने वाला खर्च पार्टी के खर्च में शामिल किया जाए, ताकि प्रत्याशी के निर्वाचन व्यय में अनावश्यक वृद्धि न हो।
7-मतदान केंद्र पर 10ग्10 का कियोस्क लगाने की अनुमति है, लेकिन बाजार में 15 ग्15 के कियोस्क ही उपलब्ध हैं। अतरू इस साइज के कियोस्क लगाने की अनुमति प्रदान की जाए। चूंकि यह कियोस्क मतदान केंद्र से 100 मीटर की दूरी पर होता है, इसलिए इस पर पार्टी का झंडा लगाने की अनुमति भी दी जाए।
8-मतदान केंद्र पर पानी एवं छाया की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
9-संवेदनशील मतदान केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की जाये।
10-ईवीएम या तकनीकी खराबी के कारण मतदान रुकने पर बाधित अवधि के बराबर अतिरिक्त समय मतदान के लिए दिया जाए।
11- विधानसभा चुनाव एवं लोकसभा चुनावों के लिए निर्धारित व्यय सीमा में कम से कम 25 प्रतिशत की वृद्धि की जाए।
12-कई मतदान केंद्रों पर 1 जनवरी के बाद से नए मतदाताओं के नाम नहीं जोड़े जा रहे हैं, इस संबंध में आदेश दिए जाएं।
13-मतदाता पहचान पत्रों का वितरण पूरे प्रचार-प्रसार के साथ किया जाए, ताकि हर व्यक्ति को इसके बारे में पता चल सके।
14- जिन क्षेत्रों में बूथ लेवल ऑफिसर सर्वे के लिए नहीं जा रहे हैं, वहां उनके साथ वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा जाए, ताकि मतदाता सूचियों का सत्यापन का काम उचित तरीके से पूर्ण हो सके।
15- प्रारूप मतदाता सूची से पता चला है कि एक ही आवास में रहने वाले मतदाताओं के नाम अलग- अलग मतदान केंद्रों की सूची में शामिल है। इस पर संज्ञान लेकर उचित निर्देश दिए जाएं।
16- नई कॉलोनियों, विश्वविद्यालयों, भारत सरकार के संस्थानों एवं विभागों, न्यायधीशों की कॉलोनी आदि में शिविर लगाकर मतदाताओं के नाम सूची में जोड़े जाएं। साथ ही केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मोबाइल पर मैसेज देकर नाम जुड़वाने को कहा जाए।
17-मतदान अभिकर्ता को बैज लगाकर मतदान केंद्र एवं कियोस्क पर बैठने की अनुमति दी जाए। बैज पर उसका एवं पार्टी का अंकित हो।
18-मतदाता सूचियों के शुद्धिकरण के बावजूद डुप्लीकेट नाम होने, मृतकों के नाम सूची में होने की शिकायतें सामने आ रही हैं। वहीं कई नए मतदाताओं के नाम सूची में जुड़ नहीं पाए हैं। इसे ध्यान में रखते हुए प्रारूप मतदाता सूचियों पर दावे-आपत्ति प्रस्तुत किए जाने की अंतिम तारीख 31 अगस्त से एक माह और बढ़ा दी जाए।
19-कई बार मुख्यमंत्री जी द्वारा कमजोर वर्गों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के संबंध में मुख्यमंत्री निवास पर सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं। ये सम्मेलन शासकीय होते हैं इसलिए इन्हें लेकर विरोधी दलों द्वारा उठाई जाने वाली आपत्तियां अनावश्यक हैं।
20-चुनाव के दौरान प्रचार के लिए आने वाले महत्वपूर्ण व्यक्तियों को एक ही जिले की अनुमति होती है। जबकि कई बार उन्हें सड़क मार्ग से गुजरते हुए दूसरे जिले को भी पार करना पड़ता है। इसे देखते हुए महत्वपूर्ण व्यक्तियों के लिए अनुमति जारी करते समय मार्ग में पड़ने वाले सभी जिलों की भी अनुमति प्रदान की जाए।