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केरल बाढ़ राहत कार्यों में बड़ी संख्‍या में भाग ले रहे है एनएसएस स्‍वयं सेवक

21 AUG 2018
केरल में राहत और बचाव कार्यों में राष्‍ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्‍वयंसेवक बड़ी संख्‍या में भाग ले रहे हैं। पूरे राज्‍य में लगभग 1200 एनएसएस इकाइयां राहत गतिविधियों में लगी हुई हैं। एनएसएस के स्‍वयंसेवक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को स्‍वच्‍छ बनाने, बाढ़ पीडि़तों के लिए खाद्य पैकेट तैयार करने के अलावा सार्वजनिक रसोईघरों का भी संचालन कर रहे हैं तथा दवाइयां भी वितरित कर रहे हैं। स्‍वयंसेवक और अन्‍य कार्यकर्ता बाढ़ प्रभावित विभिन्‍न क्षेत्रों में खाद्य पैकेट वितरित कर रहे हैं और बचाव कार्यों में भी सहयोग कर रहे हैं। वे सूखा राशन, कपड़े, साबुन, सैनेटरी नेपकिन, दवाइयां, मिल्‍क पाउडर, ब्‍लीचिंग पाउडर, हैंडवॉश, सैनिटाइजर्स जैसे दैनिक उपयोग की वस्‍तुओं को एकत्र कर रहे हैं। एनएसएस की सभी इकाइयों में प्रधानमंत्री राहत कोष तथा केरल के मुख्‍यमंत्री राहत कोष के लिए पैसे एकत्र करने का कार्य भी चल रहा है। तमिलनाडु, महाराष्‍ट्र, गुजरात, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे अन्‍य राज्‍यों के भी स्‍वयंसेवक सक्रिय रूप से राहत कार्यों में मदद कर रहे हैं।

देश के किसी भी हिस्‍से में जब प्राकृतिक आपदा आती है, तो एनएसएस के स्‍वयंसेवक हमेशा प्राथमिकता के साथ राहत और बचाव अभियानों में हिस्‍सा लेते हैं। ये स्‍वयंसेवक जिला प्रशासन के साथ आपसी तालमेल बैठाकर प्रभावित क्षेत्रों में सामग्रियों को पहुंचाते हैं और सही तरीके से उनका वितरण करते हैं।

एनएसएस, युवा और खेल मंत्रालय का प्रमुख राष्‍ट्रीय कार्यक्रम है, जो देशभर में छात्रों और युवाओं को समर्पित है। वर्तमान में 426 विश्‍वविद्यालयों के लगभग 32,000 संस्‍थानों में एनएसएस के लगभग 41 लाख स्‍वयंसेवक हैं। पढ़ाई करते हुए ये छात्र समाज की विकास संबंधी गतिविधियों का संचालन करते हैं और एक बेहतर समाज बनाने के विषय में कार्य करते हैं। जब भी आवश्‍यकता होती है, तो एनएसएस के स्‍वयंसेवक देश की सेवा के लिए खुद ही आगे आते हैं। पर्यावरण संवर्द्धन, कुपोषण, टीकाकरण या प्राकृतिक आपदा जैसा कोई मुद्दा हो तो ये स्‍वयंसेवक हमेशा पीडि़तों के लिए मददगार बनते रहे हैं।

 

 

 

 

 

 

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