जबलपुर में रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर आयोजित आदिवासी सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्रई पहुंचकर वीरांगना के समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर श्री चौहान ने वीरांगना की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया तथा महाकौशल क्षेत्र के नौ जिलों से आए आदिवासी समाज के प्रमुखों का शाल और श्रीफल भेंटकर सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने समाधि स्थल पर रानी दुर्गावती के सुपुत्र वीरनारायण को भी श्रद्धासुमन अर्पित किए तथा आदिवासी समाज के आराध्य बड़ादेव की पूजा अर्चना की।
समाधि स्थल पर स्वराज संस्थान द्वारा वीरांगना रानी दुर्गावती के जीवन पर आधारित चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। समाधि स्थल पर आदिवासी समाज के प्रमुखों ने अपनी परम्पराओं के अनुसार मुख्यमंत्री का पगड़ी पहनाकर और तीर कमान भेंटकर स्वागत किया। समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित करने के दौरान मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं जबलपुर सांसद श्री राकेश सिंह, मण्डला के सांसद श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, राज्य सभा सदस्य श्रीमती सम्पतिया उइके, विधायक श्रीमती प्रतिभा सिंह व श्री सुशील तिवारी इंदु, महापौर श्रीमती स्वाति गोडबोले, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मनोरमा पटेल, जेडीए अध्यक्ष डॉ. विनोद मिश्र, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम के उपाध्यक्ष एस.के.मुद्दीन, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद गोटिया, भाजपा जिलाध्यक्ष शिव पटेल भी मौजूद थी।
लोकनर्तकों के साथ नृत्य भी किया
वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे मुख्यमंत्री श्री चौहान कुछ अलग अंदाज में भी दिखाई दिए। मुख्यमंत्री ने रानी की समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए और सभी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते समय रानी दुर्गावती अमर रहे के नारे लगाए। श्री चौहान ने उनके स्वागत के लिए एकत्र हुए भांजे-भांजियों से बड़ी आत्मीयता से हाथ मिलाया तथा उनसे बातें भी कीं। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर लोकनृत्य कर रहे आदिवासी नर्तकों के साथ नृत्य भी किया। श्री चौहान ने आदिवासी सम्मेलन में लोकनृत्य प्रस्तुत करने वाले आदिवासी लोकनर्तकों के चारों समूह को 25-25 हजार रुपये देने की घोषणा भी की।