चौरई में 416 करोड़ रूपये के निर्माण कार्यो का भूमि-पूजन और लोकार्पण
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चौरई में अगले शिक्षण सत्र से शासकीय महाविद्यालय शुरू करने की घोषणा की है। चौहान ने बिछुआ में आईटीआई खोलने और शासकीय महाविद्यालय में एम.एस.सी. तथा एम. कॉम की कक्षाएँ आगामी सत्र से प्रारंभ करने की बात भी कही। श्री चौहान ने मध्यप्रदेश विकास यात्रा के अंतर्गत आज छिन्दवाड़ा जिले के चौरई में 416 करोड़ रूपये लागत के निर्माण कार्यो का भूमि-पूजन और लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के प्रारंभ में गौ-पूजन तथा कन्या-पूजन कर गौ-संरक्षण और बेटियों के प्रति सम्मान एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने का आव्हान किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हर्रई नगर परिषद को 5 करोड़ रुपये की राशि विकास कार्यों के लिए देने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि जमुनिया माइक्रो इरीगेशन सिस्टम और पेंच डायवर्सन से क्षेत्र के विकास को अप्रत्याशित गति मिलेगी। श्री चौहान ने विकास यात्रा के दौरान हितग्राहियों को लाभान्वित किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समारोह में 134 करोड़ 11 लाख रूपये की लागत के जमुनिया माइक्रो इरीग्रेशन सिस्टम, 124 करोड 95 लाख रूपये लागत के चौरई से पांजरा-चांद एव चांद-बिछुआ-खमारपानी तक 76.52 कि.मी. मार्ग, 74 करोड 89 लाख रूपये लागत की दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना और 33 करोड़ 78 लाख रूपये लागत की एकीकृत विद्युत विकास योजना का भूमि-पूजन तथा 20 करोड़ 9 लाख रूपये लागत की सीताझिर जलाशय परियोजना और 28 करोड़ 11 लाख रूपये लागत की अंबाखापा जलाशय परियोजना का लोकार्पण किया। जमुनिया माइक्रो इरीग्रेशन सिस्टम की योजना पूर्ण होने पर छिन्दवाड़ा जिले के 164 और सिवनी जिले के 152 ग्रामों की 114882 हेक्टेयर कृषि भूमि में सिंचाई सुविधा के साथ ही औद्योगिक क्षेत्र और पेयजल के लिये जल उपलब्ध हो सकेगा। इसी प्रकार सीताझिर जलाशय परियोजना के अंतर्गत ग्रामी सीताझिर, हरदुआमाल, फुटेरा, ओरिया और हिर्री के 257 कृषकों को रबी में 800 हेक्टेयर क्षेत्र में तथा अंबाखापा जलाशय परियोजना के अंतर्गत ग्राम पंचालखापा, अंबाखापा, सावंगी, पंधराखेड़ी, छत्रापुर और सिंगपुर के 1485 कृषकों को रबी में 1300 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का लाभ मिल सकेगा।
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कांता ठाकुर, महापौर श्रीमती कांता सदारंग, विधायक सर्वश्री पं.रमेश दुबे, चौधरी चन्द्रभान सिंह, नानाभाऊ मोहोड, और नत्थनशाह कवरेती उपस्थित थे।