भोपाल -२२ सितम्बर से इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि सर्जना पांच दिवसीय कलाकार शिविर में परम्परिक भोजन और सांस्कृतिक प्रस्तुतिया दे जा रही है | जनजातीय कला , खान पान और
संस्कृति पर केंद्रित इस कार्यक्रम के पहले दिन यहाँ राठवा जनजाति के आदिवासीओ ने अपने पारम्परिक व्यंजन को दोने पत्तल पर परोसा और आम लोगो ने जायका लिया | कार्यक्रम में महाराष्ट्र की वार्ली जनजाति और मध्यप्रदेश की मुरिया जनजाति के पारम्परिक व्यंजनों का भी जायका गया |
सांस्कृतिक प्रस्तुतिओं की इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ में बस्तर इलाके के ककसार नृत्य प्रस्तुत किया गया | यह नृत्य मुरिअ जनजाति के महिला-पुरुष नयी फसल आने की खुशी में करते है | आकर्षक परिधानों में ढोल- मंजीरों की धुन और शालिक रीलो दाता गीत पर किया जाने वाला यह नृत्य खुशिया बाँटने के साथ भाई चारे का सन्देश भी देता है |
इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के बैगा एवं गोंड जनजाति के आदिवासी पुरुषो द्वारा किया जाने वाला गुदुम नृत्य भी पेश किया गया | यह नृत्य कटाई के बाद नयी फसल घर आने की ख़ुशी में किया जाता है | बाद में छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय नृत्य गैंडी प्रस्तुति की गयी यह नृत्य शारीरिक संतुलन के लिए प्रसिद्ध है | लकड़ी के डंडों पर शारीरिक संतुलन रखकर पद सञ्चालन का यह एक बेहतरीन नमूना है |
Subscribe for this News Please Contact
email:-todayindia@todayindia.com