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पुरातन ज्ञान को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने में पुस्तकालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है: पवैया

14/08/2017
भोपाल। मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि भारत की पुरातन संस्कृति विश्वपटल पर ज्ञान का भण्डार है और यही हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, जो कि पुस्तकों के रूप में संग्रहित है। उसे भावी पीढ़ी को सौपना हमारा दायित्व है, जिसमें पुस्तकालयों की भूमिका महत्वपूर्ण है। श्री पवैया ने यह बात भाजपा प्रदेश कार्यालय, पं. दीनदयाल परिसर में भाजपा ग्रंथालय प्रकल्प एवं मध्यप्रदेश पुस्तकालय संघ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कही। संगोष्ठी को राष्ट्रीय एकता परिषद के उपाध्यक्ष श्री रमेश शर्मा, विशेष अतिथि स्वामी विवेकानंद विष्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. अजय तिवारी ने भी संबोधित किया। समापन सत्र को तकनीकी षिक्षा एवं कौषल विकास, स्कूल षिक्षा राज्यमंत्री श्री दीपक जोषी, भोज विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.आर. कानेरे ने संबोधित करते हुए इस प्रकार की संगोष्ठी की आवष्यकता पर जोर दिया।
श्री पवैया ने कहा कि पुस्तकालयों में राष्ट्रवादी साहित्य को प्राथमिकता दें ताकि आने वाली युवा पीढी का निर्माण हो सके और वे अच्छे नागरिक बनकर राष्ट्र सेवा में अपनी भूमिका निभाए। उन्होंने पुस्तकालय में पुस्तक चयन पर जोर देते हुए कहा कि पुस्तकालय में रखी जाने वाली पुस्तकों का चयन सावधानीपूर्वक और गंभीरता से होना चाहिए क्योंकि पुस्तकें मानसिक भोजन है। इनका व्यक्ति के जीवन निर्माण और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है। श्री पवैया ने उच्च षिक्षा संस्थाओं के पुस्तकालयों के संपूर्ण विकास पर कहा कि मध्यप्रदेश सरकार प्रत्येक महाविद्यालय में ई लायब्रेरी की स्थापना की दिषा में काम कर रही है। साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि महाविद्यालयीन पुस्तकालयों के विकास हेतु समुचित राषि एवं संसाधनों की व्यवस्था की जायेगी।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय एकता परिषद के उपाध्यक्ष श्री रमेष शर्मा ने राष्ट्र निर्माण में पुस्तकालयों की अग्रणी भूमिका प्रतिपादित करते हुए ग्रंथपालों के रिक्त पदों को भरने का सुझाव दिया। जिससे पाठकों को निर्बाध रूप से पुस्तकालय सेवा मिलती रहे। स्वागत भाषण देते हुए भाजपा ग्रंथालय प्रकल्प के संयोजक डाॅ. डी.के. जैन ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एकमात्र ऐसा राजनैतिक दल है जो ग्रंथालय के विकास के माध्यम से भावी पीढी के निर्माण में योगदान दे रहा है। उन्हांेने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह का विषेष आग्रह है कि प्रदेष कार्यालय और जिला कार्यालयों में ग्रंथालय स्थापित हो जो कि व्यक्ति, चरित्र और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। उन्होंने बताया कि इसी कडी में प्रदेष कार्यालय पं. दीनदयाल परिसर में ग्रंथालय स्थापित हो चुका है। जिसका उदघाटन 20 अगस्त को राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा किया जायेगा।
संगोष्ठी में विभिन्न सत्रों को जीवाजी विष्वविद्यालय के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के प्रभारी डॉ. जे. एन गौतम, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान पंजाबी विष्वविद्यालय पटियाला के डॉ. एच.पी.एस. कालरा, आईआईएसईआर भोपाल के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. संदीप पाठक, बनारस हिन्दू विष्वविद्यालय वाराणसी के उप पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. संजीव सर्राफ, डॉ. यासमीन जिया, क्षेत्रीय षिक्षा संस्थान भोपाल के पुस्तकालयाध्यक्ष डाॅ. पी.के त्रिपाठी, डॉ. आर.के. जैना, डॉ. शिवपाल सिंह कुषवाह सहित विभिन्न विद्धानों ने सत्र को संबोधित किया।
संगोष्ठी में पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाली 12 विभूतियों को सम्मानित किया गया। देष भर के विभिन्न प्रांतों से पुस्तकालय विज्ञान से जुड़े 350 से अधिक ग्रंथपाल एवं प्रतिनिधि शामिल हुए।

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