प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समाज में सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाली जातिवाद और क्षेत्रवाद जैसी विकृतियों को समाप्त करने का आह्वान किया
@narendramodi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को ऐसे विकसित राष्ट्र बनाने पर जोर दिया है जो आत्मनिर्भर होने के साथ सभी लोगों को अपने सपने साकार करने का समान अधिकार देता हो। नई दिल्ली के द्वारका में दशहरा समारोह के दौरान सभा को संबोधित करते हुए, श्री मोदी ने जातिवाद, क्षेत्रवाद जैसी विकृतियों को समाज से समाप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज रावण दहन सिर्फ पुतला दहन का नहीं है बल्कि उन शक्तियों और प्रवृत्तियों का भी दहन होना चाहिए जो जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर मां भारती को बांटने की कोशिश करती हैं। श्री मोदी ने कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और सबसे विश्वसनीय लोकतंत्र के रूप में उभर रहा है।
इस अवसर पर, श्री मोदी ने कहा कि नवरात्र और विजयादशमी का त्योहार आसुरी शक्तियों पर दैवीय शक्तियों की विजय का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि विजयादशमी पर शस्त्र पूजा की परंपरा है। किसी अन्य देश पर आधिपत्य जमाने के लिए नहीं बल्कि अपनी भूमि की रक्षा के लिए भारत में शस्त्र पूजा की जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा, हमारी शक्ति पूजा सिर्फ भारत के लिए नहीं बल्कि पूरे विश्व के कल्याण के लिए है।
प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से दस प्रतिज्ञा लेने का भी आग्रह किया. इनमें कम से कम एक गरीब परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाना, वोकल फॉर लोकल के मंत्र का पालन करना, डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करना, पानी बचाना और भारत में बने उत्पाद का उपयोग करना शामिल है।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समाज में सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाली जातिवाद और क्षेत्रवाद जैसी विकृतियों को समाप्त करने का आह्वान किया