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चीनी दूतावास से राहुल गांधी की भेंट सवालों के घेरे में – विजेश लूनावत

12/07/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री विजेश लूनावत ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी का चीनी दूतावास में पहुंचकर बात करना जो भारत को उकसाने में कसर नहीं छोड़ रहा है वास्तव में संदेह उत्पन्न करता है। फिर इस मुलाकात से कांग्रेस का मुकरना और चीनी दूतावास की वेबसाइट पर मुलाकात का सार्वजनिक हो जाने पर कांग्रेस का पलटी मारना और भी रहस्यात्मक हो जाता है। कांग्रेस को इसका राष्ट्र की जनता को स्पष्टीकरण देना होगा। श्री राहुल गांधी की इस हरकत को उनकी राजनैतिक अपरिपक्वता और बचकाना ही कहा जायेगा।
उन्होंने ने कहा कि चीन, भूटान, भारत की सीमा पर बनने वाले त्रिकोण जो भारत को पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ता है को चीन ने निशाने पर लिया और जबरिया कब्जा करने के लिए निर्माण कार्य जब आरंभ किया भारत ने इसका पूरे जोर से प्रतिरोध किया जवानों ने मानव श्रृंखला बनाकर इसे रोका। चीन अपनी हठधर्मी बता रहा है। भारत अपनी राजनयिक क्षमता से चीन को भी सबक देने के प्रयास में है। ऐसी विषय और असाधारण परिस्थिति में कांग्रेस की संकीर्ण सोच वास्तव में सोचनीय और दुखद है।
श्री लूनावत ने कहा कि वास्तव में चीन द्वारा उत्पन्न की गई इन परिस्थितयों का मूल कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. नेहरू की अंतर्राष्ट्रीय नेता बनने के उन्माद में की गई भूले हैं। उन्होंने भारत को मिलने वाली सुरक्षा परिषद सदस्यता चीन को भेंटकर दी जबकि अमेरिका और रूस इसके विरूद्ध थे। उन्होंने उसे तिब्बत मुल्क को जो अंग्रेजी शासन के दौरान पृथक मुल्क था पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के विरोध के बावजूद चीन को भेंट कर दिया। तिब्बत भारत-चीन के बीच कवच का काम करता था। यहीं नहीं तिब्बत में रहने वाली भारत की सेना की टुकड़ी को भी हटा लिया और सोचा कि चीन एहसानमंद होगा। कांग्रेस को भारत-चीन के संबंधों पर एनडीए सरकार से सवाल करने का नैतिक अधिकार नहीं है। राष्ट्र की सुरक्षा की जितनी जवाबदेही सत्तापक्ष की होती है, उतनी ही विपक्ष की होती है। कांग्रेस अपनी जवाबदेही के प्रति उदासीनता का सबूत दे रही है।

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