कूनो राष्ट्रीय पार्क में चीतों की मृत्यु का कारण प्राकृतिक है।
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पर्यावरण मंत्रालय ने आज कहा कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण-एनटीसीए के अनुसार प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि कूनो राष्ट्रीय पार्क में चीतों की मृत्यु के कारण प्राकृतिक है। एनटीसीए चीता परियोजना को लागू करने वाली संस्था है। दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से भारत लाये गए 20 चीतों में से मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय पार्क में पांच वयस्क चीतों की मृत्यु हो चुकी है।
रेडियो कॉलर से चीतों की मृत्यु होने संबंधी समाचारों पर पर्यावरण मंत्रालय ने कहा है कि इन समाचारों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है और ये अटकलबाजी तथा सुनी-सुनाई बातों पर आधारित है। मंत्रालय ने कहा है कि चीता परियोजना को अभी एक वर्ष भी पूरा नहीं हुआ है इसलिए इसकी सफलता या विफलता पर कुछ कहना जल्दबाजी है। मंत्रालय ने कहा है कि चीता परियोजना एक दीर्घकालीन परियोजना है। पिछले दस महीनों में परियोजना से संबंध सभी पक्षों ने चीता प्रबंधन, निगरानी और संरक्षण में महत्वपूर्ण समझ अर्जित की है।
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कूनो राष्ट्रीय पार्क में चीतों की मृत्यु का कारण प्राकृतिक है।
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