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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व किया, कहा – योग की शक्ति का उपयोग एक शांति प्रिय विश्‍व के निर्माण में किया जाना चाहिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व किया, कहा – योग की शक्ति का उपयोग एक शांति प्रिय विश्‍व के निर्माण में किया जाना चाहिए
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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने अमरीका के न्‍यूयार्क में संयुक्‍त राष्‍ट्र मुख्‍यालय में आज अंतर्राष्‍ट्रीय येाग दिवस के आयोजनों का नेतृत्‍व किया। संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के अध्‍यक्ष क्‍साबा कोरोसी, न्‍यूयार्क शहर के मेयर एरिक एडम्स सहित कई गणमान्‍य व्‍यक्तियों और 135 देशों के हजारों योग उत्‍साहियों ने योग सत्र में भाग लिया। योग सत्र में अधिकांश देशों के लोगों के भाग लेने से गिनीज वर्ल्‍ड रिकॉर्ड बन गया है। अधिकारियों के अनुसार संयुक्‍त राष्‍ट्र में योग दिवस आयोजन में 135 देशों के लोगों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री की उपस्थिति में गिनीज वर्ल्‍ड रिकॉर्ड का प्रमाण-पत्र संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत की स्‍थायी प्रतिनिधि रूचिरा कम्‍बोज को सौंपा गया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि योग का अर्थ सबको एकजुट करना हैं। उन्‍होंने कहा कि योग जीवन जीने की एक पद्धति है और तंदुरूस्‍त रहने का एक समग्र दृष्टिकोण है। योग सत्र में भाग लेने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र मुख्‍यालय में आए लोगों का धन्‍यवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि योग की शक्ति का उपयोग स्‍वस्‍थ रहने, प्रसन्‍न रहने और स्‍वयं तथा दूसरों के प्रति करूणामयी रहने के लिए किया जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि योग की शक्ति का उपयोग शांत विश्‍व तथा स्‍वच्‍छ, हरे-भरे और सतत भविष्‍य के लिए सेतू निर्माण में किया जाना चाहिए। उन्‍होंने लोगों से एक पृथ्‍वी, एक कुटुम्‍ब, एक भविष्‍य के लक्ष्‍य को साकार करने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया।

जीवन में योग के गुणों को उजागर करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि योग सभी के लिए आस्‍था और संस्‍कृति के लिए है। योग के महत्‍व को बताते हुए उन्‍होंने कहा कि यह अन्‍य लोगों और प्रकृति के साथ समरसता के साथ रहने का एक तरीका है। उन्‍होंने कहा कि योग को कहीं भी किया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि योग भारत की देन है और यह बहुत पुरानी परंपरा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभी प्राचीन परंपराओं की तरह योग भी जीवंत और गतिशील है और इस पर किसी का कोई कोपी राइट तथा पेटेंट नहीं है।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर मोटे अनाज के महत्‍व के बारे में भी बताया। उन्‍होंने कहा कि 2023 को अंतर्राष्‍ट्रीय मोटा अनाज वर्ष मनाने में भारत के प्रस्‍ताव का समर्थन करने के लिए संपूर्ण विश्‍व एकसाथ आया। उन्‍होंने कहा कि मोटा अनाज संपूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य के साथ-साथ पर्यावरण के लिए बहुत लाभकारी है।

इससे पहले, संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरश ने वीडियो संदेश में कहा कि बंटे हुए विश्‍व में योग दुनियाभर के लाखों लोगों को एकजुट करता है जिनके लिए यह ताकत, समरसता और शांति का स्रोत है। उन्‍होंने लोगों से एकजुटता की इस भावना को अपनाने और लोगों तथा पृथ्‍वी के लिए बेहतर और अधिक सौहार्दपूर्ण विश्‍व बनाने का संकल्‍प करने का आग्रह किया।

संयुक्‍त राष्‍ट्र मुख्‍यालय में लोगों को संबोधित करते हुए संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा अध्‍यक्ष क्‍साबा कोरोसी ने कहा कि योग मन, तन और पर्यावरण को साथ लाने का साधन है। उन्‍होंने कहा कि योग शारीरिक रूप से तंदरूस्‍त करता है।

इस अवसर पर न्‍यूयार्क शहर के मेयर एरिक एडम्‍स ने लोगों से योग की भावना को युद्ध, दमन, हिंसा और स्‍वच्‍छ जल की कमी के खिलाफ संघर्ष के लिए उपयोग करने को कहा।

संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत की स्‍थायी प्रतिनिधि रूचिरा कम्‍बोज ने कहा कि अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस का आयोजन वास्‍तव में बहुत विशेष है क्‍योंकि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इसका नेतृत्‍व किया है। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्‍व में ही 21 जून को ही अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया।

इससे पहले, अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री ने वॉल ऑफ पीस पर श्रद्धांजलि दी और संयुक्‍त राष्‍ट्र मुख्‍यालय के परिसर में स्थित महात्‍मा गांधी की आवक्ष मूर्ति पर पुष्‍पांजलि अर्पित की।

श्री मोदी अमरीका और मिस्र की पांच दिन की यात्रा के पहले चरण में कल रात न्‍यूयार्क पहुंचे थे।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व किया, कहा – योग की शक्ति का उपयोग एक शांति प्रिय विश्‍व के निर्माण में किया जाना चाहिए
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