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वर्तमान पीढ़ी को पर्यावरण-संरक्षण के लिए चेतना होगा: मुख्यमंत्री चौहान

वर्तमान पीढ़ी को पर्यावरण-संरक्षण के लिए चेतना होगा: मुख्यमंत्री चौहान
todayindia,todayindianews,todayindia24,shivrajsinghchouhan,mpcm,mpnews,madhyapradeshपौध-रोपण, बिजली- पानी की बचत और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने का लें संकल्प
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मिशन लाइफ का मंत्र देकर विश्व को दिशा दिखाई
मुख्यमंत्री ने विश्व पर्यावरण दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भौतिक प्रगति की अंधी चाह से बढ़े संसाधनों के शोषण ने प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ दिया है। इससे जलवायु परिवर्तन और क्लाइमेट चेंज के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। वर्ष 2050 तक धरती की सतह का तापमान 2 सेंटीग्रेड बढ़ने की संभावना है। इससे जीवन कठिनतम हो जाएगा। खेती में अत्यधिक रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के उपयोग का परिणाम कैंसर फैलने के रूप में सामने आ रहा है। भारत की माता-बहनें हजारों सालों से प्रकृति के प्रति संवेदनशील रही हैं, पेड़-पर्वतों की पूजा में उनका प्रकृति के प्रति आदर भाव अभिव्यक्त होता था। वर्तमान पीढ़ी को भी पर्यावरण-संरक्षण के लिए चेतना होगा, यदि हमने इस दिशा में सार्थक प्रयास नहीं किए तो आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती को हम रहने लायक नहीं छोड़ पाएंगे। पर्यावरण-संरक्षण के लिए प्रत्येक व्यक्ति को पौध-रोपण, बिजली की बचत, पानी बरबाद न करने और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प लेना होगा। इन आदतों में परिवर्तन कर हम धरती की सेवा कर सकते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) का मंत्र देकर पर्यावरण-संरक्षण के लिए विश्व को दिशा दिखाई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान पर्यावरण सुरक्षा और संरक्षण के प्रति जन-जागृति के लिए विश्व पर्यावरण दिवस पर मिशन लाइफ (लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरनमेंट) के राज्य स्तरीय कार्यक्रम का रविंद्र भवन में शुभारंभ कर रहे थे। कार्यक्रम से प्रदेश के सभी 52 जिले वर्चुअली जुड़े।

राज्य जलवायु परिवर्तन कार्य-योजना का किया विमोचन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने तुलसी के पौधे पर जल अर्पित किया और कन्या-पूजन एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने राज्य जलवायु परिवर्तन कार्य-योजना तथा प्रदेश के सात स्मार्ट शहर भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, सतना और सागर के क्लाइमेट एक्शन प्लान पुस्तिकाओं का विमोचन किया। साथ ही प्रदेश की तीन नवीन रामसर साइट्स सिरपुर वेटलेंड इंदौर, यशवंत सागर इंदौर और सांख्य सागर शिवपुरी के प्रमाण-पत्र भी संबंधित पदाधिकारियों को प्रदान किए। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा क्लाइमेट चेंज पीएच-डी फैलोशिप के स्वीकृती पत्र 5 शोधार्थियों को प्रदान किए गए।

मिशन लाइफ थीम पर एक लाख से अधिक कार्यक्रम करने वन विभाग सम्मानित

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आत्म-निर्भर गो-शाला विषय पर वेस्ट-टू-वेल्थ हेकाथॉन के दो सर्वश्रेष्ठ सुझावों के पुरस्कार सर्वश्री अनिल तोमर तथा डॉ. योगेंद्र कुमार सक्सेना को प्रदान किए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मिशल लाईफ की थीम पर वन विभाग द्वारा एक लाख से अधिक कार्यक्रम करने के लिए वन बल प्रमुख श्री रमेश गुप्ता को सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि विभिन्न विभागों द्वारा एक लाख 75 हजार कार्यक्रम मिशन लाइफ की थीम पर अब तक किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लाइफ वॉलेन्टियर्स के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके भोपाल, विदिशा, रायसेन और सीहोर जिले के परिचय-पत्र और प्रशिक्षण पुस्तिका भेंट की। ये युवा पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए कार्य करेंगे। इस कार्यक्रम में जलवायु परिवर्तन कार्य-योजना, क्लाइमेट चेंज फैलोशिप तथा लाईफ स्टाइल फॉर इन्वारमेंट पर केन्द्रित फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।

भारतीय संस्कृति में नीहित हैं प्रकृति संरक्षण के संदेश

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारतीय संस्कृति अद्भुत है। हमारे ऋषि- मुनियों ने प्रकृति से छेड़छाड़ के दुष्परिणामों को पहले से ही भाँप लिया था। भारतीय संस्कृति में यह माना जाता है कि एक ही चेतना हम सब में है। प्राणियों में भी वही चेतना है जो पुशओं में है। इसलिए गो-माता के साथ विभिन्न देवताओं के वाहनों के रूप में पशुओं की उपासना भारतीय जीवनशैली में आरंभ से ही शामिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक पेड़ कई जीवों को जीवन देता है। हमारी संस्कृति में वृक्षों की पूजा की जाती है। नदियों को माँ माना गया तथा गोवर्धन पूजा से पेड़-पर्वत और समग्र प्रकृति के संरक्षण का संदेश दिया गया।

पर्यावरण-संरक्षण के लिए सभी तत्वों में संतुलन आवश्यक- सांसद सुश्री ठाकुर

भोपाल सांसद सुश्री प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि मानव जीवन जिन तत्वों से बना है उनकी रक्षा और उनमें परस्पर संतुलन बनाए रखना जरूरी है। वेदों में भी सभी तत्वों के संतुलन पर बल दिया गया है। किसी भी तत्व का विकराल रूप लेना मानव जीवन के लिए हानिकारक है। पर्यावरण-संरक्षण इस संतुलन को बनाए रखने का एक प्रयास है। जीवन की निरंतरता के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा दिये गए मिशन लाइफ के मंत्र का अनुसरण आवश्यक है। प्रमुख सचिव श्री गुलशन बामरा ने बताया कि राज्य स्तरीय कार्यक्रम में पर्यावरण-संरक्षण के क्षेत्र में सक्रिय संस्थाओं के प्रतिनिधि, पर्यावरण प्रेमी तथा भोपाल, राजगढ़, रायसेन और सीहोर के लाइफ वॉलेंटियर शामिल हैं।

मध्यप्रदेश वार्षिक पर्यावरण पुरस्कार

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश वार्षिक पर्यावरण पुरस्कार भी प्रदान किए। इसमें अत्यंत प्रदूषणकारी उद्योगों की श्रेणी में मेसर्स नवीन फ्लोरीन इंटरनेशनल देवास, सामान्य उद्योगों की श्रेणी में मेसर्स जॉन डियर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड देवास, खनिज उत्खन्न में मैहर जिला सतना की आरसीसीपीएल प्राइवेट लिमिटेड, लघु उद्योगों में ट्राइटेंड डिटर्जेंट, चिकित्सालय श्रेणी में अमृता हॉस्पिटल शहडोल, शिक्षण संस्था श्रेणी में शासकीय पूर्व प्राथमिक प्रशिक्षण संस्थान जबलपुर, सेज इंटरनेशनल कोलार रोड भोपाल और एनजीओ श्रेणी में मृत्युन्जय जीवन धारा हेल्थ केयर चेरिटेबल ट्रस्ट देवास को प्रमाण-पत्र और स्मृति-चिन्ह भेंट किए गए।
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वर्तमान पीढ़ी को पर्यावरण-संरक्षण के लिए चेतना होगा: मुख्यमंत्री चौहान
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