23/06/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने कृषि उत्पाद मूल्य और विपणन आयोग का गठन कर किसानों के उत्पाद का उचित मूल्य निर्धारित किये जाने और विपणन व्यवस्था के लिए वांछित तंत्र बनाकर किसान के आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त किया है। इससे अन्नदाता की दीर्घकालिक समस्याओं का स्थायी समाधान होगा। किसान के हित में मार्केट इंटरवेशन सुनिश्चित होगा। आयोग का गठन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के अन्नदाता के प्रति संवेदनशीलता का सबूत है, यह स्वागत योग्य कदम है। आयोग इस बात का भी अध्ययन करेगा कि आने वाले दिनों में जलवायु परिवर्तन की चुनौती से और प्राकृतिक आपदा की चुनौतियों से कैसे निपटा जाये? कृषि का किस तरह आधुनिकीकरण हो यह भी आयोग किसानों को विश्वास में लेकर कर सुझायेगा।
उन्होनें कहा कि दरअसल आजादी के बाद किसान का आर्थिक पक्ष दुर्लक्ष्य का शिकार बना। 1966-67 में देश में कृषि की हरित क्रांति का दावा किया गया। सरकार का लक्ष्य केवल कृषि उत्पादन बढ़ाना और कृषि उत्पादों का मूल्य स्तर स्थिर बनाये रखना रह गया। किसानों की चिंता नहीं हुई। किसान उचित मूल्य से वंचित रहा। कृषि लागत तो बढ़ती गयी उसे अनुपात में किसान को मूल्य नहीं मिला। किसान की बदहाल हालत का मुख्य कारण किसान की लूट रह गया। आज किसान कर्जदार कहा जाता है, लेकिन यदि वास्तविकता को देखा जाये तो देश किसान के त्याग और तपस्या का ऋणी है। किसान का कर्ज चुकाने की चिंता राज्य सरकार ने कृषि लागत, उत्पाद मूल्य और उसके लाभकारी विपणन के लिए आयोग की स्थापना का निर्णय लेकर की है।
श्री चौहान ने बताया कि कृषि उत्पाद मूल्य और विपणन आयोग में अनुभवी कृषि भूमिका में मर्मज्ञ आयोग का अध्यक्ष होगा। आयोग में उत्पाद विपणन में कुशल व्यक्ति और कृषि अर्थशास्त्री मनोनीत किये जायेंगे। साथ ही कृषि विभाग से संबंद्ध अधिकारी इसके सदस्य होंगे। किसान कल्याण संचालक आयोग का सचिव होगा। आयोग वर्ष में तीन प्रतिवेदन सरकार को सौंपेगा। श्री चौहान ने कहा कि किसान का आर्थिक सशक्तिकरण समय की मांग है। उसके उत्पाद का उचित मूल्य मिले और लागत कम हो यह सरकार की प्रतिबद्धता है। इसे पूरा करने में यह आयोग मील का पत्थर सिद्ध होगा।