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कारीगर आयोग के गठन से परंपरागत शिल्पों को नवजीवन मिलेगा- ग्रामीण विकास बुनकर प्रकोष्ठ

14/06/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी ग्रामीण विकास पंचायती राज और बुनकर प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक श्री विजयपाल सिंह ने कारीगर आयोग के गठन पर राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे ग्रामीण भारत के परंपरागत शिल्पों का पुनरूत्थान होगा। ये शिल्प कभी देश की अर्थव्यवस्था में भागीदार रहे है, लेकिन मशीनीकरण और बाजारवाद के कारण उपेक्षा का शिकार हुए है।
उन्होंने कहा कि हाथ करघा से बनने वाला रेशमी का वस्त्र और कपड़ा निर्यात होता था, लेकिन अंग्रेजी सरकार ने देशी शिल्प को निरूत्साहित किया। देश के करोड़ो बुनकर, माटीकला के उत्पाद के निर्माता आजाीविका से वंचित होकर आर्थिक विपन्नता का शिकार हुए है, इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इनका योगदान नगण्य हो गया। कारीगर आयोग परंपरागत शिल्पियों की सामाजिक आर्थिक स्थिति का अध्ययन कर सरकार को उनके कल्याण की दिशा में सलाह देगा जिससे परंपरागत शिल्प और शिल्पियों के अच्छे दिन आयेंगे।

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