12/06/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री रणवीर सिंह रावत ने कहा कि श्री शिवराज सिंह चौहान किसान का दुःख-दर्द समझते है। मुख्यमंत्री ने समर्थन मूल्य से कम पर कृषि उत्पाद खरीदे जाने को दंडनीय अपराध बनाकर किसान को आर्थिक कवच दिया है।
श्री रावत ने कहा कि 2006 में गठित स्वामीनाथन आयोग ने किसानों के हित में अनुशंसाएं की थी। उन अनुशंसाओं पर मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए कुछ पर तो पहले ही अमल शुरू कर दिया है। डॉ. स्वामीनाथन ने 4 प्रतिशत ब्याज पर किसानों को कर्ज की अनुशंसा की थी, लेकिन मध्यप्रदेश में पहले ही जीरों प्रतिशत ब्याज पर कर्ज दिया जा रहा है। खाद बीज के लिए माईनस 10 प्रतिशत पर कर्ज दिया जा रहा है। यह कदाचित देश-विदेश में अनूठी और विलक्षण पहल है, जिसकी सर्वत्र सराहना किसान कर रहे है।
उन्होनें कहा कि प्रदेश सरकार अपने दूरदर्शी चिंतन और प्रतिबद्धतापूर्ण अमल के कारण डॉ. स्वामीनाथन आयोग के कृषि दर्शन से भी आगे निकल चुकी है। सिंचन सुविधा का 40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तार इसका सबूत है। मालवा की धरती पर नर्मदा के जल से खेती हो रही है। क्षिप्रा, कालीसिंध, गंभीर, पार्वती नदी मंे नर्मदा का जल उद्वहन कर छोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी है।
श्री रणवीर सिंह रावत ने कहा कि मध्यप्रदेश 2022 तक किसान की आय दोगुना करने की दिशा में भागीरथ प्रयासों से आगे बढ़ रहा है। गांव-गांव में ‘विलेज नालेज सेंटर’ खोले जायेंगे, जहां किसानों को हर मौसम में फसल के बारे में जानकारी मिलेगी और किसानों को जागरूक बनाया जायेगा। प्रदेश में सभी नगरों में किसान बाजार बनेंगे, जिसमें किसान अपनी उपज सीधे खरीददारों को बेच सकेंगे जिससे बिचैलियों की भूमिका समाप्त होगी। उन्होनें कहा कि किसान की भूमि न तो किसान की मर्जी के बिना अधिग्रहित होगी और न ही उसे अपनी जमीन से बेदखल किया जायेगा। प्रदेश शांति, सद्भाव का टापू है लेकिन कांग्रेस ने नजर लगाने का काम किया है। कांग्रेस राजनैतिक एवं वैचारिक स्तर पर हताश हो चुकी है और वह समाज को भ्रमित करके राजनैतिक रोटियां सेंकने का काम कर रही है लेकिन किसान कांग्रेस की सियासी चालें समझ चुका है और भ्रमित होने वाला नहीं है।