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विदेशमंत्री एस जयशंकर ने कहा-बदलती विश्‍व व्‍यवस्‍था बहुगठबंधन, देशों की नीतियों, प्राथमिकताओं और हितों पर आधारित होगी

विदेशमंत्री एस जयशंकर ने कहा-बदलती विश्‍व व्‍यवस्‍था बहुगठबंधन, देशों की नीतियों, प्राथमिकताओं और हितों पर आधारित होगी
SJaishankar,ForeignministerFILE PIC
विदेशमंत्री डॉ सुब्रह्मणयम जयशंकर ने कहा है कि विश्व व्यवस्था बहु-गठबंधन और नीतियों, प्राथमिकताओं तथा हितों पर आधारित होगी। ऑस्ट्रिया के पत्र डाइ प्रेसी के साथ साक्षात्कार में विदेशमंत्री ने कहा कि इस ढांचे में सभी देश अपनी विशेष नीतियों प्राथमिकताओं और हितों का चयन कर सकेंगे। भारत का उदाहरण देते हुए श्री जयशंकर ने कहा कि भारत ने यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करने के दबाव को खारिज कर दिया और उसी समय रूस को अपना सबसे बड़ा तेल आपूर्ति करने वाला देश बना लिया। डॉ जयशंकर ने फिर कहा कि रूस के साथ संबंधों में कटौती करने का भारत का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि रूस ने दशकों की गुटनिरपेक्षता के समय में हथियारों के साथ भारत का समर्थन किया था जबकि अमरीका ने भारत के चिरशत्रु पाकिस्तान को बढ़ावा दिया।

यूक्रेन संघर्ष के बारे में और आज का युग युद्ध का नहीं बताए जाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शब्दों का समर्थन करते हुए डॉ जयशंकर ने दोनों देशों से अपने मतभेदों को संवाद और राजनयिक माध्यम से दूर करने का आह्वान किया। विदेशमंत्री ने नई विश्व व्यस्था, यूक्रेन युद्ध और चीन की चुनौतियों के बारे में यूरोपीय देशों को सलाह दी और कहा कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के साथ छेड़-छाड़ करने से सतर्क रहने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों को यह समझने की आवश्यकता है कि जीवन के कठिन पहलुओं को दूसरों द्वारा ध्यान दिए जाने पर हमेशा नहीं छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि एक ही शक्ति का दबदबा बना रहता है तो कोई भी क्षेत्र स्थिर नहीं रह सकता।विदेशमंत्री की छह दिन की साइप्रस और ऑस्ट्रिया की यात्रा कल संपन्न हुई।

साइप्रस की यात्रा के दौरान रक्षा और सैन्य सहयोग के बारे में सहमति पत्रों तथा प्रवास और गतिशीलता संबंधी आशय पत्रों पर हस्ताक्षर हुए। साइप्रस के विदेशमंत्री आईओनिस कसोल्डिस के साथ बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच उत्कृष्ट आपसी संबंधों और निकट सहयोग की सराहना की। उन्होंने राजनीतिक, आर्थिक, वाणिज्यिक और सांस्कृतिक संबंधों सहित द्विपक्षीय संबंधों की विस्तृत समीक्षा की। ऑस्ट्रिया में विदेशमंत्री ने वहां के विदेशमंत्री अलेक्जेंडर शालेनवर्ग के साथ बातचीत की। दोनों देशों ने प्रवास और गतिशीलता के क्षेत्रों सहित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। वर्किंग अवकाश कार्यक्रम समझौते पर हस्ताक्षर होने से भारतीय नागरिक ऑस्ट्रिया में रोजगार की तलाश कर सकेंगे और छह महीनों तक वर्क परमिट के बिना भी काम कर सकेंगे।
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विदेशमंत्री एस जयशंकर ने कहा-बदलती विश्‍व व्‍यवस्‍था बहुगठबंधन, देशों की नीतियों, प्राथमिकताओं और हितों पर आधारित होगी
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