नरसिंहपुर | 26-मई-2017
प्रदेश के लोक निर्माण, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री और नरसिंहपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह ने सींगरी नदी पुनर्जीवन अभियान का जायजा नरसिंहपुर में शुक्रवार को लिया। उन्होंने सेन्ट्रल स्कूल के समीप संकट मोचन घाट पहुँचकर अभियान के अन्तर्गत कराये जा रहे कार्यों का अवलोकन किया। प्रभारी मंत्री ने सींगरी नदी के समीप रहने वाले स्थानीय निवासियों को डस्टबिन का वितरण भी किया। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने घरों का कचड़ा सींगरी में नहीं डालें । कचड़ा को डस्टबिन में ही डालें। सींगरी नदी में गंदगी नहीं होने दें।
इस अवसर पर सांसद श्री राव उदय प्रताप सिंह, विधायक श्री जालम सिंह पटैल, श्री संजय शर्मा, अपैक्स बैंक के पूर्व उपाध्यक्ष श्री कैलाश सोनी, कलेक्टर डॉ. आरआर भोंसले, पुलिस अधीक्षक श्री मुकेश श्रीवास्तव, सीईओ जिला पंचायत सुश्री प्रतिभा पाल, अपर कलेक्टर श्री जे समीर लकरा, एसडीएम श्री जीएस धुर्वे, मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री नीरज श्रीवास्तव और नागरिकगण मौजूद थे।
इस अवसर पर प्रभारीमंत्री ने कहा कि सींगरी नदी के पुनर्जीवन अभियान में जो सेवा कार्य करने का संकल्प स्थानीय लोगों ने लिया है वह सराहनीय है। यह अनूठी पहल प्रदेश में उदाहरण बनेगी। इस कार्य में उन्होंने स्थानीय मीडिया की भूमिका की सराहना भी की। स्थानीय निवासियों ने यहां सड़क, पुलिया आदि के निर्माण की मांग रखी। जिस पर प्रभारी मंत्री ने शासन स्तर से आवश्यक पहल करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने स्थानीय निवासियों से उनकी समस्याओं की जानकारी ली और निराकरण के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। श्री सिंह ने पात्रतानुसार प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिलाने के लिए कहा। उन्होंने एक विधवा महिला का पेंशन का प्रकरण तैयार करने के लिए निर्देशित किया।
विधायक श्री जालम सिंह पटैल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश की नदियों के पुनरोद्धार का सराहनीय निर्णय लिया है। सींगरी नदी जिले की पहचान है। सींगरी के पुनर्जीवन का अभियान अच्छी पहल है। इस दिशा में हरसंभव मदद दी जायेगी। श्री पटैल ने यहां स्थानीय निवासियों की मांग के अनुरूप विभिन्न विकास कार्यों के लिए विधायक निधि से राशि उपलब्ध कराने के लिए आश्वस्त किया।
जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी श्री प्रभात कनौजे ने सींगरी पुनर्जीवन अभियान की रूपरेखा बतायी। उन्होंने बताया कि अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सींगरी के तटवर्ती क्षेत्रों में किनारा समिति गठित की जा रही हैं। स्थानीय निवासियों के लिए डस्टबिनों का वितरण शुरू किया गया है। डस्टबिनों में घरों से निकलने वाले जैविक एवं अजैविक कचड़े को अलग- अलग इकट्ठा किया जायेगा। सड़ने वाले जैविक कचड़े से केंचुआ खाद बनाई जायेगी। घरों से निकलने वाले गंदे पानी के लिए सोक-पिट बनाये जायेंगे। गंदे पानी को सींगरी में नहीं जाने दिया जायेगा।