विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रहमण्यम जयशंकर ने कहा – जलवायु परिवर्तन के संघर्षों को देखते हुए दुनिया में मोटे अनाज का महत्व बढ रहा है
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विदेश मंत्री डॉ0 एस जयशंकर ने कहा है कि कोविड, जलवायु परिवर्तन और संघर्षों को देखते हुए आज दुनिया में पोषक अनाज का महत्व बढ गया है। वे भारत में साल भर चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के सिलसिले में नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। डॉ0 जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि पोषक अनाज खाद्य सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोविड ने दुनिया को याद दिलाया कि महामारी का खाद्य सुरक्षा के साथ बडा संबंध है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की वजह से उत्पादन में कमी और व्यापार में व्यवधान आने की आशंका है। उन्होंने सुझाव दिया कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में खाद्य सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए।
इस अवसर पर कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष से खाद्य सुरक्षा और पोषण में मोटे अनाज के महत्व के प्रति जागरूकता पैदा होगी। उन्होंने कहा कि भारत पोषक अनाज के प्रमुख उत्पादकों में से एक है। श्री तोमर ने कहा कि मोटे अनाज की खेती जलवायु अनुकूल है, जो सूखा प्रभावित क्षेत्रों में भी उगाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्रालय पोषक अनाज की खपत और पैदावार में बढोतरी के लिए अभियान के रूप में काम कर रहा है।
प्रमुख कार्यक्रम शुरू होने से पहले आयोजित समारोह में साठ से अधिक देशों के भारत स्थित उच्चायुक्तों और राजदूतों ने हिस्सा लिया। मोटे अनाज में प्रोटीन, फाइबर और खनिज की मात्रा चावल और गेंहू की तुलना में अधिक होती है। उन्होंने कहा कि प्रमुख पोषक अनाज में ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का और चौलाई शामिल हैं।
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विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रहमण्यम जयशंकर ने कहा – जलवायु परिवर्तन के संघर्षों को देखते हुए दुनिया में मोटे अनाज का महत्व बढ रहा है
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