23/05/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि 1 जुलाई से देश में लागू होने जा रही जीएसटी व्यवस्था से महंगाई में 2 प्रतिशत की कमी आयेगी। उत्पाद और सेवाओं के मूल्यों में कमी आयेगी क्योंकि वस्तुओं की लागत कम होगी। केन्द्र सरकार ने वाणिज्य क्षेत्र से कहा है कि महंगाई कम होने का लाभ उपभोक्ताओं को पहुँचना चाहिए। इसके लिए एंटी प्राफिरियरिंग प्राधिकार का गठन किया जा रहा है जो उत्पादन लागत जानने के लिए बैलेंस शीट का निरीक्षण करेगा। केन्द्र सरकार ने यह भी व्यवस्था की है कि जीएसटी लागू होने के पहले भी मूल्य बढ़ाकर मुनाफा कमाने के लालच में दंड का भागी न बनें।
उन्होंने कहा कि गत सप्ताह श्रीनगर में संपन्न बैठक में जीएसटी परिषद ने 1200 वस्तुओं के टैक्स स्लेब निर्धारित कर दिए है। नतीजन बहुत सी वस्तुओं के मूल्य घटेंगे। खाद्यान्न और बहुत से खाद्य पदार्थो को जीरो प्रतिशत टैक्स स्लेब में रखा गया है। जीएसटी परिषद ने 55 वस्तुओं को विशेष उपकर की श्रेणी में रखा है। ये वस्तुएं समाज को या तो अहितकारी है अथवा विलासिता से संबंद्ध उत्पाद है। इन 55 वस्तुओं पर लगने वाले उपकर से संग्रहित राशि राज्यों को पहुँचने वाली क्षति की पूर्ति के लिए दी जायेगी।
श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि जीएसटी को लेकर मंहगाई बढ़ने की अतिश्योक्तिपूर्ण खबरें आ रही थी लेकिन जीएसटी में जिस तरह 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत टैक्स की दरें और उनमें वस्तु और सेवाओं का निर्धारण किया गया है उससे सारी आशंकाएं काफूर हो गयी है। उन्होंने कहा कि फिलहाल उत्पादों पर कमोवेश 32 प्रतिशत टैक्स सभी 16 टैक्सों को मिलाकर वसूला जाता है। ये सभी राज्य और केन्द्र के टैक्स समाप्त होकर एकल जीएसटी टैक्स रह जायेगा। निश्चित रूप से इस क्रांतिकारी पहल का श्रेय श्री नरेन्द्र मोदी सरकार को ही मिलेगा, क्योंकि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने ही संसद में विधेयक प्रस्तुत किया और राजनैतिक सहमति बनाने में सफलता प्राप्त की। जीएसटी लाने पर विचार पूर्ववर्ती एनडीए सरकार के समय आया था। बाद में डॉ. मनमोहन सिंह सरकार ने भी इसका मसौदा तैयार किया लेकिन जनसमस्याओं का समाधान कर सहमति बनाने का श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली को मिला है।