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चौबीस सौ गरीब कन्याओं का विवाह महाकुम्भ अद्भुत और प्रेरणादायी

भोपाल : सोमवार, मई 22, 2017
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 15 मई को अमरकंटक में नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा के पूर्णता के अवसर पर महाकुम्भ हुआ था। आज 2400 बेटियों के विवाह का महाकुम्भ सिंगरौली में हुआ है। दोनो महाकुम्भ भव्य, पवित्र और अद्भुत रहे हैं। गरीब परिवार की बेटियों के लिए इस विवाह महाकुम्भ से हर व्यक्ति को प्रेरणा लेकर गरीब बेटियों की सुखमय जीवन के लिए सामूहिक प्रयास कर ऐसे आयोजन करने चाहिए। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के इस विशाल आयोजन ने मध्यप्रदेश में रिकार्ड कायम किया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान सिंगरौली जिले के बैढ़न नगर में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अन्तर्गत आयोजित विशाल विवाह समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर 200 निकाह भी हुए। श्री चौहान ने कहा कि 15 मई को अरमकंटक के महाकुम्भ में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी भी शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा के उद्देष्य की पूर्णता और जन सहयोग से गदगद और प्रसन्न हुए थे। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी के प्रवाह को अविरल बनाए रखने और प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा ने बड़े जन-आन्दोलन का रूप लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश की प्रत्येक नदी को बचाना एवं संरक्षित करना है। अतः किसी भी नदी में मशीनों के माध्यम से उत्खनन नहीं होगा। मशीनों के उत्खनन पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध रहेगा। नर्मदा नदी से कहीं भी रेत उत्खनन नहीं होने दिया जाएगा। यह आंदोलन अलग-अलग रूपों में जारी रहेगा। नर्मदा नदी से उतनी ही रेत निकाली जा सकेगी जितनी रेत निकालने से नर्मदा नदी के पर्यावरण और नदी को नुकसान नहीं पहुँचेगा। कितनी रेत उत्खनन करना होगा यह वैज्ञानिक सलाह के आधार पर तय होगा तथा निर्णय एक समिति करेगी जिसके अध्यक्ष प्रदेश के उद्योग मंत्री होंगे। यदि शासन के निर्णय के विरूद्ध नदियों से रेत उत्खनन होता है तो कार्यवाही की जायेगी। रेत ढोने वाले डम्पर, उत्खनन में लगी मशीन जप्त की जायेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सिंगरौली के इस कन्या विवाह महाकुम्भ की सफलता प्रशासन, जन-प्रतिनिधियों, समुदाय और जन सहयोग से सम्भव हुई है। मैं गदगद और प्रसन्न हूँ। पहले एक साथ 11 सौ कन्या विवाह का रिकार्ड बड़वानी जिले का रहा है। आज 2400 कन्याओं का सामूहिक विवाह प्रेरणास्पद है। गरीब कन्याओं के विवाह के अवसर पर इतना भव्य और अदभुत आयोजन वर-वधू के साथ उनके परिवारजनों को खुशी और आनन्द से भर देता है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि जब वे विधायक थे और भ्रमण में एक गांव पहुँचे तो ग्रामीणों ने उनसे बिना माता-पिता की गरीब कन्या के विवाह के लिए शासन की मदद दिलाने की मांग की थी। तब शासन की कन्या विवाह योजना नहीं थी। ऐसी स्थिति में मैने स्वयं उस कन्या का विवाह करवाया। कन्या के पैर पूजे। यह बात 1991 की है। उसके बाद मैने संकल्प किया कि अब गरीब कन्याओं का यथासम्भव विवाह करवाऊँगा। संसद सदस्य बनने के बाद भी क्रम जारी रहा। सांसद रहते जो भत्ता मिलता था उससे गरीब कन्याओं का विवाह कराता रहा। बर्ष 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने 2006 में प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना लागू की गई।

मुख्यमत्री श्री चौहान ने कहा कि जब बेटी के विवाह की चिन्ता मामा कर रहा है तो बेटी को संसार में आने दो। बेटियों को बचाओ और बेटा और बेटी को समान मानों। मुख्यमंत्री ने बेटियों के लिए राज्य शासन की लाड़ली लक्ष्मी योजना, गणवेश, पाठ्यपुस्तक, साइकिल वितरण, स्थानीय निकायों के निर्वाचन में 50 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं के लिए, शिक्षक पदों में 50 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए होने का नियम बनाया गया है। उन्होंने कहा वन विभाग को छोड़कर पुलिस सहित अन्य सभी शासकीय विभागों के 33 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्या विवाह में कन्या को 17 हजार रूपए नगद जो कि कन्या के बैक खाते में जमा होगें, शासन द्वारा दिए गए हैं। पॉच हजार का गृहस्थी का सामान दिया जा रहा है और तीन हजार रूपए स्मार्टफोन के लिए दिए जा रहे हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत हर कन्या को घरेलू गैस कनेक्शन दिया जा रहा है। उन्होंने सभी बेटी और दामाद को प्रसन्नता, समृद्धि और खुशहाल जीवन का आशीर्वाद दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहॉ मॉ बेटी बहन का सम्मान होता है वहीं समृद्धि रहती है और ईश्वर का बास होता है। मुख्यमंत्री ने बताया वे गत दिवस बैतूल यात्रा के दौरान एक आदिवासी परिवार के घर गए थे। मेहमानों के पैर धोने आई कन्या से उन्होंने पैर नहीं धुलवाएं। स्वयं कन्या के पैर धोए और पवित्र जल को माथे से लगाया। उन्होंने कहा कि हम सबको बेटी का सम्मान करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने गरीब परिवारों के कल्याण एवं विकास की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि गरीब जिनके पास आवास निर्माण हेतु जमीन नहीं है उसे आवास हेतु जमीन दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की धरती पर हर गरीब को वर्ष 2022 तक स्वयं का आवास दिया जाएगा। इस योजना के अन्तर्गत सिंगरौली जिले में इस वर्ष 13 हजार 770 मकान बनाये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके पास बेटा बेटियों के पत्र आते रहे हैं कि वे पढ़ने में अच्छे हैं लेकिन उच्च शिक्षा के लिए माता पिता के पास पैसा नहीं है तो राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि 12वीं की परीक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक से उत्तीर्ण करने पर मेडिकल, इन्जीनियरिंग या अन्य विधाओं के उच्च संस्थानों में प्रवेश मिलने पर शिक्षण संस्था का शिक्षण शुल्क राज्य शासन द्वारा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए राज्य शासन द्वारा एक हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। अतः बेटा-बेटियों की आँखों के सपनों को टूटने नहीं दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैने सिंगरौली को जिला बनाया है। इसे सिंगापुर जैसा विकसित बनाने राज्य शासन प्रयासरत है। बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। सीवेज के लिए धन स्वीकृत हो गया है। यहॉ पर एयरपोर्ट बनेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण के लिए 90 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। सिंगरौली भारत की ऊर्जा राजधानी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शालाओं और आश्रमों में सभी जरूरी सुविधाएं पूरी की जाएंगी। महाविद्यालय की मांग पूर्ण होगी। शालाओं का नियमानुसार उन्नयन होगा। मोरवा नगर को कोयला खनन के लिए उजड़ने नहीं दिया जाएगा। भारत सरकार से इस विषय में चर्चा की जाएगी।

मुख्यमत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच में आते ही स्वागत करने की घोषणा की गई लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मैं घराती हूँ। अतः मेरा नहीं बल्कि बारात का स्वागत किए जाये। स्वागत गीत के लिए जो बेटियॉ खड़ी हुईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मेरे स्वागत में गीत न गाकर मेरी भान्जियों के स्वागत एवं विवाह गीत गाओ। गीत गाने वाली कन्याओं को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से 25 हजार रूपए का चेक प्रदान किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने वर-वघू को आशीर्वाद प्रदान किया।

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