राज्य आनंद संस्थान ने दो शीर्ष शिक्षण संस्थानों के साथ किये एम.ओ.यू.
जबलपुर के आंनद क्लब के लिये श्री रेखी ने दिये एक लाख डॉलर
भोपाल : मंगलवार, मई 16, 2017
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जरूरतमंद बच्चों को खिलौने उपलब्ध करवाने की पहल शीघ्र ही की जायेगी। उन्होंने कहा कि बच्चों के बड़े होने के बाद नागरिकों से प्राप्त अनुपयोगी खिलौनों को जरूरतमंद बच्चों में वितरित करवाया जायेगा। श्री चौहान ने यह बात आज मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर राज्य आनंद संस्थान ने आई.आई.टी. खड़गपुर और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस हैदराबाद के साथ अलग-अलग दो एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किये।
जबलपुर से स्कूली शिक्षा प्राप्त श्री सतविंदर सिंह रेखी ने जबलपुर में आनंद क्लब की स्थापना के लिये एक लाख डॉलर अर्थात करीब 65 लाख रूपये देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री रेखी की भावना का सम्मान करते हुए इसे रेखी सेंटर ऑफ हैप्पीनेस का नाम दिये जाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री लालसिंह आर्य और मुख्य सचिव श्री बसंत प्रताप सिंह भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार जनता के जीवन में खुशियाँ बढ़ाने के लिये निरंतर प्रयत्नशील है। जनता के जीवन में खुशियाँ बढ़े, इस दिशा में नये विचार को क्रियान्वित करने के लिये आनंद संस्थान के तत्वावधान में आनंदम, आनंद क्लब और आनंद उत्सव आदि अनेक गतिविधियों का संचालन किया गया है। इन गतिविधियों में स्व-प्रेरणा से 33 हजार से अधिक स्वयंसेवक जुड़ गये हैं। उन्होंने कहा कि देने और जरूरत की वस्तु मिलने पर वस्तु देने और प्राप्त करने वाले, दोनों व्यक्तियों को परस्पर आनंद की प्राप्ति होती है। प्रदेश के 172 स्थान पर देने-लेने के परस्पर आनंद की गतिविधियाँ हो रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आनंद संस्थान द्वारा शीर्ष संस्थाओं के साथ किये गये एम.ओ.यू. देश दुनिया को आनंदित करने के प्रयासों को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया आनंद प्राप्ति की खोज में भटक गई है। आवश्यकता अंतर्मुखी होने की है। अनुभव बताते है कि पद, पैसा अथवा प्रतिष्ठा से आनंद की प्राप्ति नहीं होती है। खुशियाँ आत्मिक अनुभव है। व्यक्ति अपनी ऊर्जा का बड़ा हिस्सा राग-द्वेष और अंधी प्रतिस्पर्धा में व्यर्थ कर देता है। सकारात्मक सोच के साथ कर्त्तव्यों के पालन से अदभुत आनंद की प्राप्ति होती है। उन्होंने नर्मदा सेवा यात्रा को आनंद का ऐसा ही कार्य बताया।
बताया गया कि आई.आई.टी खड़गपुर के साथ राज्य के हैप्पीनेस इंडेक्स को तैयार करने के लिए आवश्यक अनुसंधान तथा सर्वे प्रश्नावली तैयार करने का मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग हस्ताक्षरित किया गया है। आई.आई.टी. खड़गपुर राज्य आंनद स्थान के साथ मिलकर देश तथा विदेश से इस क्षेत्र में कार्य करने वाले प्रख्यात व्यक्तियों/संस्थाओं से सम्पर्क कर हैप्पीनेस इंडेक्स की रूपरेखा तैयार करवायेगा, जिसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हो सके। राज्य में नागरिकों के बीच आनंद का स्तर जानने के लिए सर्वे का कार्य करेगा।
इसके साथ ही राज्य में आनंद के विषय पर ऑनलाईन तथा ऑफ लाईन कोर्स तैयार किए जाएंगे जिससे परिपूर्ण जीवन जीने की शैली से लोगों का परिचय हो सके। प्रसन्नचित्त रहने के लिए जो प्रयास आवश्यक है उन्हें भी ऑनलाईन तथा ऑफ लाईन कोर्स के माध्यम से लोगों तक पहुँचाया जाएगा। इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस हैदराबाद ‘अ लाइफ ऑफ हेप्पीनेस एण्ड फुलफिलमेंट’ कोर्स चला रहा हैं। यह अंग्रेजी में ऑन लाईन उपलब्ध है। मध्यप्रदेश के नागरिकों को इस कोर्स का लाभ मिल सके, इसके लिये कोर्स का हिन्दी में अनुवाद करवाकर शुरू करने का एम.ओ.यू. इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के साथ हस्ताक्षरित किया गया। उल्लेखनीय है कि इस कोर्स को अभी तक 2 लाख लोग कर चुके हैं। इसे पूरे विश्व में ख्याति मिली है।
मुख्यमंत्री को बैठक में राज्य आनंद स्वयंसेवकों ने अपने जिलों में अल्प विराम एवं अन्य किये गये कार्यों के संबंध में जानकारी समक्ष में एवं वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा दी गई। अपर मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस ने राज्य आनंदम संस्थान की रूप रेखा और संचालित गतिविधियों की जानकारी दी। आभार प्रदर्शन मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री मनोहर दुबे ने किया। संचालन श्री प्रवीण गंगराड़े ने किया। कार्यक्रम में आई.आई.टी. खड़गपुर के निदेशक श्री पी.पी. चक्रवर्ती, डॉ. प्रियदर्शी पटनायक, इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस हैदराबाद की सुश्री रीमा गुप्ता भी मौजूद थी।