• Sat. Nov 23rd, 2024

कपिलधारा कुँए बने गरीब किसानों की ताकत

मध्यप्रदेश में साढ़े तीन लाख से अधिक कुँए निर्मित
भोपाल : रविवार, मई 14, 2017
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम, मनरेगा से बनाये गये कपिलधारा कुओं से मध्यप्रदेश के गरीब किसानों की सामाजिक, आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। अब कपिलधारा कुँए इन गरीब किसानों की ताकत बन गए है। सिंचाई के ठोस इंतजाम से साल में तीन फसल के उत्पादन ने इनकी आमदनी कई गुना बढ़ा दी है। प्रदेश के गरीब किसानों की निजी भूमि में सिंचाई सुविधा के लिए बनाये गये कपिलधारा कुओं से किसान अपने खेतों में साल में दो से तीन फसल, बागवानी तथा सब्जियों के उत्पादन का लाभ ले रहे हैं। भरपूर फसल उत्पादन से किसानों की सालाना आमदनी में कई गुना इजाफा हुआ है। अब तक तंगहाली में गुजर-बसर करने वाले बेहतर जीवन-यापन कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश में मनरेगा योजना प्रारंभ से अब तक गरीब किसानों की असिंचित जमीन पर लगभग 3 लाख 57 हजार 522 से अधिक कपिलधारा कुओं का निर्माण किया जा चुका है। जिससे 4 लाख 74 हजार 425 हेक्टेयर असिंचित रकबा सिंचित रकबे में तब्दील हुआ है। कपिलधारा कुओं की बदौलत अभी तक बंजर रहने वाली जमीन हरी-भरी होकर विभिन्न किस्म के अनाज, फल, सब्जियों आदि का उत्पादन कर रही हैं।

मनरेगा की कपिलधारा योजना गरीब किसानों की गरीबी दूर करने और उनके जीवन में खुशहाली लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। प्रदेश के ऐसे गरीब किसान जिनके पास खुद की जमीन तो थी पर सिंचाई का साधन न होने की वजह से बरसाती फसल भर ले पाते थे। जिससे उनके साल भर खाने का जुगाड़ भी नहीं हो पाता था। मजबूरन इन किसानों को मजदूरी कर घर का गुजारा करना पड़ता था। मनरेगा ने ऐसे किसानों की समस्या को हमेशा के लिए खत्‍म कर दी। मनरेगा की कपिलधारा योजना से किसानों की जमीन पर सिंचाई की सुविधा के लिए कुओं का निर्माण कराया गया। जिससे उन्हें दोहरा फायदा हुआ, एक तो कूप निर्माण के दौरान काम करने की मजदूरी मिली और सिंचाई का पक्का इंतजाम भी हो गया।

जिन हितग्राहियों को कपिलधारा कूप का लाभ मिला है, वे अब साल में दो से तीन फसलों के साथ-साथ सब्जियों तथा फलों का उत्पादन लेने लगे हैं। सिंचाई की सुविधा होने से साल भर खेती कर पा रहे हैं, दूसरों के खेतों में काम करने वाले अब दूसरों को काम देने लगे हैं। उनकी जमीन पर भरपूर फसल होने से साल भर खाने की जुगाड़ के साथ अतिरिक्त आमदनी बढ़ी है। अब उनके बच्चों की पढाई अच्छी तरह से होने लगी है, जीवन स्तर और रहन-सहन पहले की तुलना में बेहतर हुआ है। ऐसे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होने से सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ी है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जरूरतमंद गरीब किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आगामी पाँच वर्ष में ढाई लाख कपिलधारा कुँए निर्मित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

aum

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *