भोपाल : शुक्रवार, मई 12, 2017
मध्यप्रदेश देश में एकमात्र ऐसा राज्य है, जहाँ रियल एस्टेट रेग्युलेशन एक्ट (रेरा) के नियम प्रकाशित किये जा चुके हैं। इसके साथ ही अभिकरण का गठन भी किया जा चुका है। देश में रेरा एक्ट एक मई से लागू हो गया है। देश के अनेक राज्य ऐसे हैं, जहाँ इसकी तैयारियाँ और अभिकरण के गठन की कार्यवाही की जा रही है।
उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का अध्ययन-दल हाल ही में भोपाल स्थित रेरा कार्यालय पहुँचा। दल ने रियल एस्टेट रेग्युलेशन एक्ट की क्रियान्वयन संबंधी जानकारी प्राप्त की। प्रदेश में रेरा एक्ट के माध्यम से रियल एस्टेट सेक्टर को व्यवस्थित और उपभोक्ताओं के हितों की दृष्टि से पारदर्शी और जिम्मेदार बनाने के प्रबंध किये गये हैं। बिल्डर तथा रियल एस्टेट एजेंट को अपने पंजीयन आवेदन तथा उपभोक्ता को अपनी शिकायतें अथॉरिटी की वेबसाइट www.rera.mp.gov.in पर ऑनलाइन दर्ज करवाने की सुविधा दी गयी है। उपभोक्ताओं को SMS Gateway के माध्यम से उनकी शिकायतों के निराकरण की जानकारी मोबाइल पर देने की व्यवस्था की गयी है।
अथॉरिटी की परिधि में वे परियोजनाएँ आयेंगी, जो भविष्य में निर्मित होना प्रस्तावित है या फिर 30 अप्रैल, 2017 को अपूर्ण थीं और जिनका पूर्णता प्रमाण-पत्र संबंधित नगर निगम द्वारा जारी नहीं किया गया है। प्रमोटर्स एवं डेव्हलपर्स को अपने प्रोजेक्ट की मार्केटिंग करने के पहले ही अथॉरिटी में रजिस्ट्रेशन करवाया जाना अनिवार्य किया गया है। वर्तमान में प्रचलित अपूर्ण रियल एस्टेट के प्रोजेक्ट्स को अथॉरिटी के समक्ष 3 माह के भीतर पंजीयन करवाना होगा। इसके साथ ही प्रमोटर्स एवं डेव्हलपर्स को हर 3 माह में अथॉरिटी को प्रोजेक्ट की अद्यतन जानकारी देनी होगी, जिसकी फोटोयुक्त जानकारी प्राधिकरण की वेबसाइट पर अपलोड की जायेगी।