भोपाल : शुक्रवार, मई 12, 2017
ग्रामीण महिलाएँ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूहों से जुड़कर न केवल सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं है बल्कि उनके द्वारा तैयार किये गये गमछे एवं टी-शर्ट से उन्हें अतिरिक्त आय का जरिया मिल गया है। ग्रामीण गरीब महिलाओं को इसका सीधा फायदा मिलने से उन्हें बिचौलियों से भी निजात मिल गई है। प्रदेश के पाँच जिला बड़वानी,राजगढ़, सागर,छतरपुर एवं शिवपुरी जिले की 540 महिलाओं ने कम समय एवं कम खर्च पर ड़ेढ़ लाख गमछे एवं एक लाख टी-शर्ट तैयार की हैं।
स्वच्छ भारत मिशन द्वारा चिन्हित किये गये उत्कृष्ट ग्रामीण स्वच्छता दूतों को अपने- अपने क्षेत्र में प्रशंसनीय कार्य के एवज में ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार किये गये गमछे एवं टी-शर्ट से सम्मानित किया जायेगा। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के राज्य कार्यक्रम अधिकारी के समक्ष यह चुनौती थी कि गमछे एवं टी-शर्ट कम समय एवं कम खर्चें पर कैसे तैयार करवाई जायें। यह काम सौंपा गया मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की गठित स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी गरीब महिलाओं को।
ग्रामीण आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एल.एम. बेलवाल ने बताया कि 33 जिलों में ग्रामीण आजीविका मिशन से 1 लाख 79 हजार स्व-सहायता समूहों के माध्यम से 20 लाख 67 हजार परिवार जुड़ चुके हैं। इन स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को उनकी रुचि एवं क्षमता अनुरूप काम करने के लिए दक्षता संवर्घन प्रशिक्षण के बाद काम शुरू करने के लिए आवश्यक उपकरण,कच्ची सामग्री के लिए आर्थिक मदद भी दी जाती है। सामान्य तौर पर महिलाओं के लिए सिलाई का काम सहज एवं रुचिकर होता है। इसलिए आसेटी एवं एन.आई.एफ के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षण दिलवाया जाता है।
बड़वानी जिले के ग्राम ठीकरी की माँ रेवा आजीविका वस्त्र निर्माण समिति की 250, ब्यावरा राजगढ़ की महिला एकता सर्व सहयोग संस्था की 50,देवरी जिला सागर के संकुल संगठन की 130, छतरपुर जिले की नारी एकता महिला मंडल समिति की 85 एवं पिछोर जिला शिवपुरी की दुर्गा सामुदायिक वित्तीय संगठन की 25 महिला गुणवत्ता पूर्ण सिलाई कार्य कर रही हैं।