भोपाल : सोमवार, मई 8, 2017
किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए किसानों को बहुद्देश्यीय खेती की ओर आगे बढऩा होगा। किसानों को चाहिए कि सरकार के पाँच वर्षों में कृषि आय दोगुनी करने के रोडमेप के साथ जुडक़र अपनी आय में इजाफा करें। श्री बिसेन बैतूल जिले में तीन दिवसीय जिला स्तरीय कृषि विज्ञान मेला-प्रदर्शनी एवं कृषक संगोष्ठी का शुभारंभ कर रहे थे। उन्होंने कहा कि खरीफ फसलों की बेहतर तैयारी करवाने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जिलों में आयोजित कृषि महोत्सव पूरे मई माह चलाया जाएगा।
श्री बिसेन ने कहा कि सरकार किसानों के हित में लगातार कार्य कर रही है। प्रदेश के किसान भी सरकार की योजनाओं से जुडक़र बेहतर उत्पादन के क्षेत्र में आगे आए हैं। इसी का नतीजा है कि प्रदेश को पाँचवीं बार कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि बैतूल की कृषि उपज मंडी के विकास के लिए डेढ़ करोड़ की राशि दी जाएगी। इसके अलावा यहाँ के कृषि विज्ञान केन्द्र में स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप एक रिसर्च लैब भी प्रारंभ की जाएगी। श्री बिसेन ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए खेती का कार्य करते समय दुर्घटना में किसान की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को चार लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। दुर्घटना ग्रस्त किसान को भी आर्थिक सहायता के प्रावधान किए गए हैं। श्री बिसेन ने कहा कि किसानों को सरकारी योजनाओं में अनुदान की पात्रता के लिए अब कृषि सामग्री एमपी एग्रो से खरीदने की बाध्यता खत्म कर दी गई है। किसी भी पंजीकृत कंपनी से सामग्री खरीदने पर भी किसान को अनुदान की पात्रता होगी। श्री बिसेन द्वारा कृषकों से सरकारी योजनाओं का लाभ लेने की अपील की गई। उपस्थित जन-प्रतिनिधियों ने पाँच वर्ष में खेती से दोगुना लाभ प्राप्त करने के लिए तैयार की गयी पुस्तिका का विमोचन किया।
विधायक श्री हेमन्त खण्डेलवाल ने कहा कि प्रदेश को लगातार पांचवीं बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिलना किसानों की मेहनत और सफलता को दर्शाता है। किसानों को फसल का सही दाम मिले, इस बात के लिए भी सरकार सजग है। सब्जी और फूलों की खेती में भी जिले के किसान अब आगे आ रहे हैं।
कार्यक्रम में उत्कृष्ट किसानों को सम्मानित किया गया। कृषि मंत्री ने विभागों द्वारा लगाई गई प्रदार्शनी का अवलोकन किया। गौ माता का पूजन किया। कृषि मंत्री का गुड़ से तुला दान किया गया। मेले में बड़ी संख्या में किसान एवं स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।