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खाद्यान्न वितरण में अनियमितताएँ नहीं होंगी बर्दाश्त-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
Irregularities in Food Distribution Will Not Be Tolerated-chiefminister Shivrajsinghchouhan
todayindia,shivrajsinghchouhan,mpcm,mpnews,todayindia24खाद्यान्न वितरण में अनियमितताएँ नहीं होंगी बर्दाश्त-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
खाद्यान्न वितरण में अनियमितताएँ नहीं होंगी बर्दाश्त
पारदर्शी व्यवस्था सख्ती से की जाए लागू
मुख्यमंत्री श्री चौहान और मंत्रि-परिषद के सदस्यों के सम्मुख चिंतन बैठक में हुआ प्रस्तुतिकरण
राशन वितरण कार्य को बेहतर बनाने के लिए गठित किया गया मंत्री समूह
खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने दिया प्रस्तुतिकरण

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि खाद्यान्न वितरण के कार्य में अनियमितताएँ और गड़बड़ियाँ बर्दाश्त नहीं की जायेगी। राशन वितरण का कार्य पारदर्शिता के साथ किया जाए। सख्ती के साथ व्यवस्था लागू कर आम जनता को लाभ पहुँचाएँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज पचमढ़ी में चिंतन बैठक के दौरान चतुर्थ समूह द्वारा दिए गए प्रस्तुतिकरण के बाद संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में करीब 5 करोड़ उपभोक्ताओं को सस्ता अनाज मिल रहा है। इस कार्य में सभी व्यवस्थाएँ चुस्त-दुरूस्त रखी जाएँ। तकनीक का उपयोग किया जाए। गड़बड़ियों की शिकायतों पर कार्रवाई हो। जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए। उचित मूल्य दुकानों को बहुउद्देशीय बनाने पर विचार हो। इस क्षेत्र में सुधारों को लागू करने से जनता दुआएँ देगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के 89 जनजातीय बहुल विकासखंडों में वाहनों से अनाज वितरण की शुरूआत की गई है। पूर्व में थैले या बैग से अनाज वितरण का कार्य भी किया गया। कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्रों में घरों तक अनाज पहुँचाया गया। अन्न उत्सव और उपभोक्ताओं के हित में व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया जाए।

राशन वितरण व्यवस्था बेहतर बनाने संबंधित प्राप्त सुझाव

चिंतन बैठक में मंत्री समूह की तरफ से खाद्य मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह ने बताया कि प्रदेश में 89 विकासखंड में बेरोजगार युवकों को राशन वितरण का दायित्व दिया गया है। सिंगरौली जिले में फोर्टिफाइड चावल का वितरण भी किया गया, जो अन्य जिलों में भी किया जाएगा। साथ ही नमक और अन्य आवश्यक सामग्री के वितरण की पहल भी की गई है। खाद्य मंत्री श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश में 5 करोड़ उपभोक्ताओं को अनाज और अन्य उपभोक्ता सामग्री का वितरण किया जा रहा है। अनाज के भंडारण और वितरण की व्यवस्था पर निरंतर निगरानी रखी जाती है। चिंतन बैठक में मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, डॉ. नरोत्तम मिश्रा, श्री ओमप्रकाश सखलेचा, श्री कमल पटेल, श्री तुलसीराम सिलावट, श्री गोपाल भार्गव, श्री हरदीप सिंह डंग और श्री भूपेंद्र सिंह आदि ने अनेक सुझाव दिए।

सुझावों में जनजातीय विकासखंडों के अलावा अन्य विकासखंडों में भी चलित वाहनों के माध्यम से अनाज वितरण करने, अनाज वितरण वाहनों में जीपीएस के उपयोग, पंचायत स्तर पर उचित मूल्य दुकान की उपलब्धता, सभी पात्र हितग्राहियों को राशन कार्ड और पात्रता पर्ची से सामग्री के प्रदाय, गड़बड़ी करने वाले समिति प्रबंधक के स्थान पर सेल्समेन की नियुक्ति करने के सुझाव भी दिए गए।

राज्य शासन द्वारा अनाज वितरण व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के संबंध में सुझाव प्राप्त करने के लिए गठित मंत्री समूह में खाद्य मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह के अलावा मंत्री श्री प्रद्युमन सिंह तोमर, श्री भारत सिंह कुशवाह और डॉ. अरविंद भदौरिया शामिल हैं।
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क्षमताओं का उपयोग कर बेहतर परिणाम प्रस्तुत करें मंत्री: मुख्यमंत्री चौहान
मुख्यमंत्री के संबोधन से शुरू हुई पचमढ़ी में चिंतन बैठक
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज पचमढ़ी में प्राकृतिक वातावरण के बीच दो दिवसीय चिंतन बैठक में समस्त मंत्रीगण का स्वागत किया। प्रारंभिक उदबोधन में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर भारत के लिए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के सभी कार्य कर नया इतिहास रचना होगा। प्रदेश के सभी मंत्रियों में चमत्कारिक क्षमता है, वे विभिन्न क्षेत्रों में अभूतपूर्व कार्य कर सकते हैं। टीम भावना से कार्य कर प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाना है। बैठक का प्रारंभ वंदे-मातरम गान के साथ हुआ।

मध्यप्रदेश को बनाएँ सर्वश्रेष्ठ राज्य

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना जैसी विपरीत परिस्थितियों के समय अनेक क्षेत्र में उपलब्धियाँ अर्जित की गई हैं। नए विचारों, परिश्रम के अधिकाधिक प्रयासों के साथ प्रदेश को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के प्रयास करें।

यशस्वी होकर जीने का महत्व

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यशस्वी होकर जीने का विशेष महत्व है। यह सौभाग्य की बात है कि कोई व्यक्ति मंत्री के पद पर है। समय का सदुपयोग करते हुए अपने अदभुत कार्य से आम जनता को लाभान्वित करना है। प्रत्येक व्यक्ति में असीमित क्षमताएँ हैं, उनका उपयोग कर प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ प्रांत बनाने में अपने प्रयास करें।

नवीन क्षेत्रों में हो कार्य

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नवीन क्षेत्रों में विकास के प्रयास किए जाएँ। कृषि सहित वन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, निवेश वृद्धि और अन्य क्षेत्रों में और भी बेहतर कार्य मध्यप्रदेश में हो सकता है। मंत्रीगण ऐसे प्रयासों का नेतृत्व करें।

बैठक में मंत्रि-परिषद के सदस्यों के साथ मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री चौहान ने पचमढ़ी में लगाया नीला गुलमोहर का पौधा
मंत्रि-परिषद के सदस्यों ने भी किया पौध-रोपण
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पचमढ़ी में नीले गुलमोहर का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ मंत्रि-परिषद के सभी सदस्यों ने भी नीले गुलमोहर का पौधा लगाया। पचमढ़ी में रेशम केंद्र के सामने पाइन ग्राउंड में लगभग 35 नीले गुलमोहर के पौधे लगाए गए। नीला गुलमोहर, नीलमोहर के नाम से भी जाना जाता है। यह आरनामेंटल प्लांट है। इसका बॉटनिकल नेम जैकेरेंडा मायमौसी फोलिया है।
खाद्यान्न वितरण में अनियमितताएँ नहीं होंगी बर्दाश्त-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
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प्रधानमंत्री श्री मोदी 29 मार्च को 5.21 लाख आवास हितग्राहियों को कराएंगे गृह-प्रवेश
मध्यप्रदेश में 2024 तक सबके लिये होंगे पक्के आवास
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में 24 लाख 10 हजार से अधिक आवास पूर्ण
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संकल्प है कि प्रदेश का कोई भी गरीब कच्चे मकान में नहीं रहेगा। हर व्यक्ति का अपना पक्का मकान होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना में वर्ष 2024 तक हर व्यक्ति को पक्का आवास उपलब्ध करा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान के इसी संकल्प को पूरा करने के लिये प्रदेश में इस योजना में तेजी से कार्य जारी है और जिसके अच्छे परिणाम भी सामने आये हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आगामी 29 मार्च को प्रदेश के 5 लाख 21 हजार हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में गृह-प्रवेश (वर्चुअल) करायेंगे। प्रदेश में अभी तक इस योजना में 24 लाख 10 हजार से अधिक आवास पूर्ण कराये जा चुके हैं। वर्ष 2016-17 में योजना में 152 आवास पूर्ण हुए थे, वर्ष 2017-18 में 6 लाख 36 हजार, वर्ष 2018-19 में 6 लाख 79 हजार, वर्ष 2019-20 में 2 लाख 71 हजार, वर्ष 2020-21 में 2 लाख 60 हजार एवं वर्ष 2021-22 में 5 लाख 41 हजार से अधिक प्रधानमंत्री आवास पूर्ण कराये जा चुके हैं। योजना के अंतर्गत प्रोजेक्ट में बैगा, सहरिया एवं भारिया जनजातियों के स्वीकृत आवासों में से 23 हजार से अधिक आवास पूर्ण कराये जा चुके हैं।

भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा एक अप्रैल, 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) देश में शुरू की गई। इसमें सभी पात्र बेघर परिवारों एवं कच्चे तथा जीर्ण-शीर्ण मकानों में रह रहे परिवारों को वर्ष 2024 तक पक्का आवास उपलब्ध कराया जायेगा, जिनमें सभी बुनियादी सुविधाएँ होंगी।

योजना में हितग्राही का चयन सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना-2021 की सर्वे सूची के आधार पर किया जाता है। योजना में समतल क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों को 01 लाख 20 हजार रुपये प्रति आवास एवं आईपीए जिलों (इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान फॉर ट्राइबल एण्ड बेकवर्ड डिस्ट्रिक्ट) में 01 लाख 30 हजार रुपये प्रदान किये जाते हैं। आवास स्वीकृत होने पर 25 हजार रुपये की पहली किश्त, प्लिंथ स्तर पर 40/45 हजार रुपये की दूसरी किश्त, लिंटल स्तर पर 40/45 हजार रुपये की तीसरी किश्त तथा आवास पूर्ण होने पर 15 हजार रुपये की चौथी किश्त दी जाती है। साथ ही शौचालय निर्माण के लिये 12 हजार रुपये अतिरिक्त रूप से दिये जाते हैं। मनरेगा योजना में आवास के हितग्राही को 90 से 95 दिन की मजदूरी का भुगतान भी किया जाता है।

आवास प्लस

सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना-2021 की सर्वे सूची में छूटे हुए पात्र व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास दिलवाने के लिये आवास प्लस योजना शुरू की गई है। इसमें प्रदेश में छूटे हुए 31 लाख 36 हजार परिवारों का नाम जोड़ा गया है, जिन्हें भारत सरकार की गाइड-लाइन अनुसार आवास दिये जा सकेंगे।

अभ्युदय नवाचार

इस नवाचार के माध्यम से ऐसे ग्राम अथवा ग्राम पंचायतें, जहाँ 100 से अधिक आवास बन रहे हैं, वहाँ विभिन्न योजनाओं को जोड़कर एकीकृत कार्य-योजना बनाई जाती है, जिससे ग्राम एवं ग्रामीणों का सर्वांगीण विकास हो सके। इसमें सामुदायिक और व्यक्तिगत अधोसंरचना निर्माण, सामाजिक सुरक्षा, आजीविका सुदृढ़ीकरण आदि कार्य किये जाते हैं। अभ्युदय नवाचार में पूरे प्रदेश में अभी तक 2731 ग्रामों का चिन्हांकन किया गया है, जिनमें से 1668 ग्रामों के सर्वांगीण विकास की विस्तृत कार्य-योजना बनाई जा चुकी है।

फ्लाई ऐश ब्रिक्स निर्माण

आवास निर्माण में फ्लाई ऐश ब्रिक्स के उपयोग के लिये हितग्राहियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह ईंटें सामान्य ईंट की तुलना में सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण होती हैं।

प्रदेश में स्व-सहायता समूहों को भी आवास निर्माण के कार्य से जोड़ा गया है। प्रदेश में 33 स्व-सहायता समूहों के 300 से ज्यादा सदस्य लगभग 60 से 65 हजार फ्लाई ऐश ईंट प्रतिदिन बना रहे हैं। इसके अलावा लगभग 2800 स्व-सहायता समूहों के 11 हजार 840 सदस्यों को बैंकों से ऋण दिलवा कर सेन्टरिंग सामग्री उपलब्ध कराई गई है। इन कार्यों से ग्रामीण क्षेत्र के स्व-सहायता समूहों की महिलाओं का आर्थिक सुदृढ़ीकरण भी हो रहा है।
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