भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री और सांसद श्री मनोहर ऊटवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की स्पेस डिप्लोमेसी से जहा पड़ौसी देशों के बीच मैत्री संबंधों में प्रगाढ़ता आयी है वहीं पाकिस्तान दक्षिण एशिया, एशियाई उपग्रह जी सेट-9 सौगात से वंचित हो गया है। वैश्विक राजनीति में यह प्रधानमंत्री की विलक्षण कूटनीति बनी है। इस कूटनीति से जहां भारत का पड़ौसी देशों में दबदबा कायम हुआ है वहीं पाकिस्तान सार्क देशों में अलग-थलग पड़ गया है। नेपाल में संपन्न सार्क देशों के सम्मेलन में ही श्री प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्पेस लांच करने की घोषणा की थी। सभी देशों ने जहां उपग्रह से जुड़ने की इच्छा जाहिर की थी। पाकिस्तान का रवैय्या नकारात्मक था।
ऊटवाल ने बताया कि जीसेट-9 उपग्रह भूस्थिथिक संचार उपग्रह है। इससे दूरसंचार, टेलीविजन, डीटीएम, वीसेट, टेली एजुकेशन, टेलीमेडीसिन क्षमताएं हैं। भूकम्प, चक्रवात, बाढ़ सुनामी जैसी आपदाओं के बेहतर प्रबंधन में यह सहायक होगा। श्री ऊटवाल ने कहा कि अपने राष्ट्र का हित चिंतन के लिये राजनेता कूटनीतिक पहल करते हैं। इससे राजनेताओं की कुशाग्रता साबित होती है। सत्तर के दशक में तत्कालीन विदेश मंत्री श्री अटलबिहारी वाजपेयी ने चीन यात्रा कर तोती मिशन की शुरूआत की थी। इसके बाद चीन ने भारत का मिजाज परखने के लिए खिलाड़ी भेजकर पिंग-पांग डिप्लोमेसी आजमाई थी। अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री की सिंगर अपनी कूटनीति के लिए दुनिया में विख्यात हुए थे। शांति, मैत्री स्थापना ही सकारात्मक पहल की कूटनीति को स्थायित्व प्रदान करती है। इस दिशा में उपग्रह कूटनीति करके प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विश्व राजनीति में नया आयाम जोड़ा है।