स्वामी विवेकान्नद की जयंती पर प्रधानमंत्री ने कहा- विश्व भारत की तरफ बडी उम्मीद से देख रहा है, क्योंकि भारत के लोग और प्रतिभागी युवा क्षमता से भरपूर हैं
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प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के समय युवा पीढ़ी ने देश के लिए बलिदान करने में एक मिनट का भी समय नहीं लिया लेकिन आज के युवाओं को देश के लिए जीवित रहना है और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करना है। उन्होंने कहा कि युवाओं की क्षमता पुराने विचारों पर बोझ नहीं है। वह इससे निपटने के तरीके जानता है। श्री मोदी ने कहा कि युवा समाज और स्वयं को नई चुनौतियों, नई मांगों के अनुसार तैयार कर सकता है और नए समाज का सृजन कर सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के युवाओं के पास कर सकने की भावना है जोकि प्रत्येक पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की विचारधारा और दर्शन ने सदैव बदलाव को स्वीकार किया है और उसकी पुरातनता में ही आधुनिकता है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के युवा हमेशा ही जरूरत पड़ने पर आगे आए हैं। श्री मोदी ने कहा कि जब राष्ट्रीय चेतना विभाजित हो जाती है तो शंकर जैसे युवा आगे आते हैं और आदिशंकराचार्य के रूप में देश की एकता के ताने-बाने को जोडते हैं। श्री मोदी ने कहा कि अत्याचार के समय में गुरू गोबिंद सिंह जी के साहिबजादे जैसे युवाओं के बलिदान ने हमें आज भी प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि जब भारत को अपनी आजादी के लिए बलिदान की जरूरत पड़ती है तो भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और नेताजी सुभाष जैसे युवा क्रांतिकारी देश के लिए अपना जीवन समर्पित करने के लिए आगे आते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी देश को आध्यामिक पुनरूद्धार की आवश्यकता होती है तो अरबिंदो और सुब्रह्मण्यम भारती जैसे ऋषि आगे आते हैं। स्वामी विवेकानंद को नमन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के वर्ष में जन्म जयंती बहुत ही प्रेरणास्पद है। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव का महत्व इस बात से और बढ़ गया है कि श्री अरविंदो की 150वीं जयंती और महाकवि सुब्रह्मण्यम भारती की 100वीं पुण्यतिथि इसी अवधि में पड़ रही है। उन्होंने कहा कि इन दोनों ऋषियों का पुद्दुचेरी के साथ विशेष संबंध है और दोनों एक-दूसरे की साहित्यिक तथा आध्यात्मिक यात्रा के सहयोगी रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने इस बात की सराहना की कि आज के भारत के युवा वैश्विक संपन्नता की संहिता लिख रहे हैं। भारत के युवा एक ऐसे बल हैं जिन्हें विश्व की एकसमान पारिस्थितिकी प्रणाली तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारत के पास आज 50 हजार से अधिक मजबूत स्टार्टअ प्रणालियां है। इनमें से दस हजार से अधिक स्टार्टअप महामारी की चुनौतियों के बीच आए हैं। प्रधानमंत्री ने नए भारत के लिए प्रतिस्पर्धा करो और विजय हासिल करो का मंत्र दिया। इसका मतलब है कि किसी भी चीज में लग जाओ और उसे हासिल कर लो। एकजुट हो जाओ और युद्ध जीत लो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का मानना है कि बेटियां और बेटे समान हैं। इस विचारधारा के साथ सरकार ने बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए उनकी विवाह की आयु बढ़ाकर 21 वर्ष करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि बेटियां भी अपना करियर बना सकती हैं। उन्हें अधिक समय मिले, इस दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
राष्ट्रीय युवा महोत्सव के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए युवा कार्य मंत्रालय की सचिव ऊषा शर्मा ने कहा कि इस महोत्सव का उद्देश्य भारत के युवाओं के मस्तिष्क को ढालना और राष्ट्र निर्माण के लिए उनको एकीकृत बल के रूप में बदलना है। कोविड स्थिति को देखते हुए दो दिन का यह महोत्सव वर्चुअल माध्यम से आयोजित हो रहा है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय युवा बैठक का भी उद्घाटन किया। बैठक में युवाओं को पर्यावरण, प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और नवाचार जैसे वर्तमान मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर मिलेगा। युवा महोत्सव के साथ ही प्रधानमंत्री ने 23 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित कामराजर मणि मंडपम का भी शुभारंभ किया। श्री मोदी ने पुद्दुचेरी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में स्थापित सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम प्रौद्योगिकी केंद्र भी राष्ट्र को समर्पित किया। इस केंद्र के निर्माण में एक अरब 22 करोड़ रुपए की लागत आई है।
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने और बाद में पुद्दुचेरी के मुख्यमंत्री रंगास्वामी ने जन समुदाय को संबोधित किया। उप राज्यपाल डॉ. तमिलइसाई सौंदरराजन, सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमिता राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा और पुद्दुचेरी के उद्योग मंत्री नमासिवयम ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
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