भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने अपने विधायकों से कहा है कि वे समय का बेहतरीन इस्तेमाल करने के लिए योजना बनाए और जनता के हित के कामों को अधिक से अधिक समय देकर करने का प्रयत्न करें। श्री चौहान पचमढ़ी में आयोजित विधायक प्रशिक्षण शिविर के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार दिन रात मध्यप्रदेश की जनता की सेवा में नई-नई योजनाएं और प्रकल्प लेकर आ रही है। विकास के काम दस गुना रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं। इन सभी कार्यो का भूमिपूजन और लोकार्पण उस क्षेत्र के समूचे समाज को साथ लेकर हमारे जनप्रतिनिधियों को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यक्रम में बेटी पूजन अवश्य कराए जाएं इससे समाज में बेटियों के प्रति श्रद्धा और बढ़ेगी। साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रत्येक आयोजन के दौरान पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कम से कम एक पेड़ लगाने का आव्हान किया। उन्होंने सभी विधायकों और प्रदेश पदाधिकारियों को 18 फरवरी को आयेाजित होने वाले मिल बांचे मध्यप्रदेश में सक्रिय भागीदारी निभाने को कहा। 8 मार्च को विश्व महिला दिवस पर हर एक गांव में ग्राम सभा के आयोजन की जानकारी भी मुख्यमंत्री ने विधायकों को दी। उन्होंने बताया कि 4 मार्च को महान संत रविदास जी की जयंती पर सागर में रविदास महाकुंभ का आयोजन किया जायेगा। 14 अप्रैल डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती से लेकर 31 मई तक ग्रामोदय अभियान चलेगा। 14 अप्रैल के दिन वे स्वयं इस अभियान को संबोधित करेंगे और उसे प्रत्येक ग्राम पंचायत पर सुना जायेगा।
श्री शिवराजसिंह चौहान ने बताया कि 1 मई को तिथि के अनुसार आदिगुरू शंकराचार्य की जंयती है। इसे हर जिला स्तर और ग्राम स्तर पर मनाने की योजना है। औंकारेश्वर में शंकराचार्य जी की अष्टधातु की प्रतिमा स्थापित की जाना चाहिए इसके लिए घर घर से धातु मांगी जायेगी। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने भारत को उत्तर से दक्षिण तक जोड़ा और भगवान कृष्ण ने पूरब से पश्चिम तक, लेकिन आदिगुरू शंकराचार्य ने भारत को चारों दिशाओं से जोड़ा। वे 32 साल की उम्र में पदयात्रा करते हुए दक्षिण से चलकर औंकारेश्वर पहुंचे। जहां उन्होंने नर्मदा अष्टक की रचना की। उन्होंने सभी विधायकों से नर्मदा सेवा यात्रा में जाने की भी अपील की। साथ ही पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्मशताब्दी वर्ष में कोई न कोई एक रचनात्मक काम अपने हाथ में लेने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हमें नशामुक्ति को जन आंदोलन का रूप देना है। समाज की मनोवृत्ति बदलकर ही प्रदेश को नशा मुक्त किया जा सकता है और एक बार वातावरण बन गया तो यह काम सहज ही हो जायेगा।
मुख्यमंत्री ने अपने विधायकों और भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश के पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज हम जहां भी जाते है वहां हमारे विधायकों के अनुशासन और क्रियाशीलता की चर्चा होती है। हमारी इस प्रतिष्ठा में और चार चांद लगे इसलिए ऐसे प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाते हैं। हमें यहां से निकलकर अपने काम को और अधिक परिष्कृत करने की दिशा में दिन रात जुट जाना है।
उन्होंने स्व. कुशाभाऊ ठाकरे जी का स्मरण करते हुए कहा कि एक कार्य क्षेत्र में कई लोग एक साथ निकलते है लेकिन उनमें से कुछ लोग कुशाभाऊ ठाकरे बनते है। मैंने उन्हें बहुत नजदीक से देखा है कि वे 24 घंटे परिश्रम करते थे। सादा जीवन और सर्व समावेशी आचरण व्यवहार हमें आज तक प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय ने हमें अंतिम व्यक्ति की चिंता करने का जो संदेश दिया है उस मार्ग पर हम तभी ठीक से चल पायेंगे जब हम अपने समय का नियोजन व्यवस्थित करेंगे।
उन्होंने कहा कि जब समय का नियोजन ठीक होगा तो किसी भी कार्य में कठिनाई नहीं होगी। समय में आपकी छवि निखरेगी और जनहित के कामों को व्यवस्थित किया जा सकेगा। अपने अत्यंत आत्मीय उदबोधन में श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि हम जो लोग सात्विक जीवन में है उन्हें अपने शारीरिक और पारिवारिक जीवन का भी ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने विधायकों को प्रातः उठकर ध्यान योग करने तथा परिवार के साथ कुछ समय बिताने की सलाह भी दी।
उन्होंने कहा कि अगर हमें समाज जीवन में एकाग्र होकर काम करना है तो परिवार के साथ समय व्यतीत करना भी आवश्यक है। उन्होंने सभी विधायकों से सरकार की योजनाओं को गंभीरता से समझने और उनका क्रियान्वयन कराने की अपील की। उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति के लिए सरकार ने तमाम योजनाएं चला रखी है। यदि विधायकगण सिर्फ इन योजनाओं का क्रियान्वयन अपने अपने क्षेत्रों में व्यवस्थित कराएं तब भी उनकी सफलता के मार्ग को कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने ग्रामोदय, नगरोदय, बेटी बचाओ, कन्यादान योजना आदि क्षेत्रों में कई विधायकों के आयोजनों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सरकार मध्यप्रदेश के साढ़े सात करोड़ लोगों के हित में जो दिन रात परिश्रम कर रही है उन सभी योजनाओं का लोकव्यापीकरण करना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि नर्मदा और क्षिप्रा को जोड़े जाने से पूरे अंचल में जो खुशहाली आयी है उससे दिल को सुकून मिलता है और इस पूरी परियोजना में समाज की जो व्यापक भागीदारी हुई उसने इस सुकून को दस गुना कर दिया। मुख्यमंत्री ने विधायकों से समाज के और अधिक करीब जाने के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का भी आव्हान किया जिससे वे समाज के साथ एकाकार हो सके। उदाहरण के तौर पर उन्होंने मंत्री श्री गोपाल भार्गव के बेटे की शादी सार्वजनिक विवाह समारोह में किए जाने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश का प्रत्येक बेटा और बेटी हमारा परिवार है। इसलिए हमारे विधानसभा क्षेत्र में सरकार जब बेटी बेटियों के विवाह कराती है तब हमारी भूमिका मुख्य यजमान की तरह होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी प्रतिवर्ष 2 बेटियों की शादी कराते है और सपत्निक उसमें शामिल होते हैं। एक ओर वे स्वयं बारात की अगवानी आदि करतें हैं वहीं उनकी पत्नि बेटियों की छोटी छोटी रस्मों में हिस्सेदार बनती है। उन्होंने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गो के लिए हम जो कार्य कर रहें हैं वह किसी राजनैतिक फायदे के लिए नहीं है, लेकिन उसका फायदा हमें मिले यह राजनैतिक धर्म कहता है। सरकार समाज के हित में लगभग सवा सौ योजनाएं चला रही है और इनमें से कई योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि हमारे विधायकों को अपना अध्ययन बढ़ाकर तथ्यों और तर्को के साथ अपनी बात रखने की सामथ्र्य और बढ़ानी चाहिए, जिससे हम कहीं भी अपनी बात लेकर जायेंगे तो उसे न मानने का कोई कारण किसी के पास नहीं रहेगा। ऐसा करने से समाज में हमारी छवि निखरेगी और जब हमारी छवि निखरेगी तब निश्चित ही भारतीय जनता पार्टी की छवि भी और निखरेगी।
समापन सत्र के मंच पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री नंदकुमारसिंह चौहान, प्रदेश संगठन महामंत्री श्री सुहास भगत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सत्यनारायण जटिया और प्रदेश महामंत्री श्री अजयप्रताप सिंह उपस्थित थे।