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स्व-सहायता समूह से जुड़ी प्रत्येक महिला की आय प्रतिमाह 10 हजार रू. बढ़े : मुख्यमंत्री चौहान
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2550 करोड़ रूपये का बैंक ऋण समूहों को उपलब्ध कराने का लक्ष्य
श्रेष्ठ काम करने वाले समूहों को एक करोड़ रूपए का पुरस्कार
आजीविका मिशन “सौ फीसदी शुद्ध” के आधार पर करें उत्पादों की ब्रांडिंग
मुख्यमंत्री चौहान ने महिला स्व-सहायता समूहों से किया संवाद
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि स्व-सहायता समूह से जुड़ी प्रत्येक महिला की आय में 10 हजार रूपए प्रतिमाह की बढ़ोत्तरी हो। आप मेहनत और प्रमाणिकता के साथ अपना काम करें, आगे बढ़ें सरकार हर कदम पर आपके साथ है। महिला स्व-सहायता समूहों को सुदृढ़ करने के लिए इस वर्ष 2550 करोड़ रूपये बैंक ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है। राशन (पीडीएस) की दुकानें संचालित करने की जिम्मेदारी भी अब स्व-सहायता समूहों को दी जाएगी। इसके साथ ही स्व-सहायता समूहों के आय स्तर में वृद्धि के लिए श्रेष्ठ काम करने वाले क्लस्टर लेवल फेडरेशन को एक करोड़ रूपए का ईनाम दिया जाएगा। भोपाल स्थित भोपाल हाट में समूहों के उत्पादों की बिक्री के लिए आजीविका मार्ट की स्थापना की जाएगी। व्यापार बढ़ाने के लिए ऑनलाइन कॉमर्स पोर्टल के साथ भी लिंकेज किया जाएगा। महिला समूह के लिए सिंघाड़ा और मछली के व्यापार के लिए विशेष परियोजना बनाई जाएगी। समूहों के सभी पात्र सदस्यों को आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज राज्य स्तरीय महिला स्व-सहायता समूह के उन्मुखीकरण एवं संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

स्व-सहायता समूह की भूमिका पर केन्द्रित प्रदर्शनी

मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित कार्यक्रम कन्या-पूजन और मध्यप्रदेश गान के वादन से आरंभ हुआ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सदी की भीषणतम महामारी कोरोना वायरस का सामना करने में स्व-सहायता समूहों द्वारा निभाई गई भूमिका पर केंद्रित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में स्व-सहायता समूह की भूमिका पर केन्द्रित प्रदर्शनी भी देखी। कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री रामखेलावन पटेल, जन-प्रतिनिधि तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

राज्य सरकार देगी 1050 करोड़ की सहायता

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्व-सहायता समूहों को विभिन्न गतिविधियों के लिए राज्य सरकार की ओर से 1050 करोड़ रूपए की सहायता दी जाएगी। बैंक ऋण पर स्व-सहायता समूहों को 4 प्रतिशत ब्याज ही देना होगा। शेष ब्याज राज्य सरकार की ओर से भरा जाएगा।

महिलाओं का सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, राजनैतिक सशक्तिकरण आवश्यक

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महिला स्व-सहायता समूह की मुख्यमंत्री निवास आईं सभी सदस्यों को राखी की बधाई दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति मान-सम्मान और समानता का व्यवहार आवश्यक है। मैं मुख्यमंत्री के रूप में इस भाव से कार्य कर रहा हूँ कि कैसे अपनी माता-बहनों, बेटियों की प्रगति, कल्याण और उन्हें सशक्त बनाने के रास्ते को सरल बना सकूँ। महिलाओं का सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, राजनैतिक सशक्तिकरण आवश्यक है। इसी उद्देश्य से राज्य के सभी नगरीय निकायों और पंचायतों के चुनावों में 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। शिक्षा का क्षेत्र हो या खेल का क्षेत्र, सभी दिशाओं में महिलाएँ उपलब्धियाँ अर्जित कर रही हैं। महिलाओं का आत्म-विश्वास और सामाजिक चेतना बढ़ी है। अन्याय के खिलाफ संघर्ष की क्षमता भी बढ़ी है। परिवार और समाज का महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण भी बदला है।

मल्टीग्रेन आटा, सरसों, मूंगफली का तेल, अदरक-लहसुन पेस्ट, बेसन, दलिया किया लाँच

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की गरीब और निम्न, मध्यम वर्ग की बहनों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए आजीविका मिशन रामबाण है। आजीविका मिशन से बड़ा कोई ब्राण्ड नहीं हो सकता, यह शुद्धता की गारंटी है। इसके उत्पादों की “सौ फीसदी शुद्धता” के आधार पर ब्रांडिंग की जाना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आजीविका मार्ट पोर्टल पर कच्ची घानी सरसों का तेल, मूंगफली का तेल, अदरक-लहसुन पेस्ट, बेसन, दलिया और मल्टीग्रेन आटे की ब्रांडिंग की शुरूआत की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन उत्पादों का उपयोग करने के लिए जन-सामान्य को प्रेरित किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों से आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

बिचौलियों से सावधानी जरूरी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्व-सहायता समूह की सदस्यों को बिचौलियों से सावधान रहने और लालच में नहीं आने की सलाह दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बहनों द्वारा निर्णय लेने और क्रय-विक्रय की प्रक्रिया जितनी स्वतंत्र, पारदर्शी और सशक्त होगी, स्व-सहायता समूह उतने ही अधिक मजबूत होंगे। मिशन द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण, सहयोग और मार्गदर्शन से लाखों परिवारों की गरीबी दूर हुई है। समूहों से जुड़ने के साथ ही बहनों के बैंक में खाते खुले हैं। अब बहनों को बचत का पैसा किसी डिब्बे में रखने की जरूरत नहीं है। समूहों में सिखाए गए 13 सूत्रों ने महिलाओं को प्रगति के नए आयाम दिए हैं।

प्रदेश में शुरू हो चुके हैं 37 आजीविका मार्ट

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। बैठकों तथा गतिविधियों के संचालन के लिए विभिन्न जिलों में लगभग 6 हजार से अधिक शासकीय भवन आवंटित हो चुके हैं। चार हजार से अधिक ग्राम संगठनों और 416 संकुल स्तरीय संगठनों को कार्यालय भवन, 132 आजीविका आउटलेट के लिए भवन आवंटित किए जा चुके हैं। बहनों द्वारा बनाए गए उत्पाद सही और सम्मानजनक रूप से मार्केट में बेचने के लिए प्रदेश में 37 आजीविका रूरल मार्ट शुरू हो चुके हैं। कोविड महामारी के समय में मास्क, सैनेटाइजर, पीपीई किट और हेण्डवॉश उपलब्ध कराकर समूहों ने अपनी क्षमता का परिचय दिया।

मीरा के संघर्ष की कहानी द्रवित भी करती है और संघर्ष के लिए प्रेरित भी करती है

मुख्यमंत्री श्री चौहान से स्व-सहायता समूहों की सदस्यों ने संवाद किया। कार्यक्रम में समूह की महिला सदस्यों ने अपने अनुभव साझा किए। शहडोल से आई ग्राम बंमुरा विकासखंड सोहागपुर की उद्यम सखी श्रीमती मीरा यादव ने अपने अनुभव बताए। कठिनतम परिस्थितियों में स्वयं को जीवन में स्थापित कर अब मीरा, महिलाओं को लघु उद्यम स्थापित करने में मदद कर रही हैं। उनकी स्वयं की मासिक आय लगभग 35 हजार रूपए महिना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि मीरा के संघर्ष की कहानी हमें द्रवित भी करती है और संघर्ष कर जीवन में विजय के लिए प्रेरित भी करती है।

बाड़ी को बनाया आय बढ़ाने का साधन

श्योपुर के कराहल विकासखंड के ग्राम करियादेह की श्रीमती कमली बाई पटेलिया ने बताया कि किस प्रकार उन्होंने फलोद्यान अर्थात बाड़ी के साथ इंटरक्रॉपिंग से अतिरिक्त आय बढ़ाई। उनके प्रयासों से क्षेत्र में तीन वर्ष में 200 कृषकों द्वारा बाड़ियाँ लगाई गई हैं। कमली देवी समता सखी के रूप में महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए जागरूक भी कर रही हैं। इसी क्रम में बड़वानी के विकासखंड पानसेमल के ग्राम कानसुल की श्रीमती पमा बाई राज सिंह ने बताया कि किस प्रकार उन्होंने स्वयं के परिवार के साथ-साथ समूह के अन्य सदस्यों को आजीविका गतिविधियों से जोड़ कर आत्म-निर्भर बनाया।

ए.टी.एम. है बकरी

रायसेन के विकासखंड औब्दुल्लागंज के ग्राम लुल्का की श्रीमती आशा सिंह कृषि सखी के रूप में स्वयं जैविक कृषि अपनाकर लोगों की प्रेरणा स्त्रोत बनी है। इन्होंने लगभग 350 परिवारों को कम लागत जैविक कृषि तकनीक का प्रशिक्षण देकर जैविक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। श्रीमती आशा सिंह ने बकरी पालन को भी आय के स्त्रोत के रूप में अपनाया है। वे कहती हैं कि संकट के समय बकरी बहुत उपयोगी है, वह ए.टी.एम. के समान है। किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में बकरी बेचकर तत्काल धन की व्यवस्था हो जाती है। बकरी पालन ने कठिन परिस्थिति से निकलने में बहुत सहायता की है। श्रीमती आशा सिंह ने आजीविका मिशन पर लिखा गीत भी सुनाया।

अमरावती और मोर्शी तक जा रहे हैं बैतूल में बने कपड़े

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैतूल की श्रीमती रूपाली ठाकरे से वर्चुअली बात की। श्रीमती ठाकरे गारमेंट तथा पेटीकोट बनाने के कार्य में लगी हैं। उन्होंने बताया कि उनके समूह द्वारा बनाई गई सामग्री की मांग बैतूल सहित महाराष्ट्र के अमरावती तथा मोर्शी तक है। ऑर्डर पोर्टल पर प्राप्त होते हैं। पोर्टल से व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ाने में मदद मिली है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्रीमती ठाकरे से थोक में समान ले रहे क्रेता श्री विनय भावसार से भी बात की। श्री भावसार ने बताया कि हमारी स्थापित दुकान है। स्व-सहायता समूह द्वारा दिए जा रहे कपड़ों की क्वालिटी बेहतर होने और दाम किफायती होने से इनके बनाए कपड़ों की माँग मार्केट में बनी रहती है।

“साथी बाजार” से सारे विश्व में होगी मार्केटिंग

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान का स्व-सहायता समूह को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त करने का सपना आरंभ से ही रहा है। वे प्रदेश के विकास पुरुष हैं। उनके प्रयासों से प्रदेश में 3 लाख 33 हजार स्व-सहायता समूह गठित हुए हैं। इनमें 37 लाख से अधिक परिवार जुड़े हैं। मंत्री श्री सिसोदिया ने बताया कि प्रदेश में “साथी बाजार” की अवधारणा क्रियान्वित की जा रही है। इसके तहत स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की रिटेल मार्केटिंग के लिए बड़ी कंपनियों से बातचीत जारी है। “साथी बाजार” से समूह द्वारा बनाई गई वस्तुओं की मार्केटिंग पूरे विश्व में होगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री रामखेलावन पटेल द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया।
=================================================================सीप अंबर सिंचाई परियोजना के कार्यों को मंजूरी
मुख्यमंत्री चौहान की अध्यक्षता में वृहद परियोजना नियंत्रण मंडल की 116वीं बैठक सम्पन्न
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में वृहद परियोजना नियंत्रण मंडल की 116 वीं बैठक मुख्यमंत्री निवास सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक में सीहोर जिले की सीप अंबर कॉम्पलेक्स परियोजना के कार्यों के लिए मंडल द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट वर्चुअल रुप से सम्मिलित हुए।

इस परियोजना से नवंबर 2022 से सिंचाई प्रारंभ हो सकेगी। परियोजना से कुल 9 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होगी। पूर्व में सीहोर जिले में प्रस्तावित सनकोटा एवं मोगराखेड़ा योजनाओं के स्थान पर यह परियोजना स्वीकृत की गई है। पूर्व की दोनों योजनाओं से कुल प्रस्तावित कमांड क्षेत्र 9 हजार हेक्टर में से 8 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई सीप अंबर प्रेशराइज्ड सिंचाई परियोजना से की जाएगी। शेष एक हजार हेक्टेयर की सिंचाई नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अंतर्गत निर्माणाधीन छीपानेर उद्वहन परियोजना से होगी।

नई परियोजना से क्या होगा लाभ

नई परियोजना से पूर्व में स्वीकृत सनकोटा एवं मोगराखेड़ा परियोजना के डूब क्षेत्र के अंतर्गत प्रभावित वन भूमि 526.09 हेक्टेयर और 63 परिवारों के विस्थापन की बचत होगी। इसके अलावा नसरुल्लागंज तहसील के 31 ग्रामों के लगभग 5 हजार कृषक लाभान्वित होंगे। परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति 174.94 करोड़ की है। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन श्री एस. एन. मिश्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री चौहान ने महिला स्व-सहायता समूह की सदस्यों के साथ पौधे रोंपे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज स्मार्ट उद्यान में टीकमगढ़, सतना और बड़वानी के महिला स्व-सहायता समूह की सदस्यों के साथ पौध-रोपण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बादाम, करंज तथा पारिजात के पौधे लगाए। पौध-रोपण में प्रेरणा शक्ति, जय भवानी और श्रद्धा महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य सम्मिलित हुई।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री चौहान से संवाद के लिए प्रदेश के सभी जिलों से महिला स्व-सहायता समूह के सदस्य भोपाल आए हुए हैं।

मुख्यमंत्री चौहान अपने संकल्प के क्रम में प्रतिदिन पौध-रोपण करते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्मार्ट पार्क में उपस्थित स्व-सहायता समूह की सदस्य माताओं, बहनों और बेटियों से अपने-अपने क्षेत्र में पौध-रोपण को प्रोत्साहित करने का अनुरोध किया।
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पर्यावरण संरक्षण के साथ दें, विकास पर ध्यान : ग्रामीण विकास मंत्री सिसोदिया
ग्रीन-न्यू टेक्नोलॉजी अंतर्गत राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने कहा है कि पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है। सड़कों के विकास के लिए नवाचार के रूप में प्लास्टिक वेस्ट का उपयोग किया जा रहा है। इसी तरह अन्य वेस्ट मटेरियल का उपयोग सड़कों के निर्माण में नवाचार के तौर पर किया जा सकता है। मंत्री श्री सिसोदिया आज मिंटो हॉल, भोपाल में म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर मनाये जा रहे आजादी का अमृत महोत्सव अंतर्गत ग्रीन-न्यू टेक्नोलॉजी विषय पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ कर रहे थे। कार्यशाला में पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री राम खेलावन पटेल एवं 20 राज्यों के अभियंतागण उपस्थित थे।

मंत्री श्री सिसोदिया ने कहा कि सड़कों के माध्यम से गाँव से गाँव को जोड़ने का सपना पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देखा था। मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण अटल जी के इस सपने को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों के माध्यम से पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों के निर्माण में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है। उन्होंने 20 राज्यों के प्रतिभागियों से सड़कों के विकास के लिए नवाचार करने का आग्रह किया। श्री सिसोदिया ने विभाग के उत्कृष्ट कार्यों की सराहना करते हुए भविष्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए मंथन करने की समझाइश दी।

राज्य मंत्री श्री राम खेलावन पटेल ने कहा कि कार्यशाला के माध्यम से विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों द्वारा एक-दूसरे के कार्यों और अनुभव को साझा करने से निश्चित रूप से सड़कों के क्षेत्र में काफी विकास होगा। साथ ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत बनने का सपना साकार होगा।

कार्यशाला में मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की सी.ई.ओ. श्रीमती तन्वी सुंद्रियाल एवं प्रमुख अभियंता श्री पी.के. निगम ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यशाला के पश्चात विभिन्न राज्यों से आये प्रतिभागियों को नवीन तकनीक से निर्मित सड़कों का स्थल भ्रमण कराया गया।

भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से संबंधित विशेष गतिविधियाँ की जा रही हैं। कार्यशाला में एनआरआईडीए एवं सीआरआरआई के अधिकारी उपस्थित थे। नवीन एवं ग्रीन टेक्नोलॉजी पर विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किए गये तथा तकनीकी जानकारियाँ साझा की गईं।
=================================================================पर्यावरण मंत्री श्री डंग की रेल मंत्री वैष्णव से भेंट
पर्यावरण, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने सांसद और स्थानीय प्रतिनिधि मंडल के साथ नई दिल्ली में रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव से मंदसौर जिले के सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में रेल सुविधाओं के विस्तार के संबंध में भेंट की। श्री डंग और सांसद श्री सुधीर गुप्ता ने श्री वैष्णव को बताया कि सुवासरा-शामगढ़ क्षेत्र में कोरोना अवधि में विभिन्न ट्रेनें बंद हुई थीं। इन ट्रेनों का संचालन प्रारंभ होने के बावजूद स्टॉपेज शुरू नहीं हुए हैं। ट्रेनों के स्टॉपेज प्रारंभ किये जायें।

प्रतिनिधि मंडल ने शामगढ़ में अंडरब्रिज का निर्माण और विभिन्न रेल सुविधाओं की क्षेत्र में आवश्यकता के बारे में रेल मंत्री श्री वैष्णव को अवगत कराया। श्री वैष्णव ने माँगों के संबंध में यथाविधि सहायता करने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधि मंडल में सर्वश्री बलवंत सिंह पवार, ओमप्रकाश परमार, लालसिंह डूंगावत, दिलीप सिंह तरनोद, सतीश खुराना, नरेन्द्र यादव और भगवती लाल शामिल थे।
=================================================================नवीन शिक्षा नीति विद्यार्थियों के शिक्षा, कौशल संवर्धन के साथ सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करेगी- उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरूवार को आगर-मालवा जिले के सुसनेर में स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय के 3.53 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले 6 अतिरिक्त कक्ष एवं 5.20 करोड़ रूपये लागत के सोयत महाविद्यालय के नवीन भवन निर्माण का भूमिपूजन किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लागू की गई नवीन शिक्षा नीति विद्यार्थियों को शिक्षा और कौशल संवर्धन के साथ सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करेगी। रोजगारमूलक विषयों को शामिल करने से पढ़ाई समाप्त करने के बाद अब रोजगार के लिये भटकना नहीं पड़ेगा।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार निरंतर प्रयासरत है। सरकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई नवाचार कर रही है और विद्यार्थियों के कल्याण के लिये दृढ़ संकल्पित है। हमारे महाविद्यालयों का संचालन बेहतर हो रहा है। उन्होने कहा कि प्रदेश के सभी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर दी गई है। नई शिक्षा नीति लागू करने वाला मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है। नवीन शिक्षा नीति में महाविद्यालयों में पढ़ाई के लिए उम्र का बंधन समाप्त कर दिया गया है। कोई भी विद्यार्थी डिग्री एवं डिप्लोमा साथ-साथ कर सकते हैं।

मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सुसनेर एवं सोयत के छात्र-छात्राओं के लिए आज का दिन बड़े हर्ष का दिन है कि उनके क्षेत्र में नए महाविद्यालयों के निर्माण का भूमिपूजन हुआ है। क्षेत्र के युवा अच्छा पढ़ लिखकर अपने क्षेत्र एवं जिले के नाम रोशन करें। साथ ही खेल गतिविधियाँ में भी आगे आकर देश-प्रदेश का नाम रोशन करें। मंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के जन्मदिवस की भी सभी को अग्रिम बधाई दी।

इस अवसर पर सांसद श्री रोडमल नागर, विधायक श्री राणा विक्रम सिंह तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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