madhyapradeshnewsdiary 23 august 2021 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी स्व. श्री कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि #shivrajsinghchouhan,#mpcm,#madhyapradesh chiefminister,#chiefminister of madhyapradesh,#mpnews,#madhyapradesh news,#todayindia,#todayindianews,#24,#today india,madhyapradeshnewsdiary 23 august 2021,madhyapradeshnewsdiary
गृह ग्राम नरौरा (उ.प्र) जाकर पुष्प चक्र किया अर्पित
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज उत्तरप्रदेश के ग्राम अतरौली के निकट ग्राम नरौरा में उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. श्री कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ केन्द्रीय जल शक्ति एवं खाद्य प्र-संस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल भी साथ थे। उन्होंने भी स्व. श्री कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्व. श्री कल्याण सिंह एक व्यक्ति ही नहीं एक संस्था भी थे। वे निर्धन वर्ग के उत्थान के लिए सदैव सक्रिय रहे। उन्होंने किसानों के अधिकार-पत्र बनाने का महत्वपूर्ण कार्य भी किया। स्व.श्री सिंह पिछड़े वर्ग और किसानों के हित में आजीवन प्रयासरत रहे।
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विद्यार्थियों में उद्यमिता की भावना बढ़ाएँ
परिणाम मूलक हो व्यवसायिक शिक्षा : श्री पटेल
राज्यपाल ने प्रौद्यौगिक, कृषि और पशु विज्ञान विश्वविद्यालयों की समीक्षा की
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि विद्यार्थियों में उद्यमिता की भावना को मज़बूत बनाएँ। उनमें आत्म-निर्भरता के संस्कार विकसित किए जाए। व्यवसायिक शिक्षा परिणाम मूलक होनी चाहिए। कृषि, पशुपालन और उद्योगों की आवश्यकताओं और समस्याओं के समाधान के कार्य विश्वविद्यालयों द्वारा किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा है कि सार्थक शिक्षा के लिए वर्तमान आवश्यकताओं के साथ ही भविष्य की जरुरतों के साथ तालमेल करते रहना जरुरी है। शिक्षण संस्था का क्षेत्र के विकास में क्या योगदान है, इस आधार पर कार्यों की समीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने मल्टी एक्जिट और मल्टी इन्ट्री की व्यवस्थाओं के लिए कोर्स माड्यूल को पुनर्निर्धारित करने की जरुरत बताई है।
राज्यपाल श्री पटेल आज राजभवन में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी, विश्वविद्यालय भोपाल, नानाजी देशमुख पशु विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर और जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर की अलग-अलग सत्रों में समीक्षा कर रहे थें।
तकनीकी शिक्षा का उद्योगों से हो जीवंत सम्पर्क
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि तकनीकी शिक्षा प्राप्त विद्यार्थियों की रोजगार स्थिति की समीक्षा की जाए। कितने विद्यार्थियों ने स्वयं के उद्यम की स्थापना की। कितने व्यवसाय अथवा सेवारत हुए, इसका शिक्षा संस्थान वार विवरण संधरित कराया जाए। उन्होंने कहा है कि जरुरी है कि विद्यार्थियों और उद्योगों के मध्य जीवंत सम्पर्क बना रहे। तकनीकी शिक्षा संस्थान द्वारा उद्योगों के प्रबंधन को परिसर में समय-समय पर आमंत्रित किया जाए। विद्यार्थियों के शिक्षण, कौशल उन्नयन और तकनीकी दक्षताओं से उन्हें परिचित कराया जाए। इससे उद्योगों को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप विद्यार्थियों को चयनित करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने विद्यार्थियों के गाँव में सेवा कार्यों के अनुभवों को भी संकलित करने की जरुरत बताई। उन्होंने कहा अलग-अलग सामाजिक सरोकारों के अनुसार विद्यार्थियों को ग्रामीण अंचल में भेजा जाए। विद्यार्थी अपने अनुभवों को पारस्परिक आधार पर आपस में साझा करें। इससे गाँव के परिवेश के अनुसार जन-जागृति और समाज सेवा के कार्यों का प्रभावी क्रियान्वयन होगा।
कृषकों के बीच पहुँचे कृषि विशेषज्ञ और छात्र
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि हमारा देश खेती प्रधान है। देश के विकास के लिए खेती की गुणवत्ता जरुरी है। कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ, विद्यार्थियों को किसानों के बीच पहुँचना होगा। उन्होंने कहा कि व्यवहारिक और सैद्धांतिक ज्ञान में अंतर होता है। प्रगतिशील किसानों के अनुभवों को विद्यार्थियों के साथ साझा करने के साथ ही विद्यार्थियों, विशेषज्ञों को गाँव में जाकर किसानों के पास उपलब्ध संसाधनों के आधार पर बेहतर उपयोग के लिए मार्गदर्शन और प्रेरणा देनी चाहिए। उनके बीच नवीन जानकारियों की उपयोगिता और आर्थिक लाभ बताते हुए उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
पशुपालन जीविका का साधन बने
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि पशुपालन को आर्थिक रुप से लाभकारी बनाने के लिए जरुरी है कि पशुओं की उत्पादकता की समीक्षा कर नस्ल सुधार के कार्य किए जाए। पशुपालन के तरीकों, पशुओं के रोगों और उपचार के संबंध में व्यापक स्तर पर जानकारी का प्रसार किया जाये। उन्होंने कहा कि पशुपालकों के साथ सम्पर्क और समन्वय स्थापित कर, उन्हें पशुपालन द्वारा आमदनी बढ़ाने के संबंध में जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को पशुपालन में स्व-रोजगार के प्रयासों के लिए प्रेरित किया जाए। विश्वविद्यालय ग्रामीण क्षेत्रों में पशु मेले आदि आयोजित कर पशुपालकों को नवीन और लाभकारी पशुपालन के लिए जागृत करें।
अपर मुख्य सचिव पशुपालन श्री जे.एन. कंसोटिया, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा, संचालक कृषि श्रीमती प्रीति मैथिल, कुलपति राजीव गांधी प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय के प्रो. सुनील कुमार, कुलपति नानाजी देशमुख विश्वविद्यालय पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के डॉ. एस.पी. तिवारी, जवाहर लाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. प्रदीप कुमार बिसेन और राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. एस.के. राव मौजूद थे।
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ऊर्जा मंत्री ने सतना जिले से भोपाल आते समय पन्ना जिले में किया विद्युत सब स्टेशन का निरीक्षण
ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने गत रात सतना जिले के चित्रकूट से भोपाल आते समय पन्ना जिले के ब्रजपुर सब- स्टेशन और अमानगंज सहित अनेक स्थानों पर बिजली ट्रांसफार्मर एवं अन्य उपकरणों का आकस्मिक निरीक्षण किया।
श्री तोमर ने ब्रजपुर विद्युत स्टेशन पर प्रकाश की व्यवस्था सहित अन्य खामियों को तुरन्त ठीक करवाने के निर्देंश अधिकारियों को दिये। उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर भी चेक किया। श्री तोमर ने हाजी अली मार्केट क्षेत्र में स्थित ट्रांसफार्मर मेंटीनेंस करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि लोगों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव उपाय करें।
ऊर्जा मंत्री ने अमानगंज में ट्रांसफार्मर पर लटकती तारों को देखकर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने जल्द सुधार करने के निर्देंश दिये। श्री तोमर ने बिजली आपूर्ति के संबंध के लोगों से बात की।
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भोपाल में पहली बार सात देशों के वाटर स्पोर्ट्स खिलाड़ी दिखायेंगे अपना हुनर
नवम्बर में होगी BIMSTEC यूथ वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता
खेल मंत्री श्रीमती सिंधिया की अध्यक्षता में हुई उच्च-स्तरीय बैठक
भोपाल के बड़े तालाब में पहली बार सात देशों के वाटर स्पोर्ट्स खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। नवम्बर माह में म.प्र. राज्य वाटर स्पोर्ट्स अकादमी में बिम्सटेक (BIMSTEC) यूथ वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता का आयोजन होगा। इस संबंध में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया की अध्यक्षता में राज्य-स्तरीय क्रियान्वयन समिति की उच्च-स्तरीय बैठक सम्पन्न हुई।
खेल मंत्री श्रीमती सिंधिया ने बताया कि BIMSTEC वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में सात देश नेपाल, भूटान, म्यांमार, थाईलैण्ड, बांग्लादेश, श्रीलंका एवं भारत देश भाग लेंगे। इसमें याटिंग, कयाकिंग-केनोइंग तथा रोइंग की प्रतियोगिताएँ होंगी। उन्होंने कहा कि वाटर स्पोर्ट्स में भोपाल की अपनी एक अलग पहचान है और यहाँ पर कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएँ पूर्व में आयोजित की गई हैं। वर्ष 2003 में एशियन कयाकिंग-केनोइंग, ओपन अंतर्राष्ट्रीय वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता, जिसमें 13 देशों ने भागदारी की थी। श्रीमती सिंधिया ने बताया कि पूर्व में यह आयोजन मार्च-2020 को निर्धारित था, कोरोना के कारण इसे स्थगित किया गया था।
प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण श्री गुलशन बामरा ने जानकारी दी कि BIMSTEC यूथ वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में सात देशों के लगभग 142 खिलाड़ी शिरकत करेंगे। इसके अतिरिक्त लगभग 42 सपोर्टिंग स्टॉफ भी शामिल होंगे। प्रत्येक देश से याटिंग में 4 पुरुष एवं 4 महिला तथा कयाकिंग-केनोइंग तथा रोइंग में 3-3 पुरुष एवं महिला (प्रत्येक खेल) प्रतिभागी होंगे।
बैठक में विदेशी खिलाड़ियों के आवास एवं भोजन व्यवस्था, खिलाड़ियों, तकनीकी ऑफिसर, रेफरी, जज, प्रशिक्षकों, सहयोगी स्टॉफ के भत्ते एवं मानदेय, सुरक्षा आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। इस अवसर पर अवर सचिव (BIMSTEC) विदेश मंत्रालय, श्री राकेश तिवारी, प्रमुख सचिव नगरीय विकास श्री मनीष सिंह, संचालक खेल एवं युवा कल्याण श्री पवन जैन, कलेक्टर भोपाल श्री अविनाश लवानिया, उप महानिरीक्षक भोपाल श्री इरशाद वली सहित अन्य अधिकारी और प्रशिक्षक मौजूद थे।
BIMSTEC
बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एण्ड इकोनॉमिक कॉर्पोरेशन (BIMSTEC) की स्थापना वर्ष 1997 में की गई थी, जिसमें भारत, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, थाइलैण्ड, म्यांमार और बांग्लादेश शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि चौथे BIMSTEC समिट में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सभी प्रतिनिधियों को भारत में वाटर स्पोर्ट्स मीट के लिये आमंत्रित किया था।
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वर्षाजनित बीमारियों पर रखें निगरानी
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने की विभागीय समीक्षा
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि वर्षाजनित बीमारियों पर सतत निगरानी रखें। डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि बीमारियों की रोकथाम पर नागरिकों को उपाय अपनाने के लिए प्रेरित करें। स्वास्थ्य केन्द्र में सर्पदंश के उपचार के इंजेक्शन और रेबीज के इंजेक्शन की उपलब्धता को भी सुनिश्चित रखें। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने सोमवार को मंत्रालय में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिये।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि डेंगू का मच्छर स्वच्छ पानी में पलता है। लोग अक्सर गमलों पुराने टायर और अन्य स्थानों पर पानी जमा रहने देते है, जिससे डेंगू मच्छर को पनपने का अवसर मिलता है। नागरिकों को इस बात से अवगत कराया जाए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में सभी प्रकार की बीमारियों का पर्याप्त इंतजाम रहें। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने स्वास्थ्य सुविधाओं को अधिक से अधिक नागरिकों को उपलब्ध कराने के प्रयास करने के लिये भी कहा। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिये की जा रही व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की। बैठक में स्वास्थ्य आयुक्त श्री आकाश त्रिपाठी, एमडी एनएचएम श्रीमती छवि भारद्वज और अपर संचालक स्वास्थ्य श्रीमती वीणा सिन्हा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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ऊर्जा मंत्री ने विदिशा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में लिया विद्युत व्यवस्था का जायजा
ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सोमवार को विदिशा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर विद्युत व्यवस्था का जायजा लिया। श्री तोमर ने 18 मील क्षेत्र से मांनरा, नोनई सहित कई गाँवों में क्षतिग्रस्त विद्युत लाइनों को जल्द ठीक कराने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये।
श्री तोमर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था पूरी तरह से दुरूस्त रखें। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। श्री तोमर ने खेतों में खड़े विद्युत पोलों पर लटकती हुई केबिल को भी ठीक कराने के निर्देश दिये। उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा कर विद्युत सप्लाई के संबंध में जानकारी ली
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वैक्सीन की प्रथम डोज आंशिक सुरक्षा, दूसरी डोज मतलब पूरी सुरक्षा
कोरोना महामारी के विरूद्ध पूरी तरह से रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए वैक्सीनेशन काफी कारगर साबित हो रहा है। वैज्ञानिक तथ्य भी यही कहते हैं कि वैक्सीन की दोनों डोज समय पर लग जाने से व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने की संभावना 93 प्रतिशत तक घट जाती है। साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों की मृत्यु की संभावना भी नगण्य हो जाती है। प्रदेशवासियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिये संवेदनशील राज्य सरकार लक्षित समूह को वैक्सीन का सुरक्षा कवच देने के लिए कटिबद्ध है। वैक्सीनेशन का शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर 25 एवं 26 अगस्त को दो दिवसीय टीकाकरण महाअभियान चलाया जाएगा।
कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर ने विश्व के अधिकांश देशों को अपनी चपेट में ले लिया था। कोरोना काल में अनेकों ने अपनी जान भी गंवाई। कोरोना के साथ लड़ाई में भारत ने कम समय में स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर एक अनूठा उदाहरण पूरे विश्व के सामने प्रस्तुत किया। वैक्सीन का निर्माण जितनी तेजी से किया गया, उतनी ही रफ्तार से प्रदेशों में वैक्सीन पहुँचाई भी गई। इसके बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने “सबको वैक्सीन-नि:शुल्क वैक्सीन” मंत्र देकर वैक्सीन तक सभी की पहुँच सुनिश्चित की। वैक्सीन की उपलब्धता के साथ उसके उपयोग में मध्यप्रदेश पूरे राष्ट्र में अग्रणी रहा।
वैक्सीन के द्वितीय डोज का महत्व
कोरोना महामारी से बचाव के तौर पर रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए कोविड-19 के दोनों डोज लगवाना अत्यन्त आवश्यक है। कोविड-19 टीके का प्रथम डोज मनाव शरीर में आंशिक सुरक्षा प्रदान करता है, जिसके लगने के बाद भी संक्रमित होने का खतरा बना रहता है। वैक्सीन का द्वितीय डोज समयावधि में लगवाने से वैक्सीन की एफिकेसी सर्वाधिक रहती है। प्रदेश में अभी दो प्रकार की वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाई जा रही है। चिकित्सकीय एवं वैज्ञानिक आधार पर कोविशील्ड वैक्सीन की प्रथम डोज लेने के 84 दिन बाद द्वितीय डोज और कोवैक्सीन की प्रथम डोज लेने के 28 दिन बाद द्वितीय डोज लेना जरूरी है। वैक्सीन की द्वितीय डोज लगने के 2 से 3 सप्ताह बाद ही शरीर में कोरोना बीमारी के विरूद्ध प्रतिरोधक क्षमता पूर्ण रूप से विकसित होती है। साथ ही शरीर एक से अधिक प्रकार की एंटीबॉडी तैयार करता है जो कोरोना और उसके अन्य वेरिएंट के विरूद्ध बचाव करने में सहायक होती है।
महाअभियान को सफल बनाने जन-भागीदारी भी जरूरी
कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन सिर्फ सरकार की ही नहीं, समाज की जिम्मेदारी भी है। हर नागरिक को स्व-प्रेरणा से आगे आकर सरकार द्वारा दिए जा रहे वक्सीन के सुरक्षा कवच को अपनाना होगा। यह अतिश्योक्ति नहीं होगी कि मध्यप्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए चलाए गए प्रथम टीकाकरण महाअभियान में राष्ट्रीय स्तर पर जो सफलता मिली, उसमें जन-भागीदारी की महत्ता को नकारा नहीं जा सकता है। प्रदेश में वैक्सीनेशन महाअभियान का दूसरा चरण 25 एवं 26 अगस्त को होने जा रहा है। प्रथम महाअभियान की तरह इस महाअभियान में भी राज्य सरकार के प्रयासों के साथ जनता की भागीदारी भी बहुत जरूरी होगी।
वैक्सीनेशन के बाद भी सजग और सर्तक रहना है जरूरी
यूं तो वैक्सीनेशन की दोनों डोज लगवा लेने के बाद काफी हद तक कोरोना संक्रमण का प्रभाव कम हो जाता है। इसके बावजूद भी सजग और सर्तक रहने की आवश्यकता है। कोरोना वायरस के प्रति अनुकूल व्यवहार को अपनाते रहना होगा, जिसमें मास्क लगाना, हाथों को समय-समय पर सेनेटाइज करना, ज्यादा भीड़-भाड़ न करना और न ही उसमें शामिल होने जैसी गतिविधियों को अपनाते रहना होगा। तभी हम अपने आपको और समाज को कोरोना वायरस से बचा पाएंगे।
नागरिकों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील सरकार
राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण को खत्म करने के लिये जो भगीरथी प्रयास किये वह किसी से छिपे नहीं हैं। कोरोना की जाँच से लेकर उपचार की जो व्यवस्थाएँ की गई, उससे प्रदेश में कोरोना संक्रमण को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सका है। वैक्सीन का सुरक्षा कवच हर नागरिक को मिल जाए, यह प्रयास राज्य की संवेदनशील सरकार ने किया है। इन प्रयासों में आम नागरिक के साथ धर्मगुरूओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवी संस्थाओं, कोरोना वॉलेंटियर्स, शहरी-ग्रामीण जन-प्रतिनिधियों के साथ समाज के हर वर्ग को आगे आकर अपनी नैतिक जिम्मेदारी के साथ वैक्सीनेशन महाअभियान में सहयोग करना होगा।
प्रदेश में 4 करोड़ के पार हुआ वैक्सीन डोज का आंकड़ा
वैक्सीनेशन के आंकड़ों पर यदि नजर डाले तो हम पायेंगे कि मध्यप्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए लक्षित समूह की संख्या 5 करोड़ 49 लाख है, जिसके विरूद्ध अब तक प्रदेश में 4 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन के डोज लगाए जा चुके हैं। इनमें से वैक्सीन की दूसरी डोज 65 लाख से अधिक लोगों को लग चुकी है। वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा करने के लिये मध्यप्रदेश में टीकाकरण महाअभियान का दूसरा चरण 25 अगस्त से प्रांरभ किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य वैक्सीन के दूसरे डोज का कव्हरेज बढ़ाना भी है।
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टीकाकरण सरकार के साथ समाज की भी जिम्मेदारी : चिकित्सकों की अपील
कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीनेशन सरकार के साथ समाज की भी जिम्मेदारी है। प्रदेश सरकार द्वारा नागरिकों को वैक्सीन का सुरक्षा कवच देने के लिये दूसरी बार टीकाकरण महाअभियान 25 एवं 26 अगस्त को चलाया जाएगा। इस महाअभियान में प्रदेश की जनता भी जागरूक होकर आगे आई है। महाअभियान में वैक्सीनेशन का शत-प्रतिशत लक्ष्य पाने के लिये और आमजन को प्रेरित करने अनेक चिकित्सा विशेषज्ञों ने स्व-प्रेरणा से नागरिकों के लिए अपील जारी की हैं।
प्रदेश अध्यक्ष आई.एम.ए डॉ. अनूप निगम ने चिकित्सकों से अपील की है किहम सभी चिकित्सक राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देकर महाअभियान को सफल बनाने में सहयोग करें। अध्यक्ष म.प्र नर्सिंग एसोसिएशन, डॉ. राहुल खरे ने महामारी को गंभीरता की चेतावनी देते हुए नागरिकों को दिए संदेश में कहा है कि कोविड महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। टीके की दोनों डोज से पूर्ण सुरक्षा मिलती है। टीकाकरण महाअभियान में 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नगारिक टीकाकरण अवश्य करवाये। अधीक्षक हमीदिया अस्पताल, भोपाल डॉ. लोकेन्द्र दबे ने कोरोना वैक्सीन के महत्व को रेखांकित करते हुए नागरिकों को दिए संदेश में कहा है कि वैक्सीनेशन होने पर कोरोना संक्रमित नहीं होते। संक्रमित हो भी जाते हैं तब गंभीर बीमार नहीं होते। जिन्होंने पहला टीका नहीं लगवाया वह पहला और जिनको दूसरी डोज लेना है वह दूसरी डोज जरूर लगवाये। डॉ. दवे ने कहा कि जब तक टीका की दोनों डोज नहीं लगती तब तक पूर्ण रूप से सुरक्षा नहीं मिलती। टीके के दोनों डोज लेने के बाद भी जब तक कोरोना पूरी तरह से समाप्त नहीं होता तब तक कोरोना से बचाव के लिए मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग रखना और हाथों को सेनेटाइज करना नहीं छोड़े।
डीन एम.डी.एम मेडिकल कॉलेज इंदौर डॉ. संजय दीक्षित ने लोगों से कहा है कि किसी कारणवश यदि दूसरा टीका नहीं लगवाया है, तो 25 एवं 26 अगस्त के महा अभियान में दूसरा डोज जरूर लगवाए। केवल पहला टीका लगवाना पर्याप्त नहीं है, टीके दोनों अवश्य लगवाये। डीन मेडिकल कॉलेज रतलाम डॉ. जितेन्द्र गुप्ता ने लोगों से कहा है कि कोरोना के दोनों टीके लगवाने के लिए अपने मित्र, नातेदार, परिवार के सदस्यों को प्रेरित करें। इस टीके के कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यह टीका संक्रमण से अच्छे से बचाव करता है।डीन अटलबिहारी वाजपेई कॉलेज विदिशा डॉ. सुनील नंदेश्वर ने कोरोना वैक्सीन से बनने वाली इम्यूनिटी की जानकारी देते हुए कहा कि जिन व्याक्तियों को कोरोना का वैक्सीन लगा है, उनकी कोरोना से लड़ने की इम्यूनिटी बनती है। इसमें कोरोना से संक्रमित होने पर बीमारी की गंभीरता कम हो जाती है। टीकाकरण के 25-26 अगस्त के महाअभियान में सभी नागरिक टीका अवश्य लगवाए।
अरविन्दो इस्टियूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के डीन डॉ. रविन्द्र सिंह ने कहा कि हम पिछले दो सालों से कोविड से लड़ रहे है। कोविड वैक्सीनेशन से कोरोना पर नियंत्रण पाने में कामयाबी मिली है। यह तथ्य सामने आया है कि कोविड संक्रमित होने और चेस्ट में भी अधिक संक्रमण पर भी वैक्सीनेशन करवाने वाले व्यक्तियों में बीमारी की गंभीरता कम रही है। सभी लोग वैक्सीनेशन अवश्य करवाए।सेवानिवृत्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएँ डॉ. ओ.पी.ओहरी ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए टीके उपलब्ध होना हमारी खुशकिस्मती है। इस टीके से बीमारी की गंभीरता बहुत कम हो जाती है। टीका लगवाने में ज्यादा सोच-विचार नहीं करें। टीके अवश्य लगवाए। संचालक एन.एच.एम डॉ. पंकज शुक्ला ने कहा है कि सभी लोग टीकाकरण महाअभियान का लाभ लेकर, वे सभी लोग जिन्होंने अब तक टीका नहीं लगवाया है वह 25 और 26 अगस्त को टीका जरूर लगवाये। कोरोना की तीसरी लहर से बचाव का कारगर तरीका टीकाकरण है। चीफ कन्सलटेंट और पल्मोलॉजिस्ट अपोलो हॉस्पिटल ग्वालियर डॉ. उज्जवल शर्मा ने कहा कि कोविड टीकाकरण महाअभियान 25-26 अगस्त में अधिक से अधिक लोग टीका लागवाये। कोविड के विरूद्ध चलाई जा रही मुहिम को सफल बनाये। सेवानिवृत्त सी.एम.एच.ओ.गुना डॉ. रामवीर सिंह रघुवंशी ने कहा कि 21 जून को महाअभियान के पहले चरण के पहले दिन कोविड टीके लगाने का प्रदेश ने रिकार्ड बनाया था। अब पुन: 25 और 26 अगस्त को टीकाकरण महाअभियान होने जा रहा है। इसमें सभी लोग बढ़-चढ़कर भागीदरी करे।
डीन मेडिकल कॉलेज शहडोल डॉ. निलय श्रीवास्तव ने लोगों को दिए संदेश में कहा कि कोरोना से बचने का एकमात्र उपाय टीकाकरण है। टीके के दोनों डोज लगवाकर खुद बचे और दूसरों को बचाये। कोविड टीका पूरी तरह सुरक्षित है। टीकाकरण महाअभियान में खुद टीका लगवाये और दूसरों को कोविड टीका लगवाने के लिए प्रेरित करे। मेडिकल कॉलेज जबलपुर के डीन डॉ. प्रदीप प्रसादने कहा कि कोविड वैक्सीनेशन कोरोना बीमारी से बचाने की संजीवनी है। अधिकांश प्रकरणों में ऐसा देखा गया है कि वैक्सीन लगवा चुके व्यक्ति को सक्रंमण होने पर भी अस्पताल नहीं जाना पड़ता। घर पर ही ठीक हो जाते हैं।
आई.एम.ए (लेडी डाक्टर्स विंग) एम.पी की अध्यक्ष डॉ. नीना गिदों ने गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को कोरोना वैक्सीन लगवाने के महत्व को बताते हुए कहा है कि तीसरी लहर से बचने के लिए वैक्सीन लगवाना जरूरी है। सभी गर्भवती महिलाएँ और छोटे बच्चों को स्तनपान करने वाली माताएँ कोविड-19 टीका जरूर लगवाए। टीका लगवाकर गर्भवती महिलाएँ कोरोना से खुद को और अपने बच्चे को सुरक्षित रख सकेगी। छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. रामटेक ने कहा किकेवल पहली डोज लेना भर पर्याप्त नहीं होता। दोनों डोज लेने पर ही इम्यूनिटी बनती है। मैंने खुद दोनों डोज समय पर लगवाई है। सभी नागरिकों से अनुरोध किया है कि 25 और 26 अगस्त को टीकाकरण अवश्य करवाए।मेडिकल कालेज खण्डवा के डीन डॉ. आनंद पवार ने कहा किकोरोना जैसी गंभीर बीमारी से बचने का सबसे सरल तरीका है टीका लगवाना। जिन्होंने पहली डोज नहीं ली वो तुरन्त पहली डोज लगवाए और जिनको दूसरी डोज लगवाना है वो समय पर दूसरी डोज लगवाए। यह टीका पूरी तरह से सुरक्षित है।
संचालक एन.एच.एम. (टीकाकरण) डॉ. संतोष शुक्ला ने सभी से अनुरोध किया है कि टीकाकरण महाअभियान में 25 और 26 अगस्त में कोरोना टीका अवश्य लगवाए।
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