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दिव्यांगजन का खेल-परिसर और नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ प्रदेश के लिए अनूठी सौगात : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

दिव्यांगजन का खेल-परिसर और नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ प्रदेश के लिए अनूठी सौगात : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
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प्रदेश के सभी 52 जिलों में बनेंगे जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र
मुख्यमंत्री श्री चौहान की केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री गेहलोत के साथ बैठक सम्पन्न
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारत सरकार की ओर से सीहोर में बनने वाला नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एण्ड रिसर्च और ग्वालियर में दिव्यांगजनों के लिए निर्मित हो रहा खेल परिसर प्रदेश के लिए अनूठी सौगात है। राज्य सरकार दिव्यांगजन के कल्याण के लिए निरंतर सक्रिय है। प्रदेश में लगभग 6 लाख दिव्यांगजन को पहचान पत्र उपलब्ध कराये गये हैं। केन्द्र सरकार द्वारा भी इस दिशा में भरपूर सहयोग प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत के साथ मंत्रालय में बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण श्री प्रतीक हजेला, आयुक्त नि:शक्तजन श्री संदीप रजक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मेंटल हेल्थ पर संचालित होंगे पाठ्यक्रम

जानकारी दी गई कि सीहोर में भारत सरकार द्वारा 179 करोड़ 40 लाख रूपये की लागत से इन्स्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एण्ड रिसर्च का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए राज्य शासन द्वारा 25 एकड़ भूमि नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई है। जून 2022 तक पूर्ण होने वाले इस राष्ट्रीय स्तर के संस्थान में मेंटल हेल्थ पर सर्टिफिकेट कोर्स और प्रशिक्षण गतिविधियाँ संचालित की जायेंगी। ग्वालियर में 170 करोड़ की लागत से दिव्यांगजनों के लिए बन रहे खेल-परिसर के लिए राज्य सरकार द्वारा 34 एकड़ भूमि नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई है।

दिव्यांगों और ट्रांसजेंडर को पहचान पत्र देने में प्रदेश देश में प्रथम

केन्द्रीय मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत ने दिव्यांगजनों को पहचान पत्र जारी करने में देश में प्रथम रहने पर मुख्यमंत्री श्री चौहान को बधाई दी। बैठक में जानकारी दी गई कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित 6 लाख 7 हजार 313 के लक्ष्य के विरूद्ध 5 लाख 97 हजार 170 दिव्यांगजन को पहचान पत्र जारी किये गये हैं।

मंत्री श्री गेहलोत ने कहा कि ट्रांसजेंडरों को पहचान पत्र देने में भी मध्यप्रदेश देश में प्रथम रहा है। यह सराहनीय है। इस पहचान पत्र के आधार पर ट्रांसजेंडरों को कोरोना कर्फ्यू अवधि में दो बार आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई गई। बताया गया कि भोपाल कलेक्टर द्वारा 8 जनवरी, 2021 को ट्रांसजेण्डर व्यक्तियों को सर्वप्रथम पहचान पत्र जारी किये गये।

पेंशन राशि के भुगतान के लिए केन्द्र शासन से अनुरोध

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सामाजिक सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था, विधवा और नि:शक्तजन पेंशन योजनाओं में प्रदेश में 33 लाख 43 हजार हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं। इनमें से 11 लाख 38 हजार हितग्राहियों को राज्य सरकार की ओर से पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन 11 लाख 38 हजार हितग्राहियों के लिए भी केंद्र सरकार की ओर से पेंशन राशि के भुगतान का अनुरोध किया।

दिव्यांगजनों की सुगमता के लिए शासकीय भवनों में रैम्प व लिफ्ट की व्यवस्था

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दिव्यांगजनों की सुगमता के लिए प्रदेश के शासकीय भवनों में रैम्प और लिफ्ट आदि के निर्माण के लिए 81 करोड़ सात लाख रूपये कि स्वीकृति केन्द्र सरकार से जल्द जारी करने का अनुरोध किया।

प्रदेश के सभी 52 जिलों में बनेंगे जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के 24 जिलों के लिए स्वीकृत जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों के बजट आवंटन प्रस्ताव केन्द्र शासन को भेजे गये हैं। दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र, दिव्यांगों के लिए उपयोगी और लाभकारी हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के समस्त 52 जिलों में दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों के लिए बजट स्वीकृत करने का अनुरोध किया। केन्द्रीय मंत्री श्री गेहलोत ने इस पर सहमति प्रदान करते हुए एक सप्ताह में प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने के निर्देश दिये।

समर्पित और सेवाभावी स्वंय-सेवी संस्थाओं को ही दी जाये जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि समर्पित और सेवाभावी स्वयं-सेवी संस्थाओं को ही दिव्यांग कल्याण और पुनर्वास से संबंधित दायित्व सौंपे जाएँ। स्वयं-सेवी संस्थाओं द्वारा संचालित केंद्रों के हितग्राहियों की स्थिति की समीक्षा भी नियमित रूप से सुनिश्चित की जाएँ।
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