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प्रहलाद सिंह पटेल कल उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में शहीद राम प्रसाद बिस्मिल की जयंती के अवसर पर आजादी के अमृत महोत्सव के भाग के रूप में एक विशेष कार्यक्रम में शामिल होंगे

प्रहलाद सिंह पटेल कल उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में शहीद राम प्रसाद बिस्मिल की जयंती के अवसर पर आजादी के अमृत महोत्सव के भाग के रूप में एक विशेष कार्यक्रम में शामिल होंगे
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आजादी का अमृत महोत्‍सव के भाग के रूप में, संस्‍कृति मंत्रालय द्वारा प्रसिद्ध स्‍वतंत्रता सेनानी शहीद राम प्रसाद बिस्मिल की जयंती को मनाने के लिए 11 जून, 2021 को शहीद राम प्रसाद बिस्मिल के जन्‍म स्‍थान, शाहजहांपुर में विशेष समारोह का आयोजन किया जाएगा।

माननीय संस्‍कृति एवं पर्यटन केन्‍द्रीय राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), श्री प्रहलाद सिंह पटेल शहीद उद्यान शाहजहांपुर, उत्‍तर प्रदेश में उत्‍तर-मध्‍य क्षेत्र सांस्‍कृतिक केन्‍द्र (एनसीजेडसीसी), संस्‍कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे विशेष कार्यक्रम में शहीद राम प्रसाद बिस्मिल, शहीद अशफाक उल्‍लाह खान और शहीद रोशन सिंह को पुष्‍पांजलि अर्पित करेंगे। माननीय वित्‍त, संसदीय कार्य एवं चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री, उत्‍तर प्रदेश सरकार, श्री सुरेश खन्‍ना जो शाहजहांपुर से विधायक भी हैं, माननीय संस्‍कृति एवं पर्यटन मंत्री, उत्‍तर प्रदेश सरकार, श्री नीलकंठ तिवारी और शाहजहांपुर के माननीय सासंद श्री अरुण कुमार सागर एवं जिला अधिकारी भी इस पुष्‍पांजलि समारोह में भाग लेंगे।

शाहजहांपुर में 11 जून, 1897 को जन्‍मे पंडित राम प्रसाद बिस्मिल उन जाने-माने भारतीय आंदोलनकारियों में से एक थे जिन्‍होंने ब्रिटिश उपनिवेशवाद के विरुद्ध लड़ाई लड़ी। उन्‍होंने 19 वर्ष की आयु से ‘बिस्मिल’ उपनाम से उर्दू और हिन्‍दी में देशभक्ति की सशक्‍त कविताएं लिखनी आरंभ कर दी। उन्‍होंने भगत सिंह और चन्‍द्रशेखर आजाद जैसे स्‍वतंत्रता सेनानियों सहित हिन्‍दुस्‍तान रिपब्लिकन एसोसिएशन का गठन किया और 1918 में इसमें मैनपुरी षडयंत्र और ब्रिटिश शासन के विरुद्ध प्रदर्शन करने के लिए अशफाक उल्‍लाह खान तथा रोशन सिंह के साथ 1925 के काकोरी कांड में भाग लिया। काकोरी कांड में उनका हाथ होने के कारण उन्‍हें मात्र 30 वर्ष की आयु में 19 दिसम्‍बर, 1927 को गोरखपुर जेल में फांसी दे दी गई। जब वे जेल में थे तब उन्‍होंने ‘मेरा रंग दे बसंती चोला’ और ‘सरफरोशी की तमन्‍ना’ लिखे जो स्‍वतंत्रता सेनानियों का गान बन गए।

इस कवि-आंदोलनकारी को श्रद्धांजलि स्‍वरूप, उनकी विरासत को समर्पित एक लघु सांस्‍कृतिक प्रस्‍तुति भी कार्यक्रम के दौरान पेश की जाएगी। पुष्‍पांजलि के समय श्री नवीन मिश्रा सितार पर भक्ति संगीत प्रस्‍तुत करेंगे। किस्‍सागोई के अग्रणी प्रतिपादक, श्री हिमांशु बाजपेयी शहीद बिस्मिल की जीवन कथा सुनाएंगे जिसके पश्‍चात किशोर चतुर्वेदी एवं समूह द्वारा देशभक्ति गीत प्रस्‍तुत किए जाएंगे। संस्‍कृति मंत्रालय इस अवसर पर बिस्मिल तथा अन्‍य देशभक्‍तों के योगदान से संबंधित वर्चुअल कार्यक्रम भी आयोजित करेगा जिसे संस्‍कृति मंत्रालय और और एनसीजेडसीसी के सोशल मीडिया मंचों पर साझा किया जाएगा।
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