एनसीसी रैली में प्रधानमंत्री का सम्बोधन
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देश के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी, चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत, थलसेना, नौसेना और वायु सेनाध्यक्ष, रक्षा सचिव, NCC महानिदेशक और देश भर से यहां जुटे राष्ट्रभक्ति की ऊर्जा से ओतप्रोत NCC कैडेट्स आप सभी युवा साथियों के बीच जितनी भी पल बिताने का मौका मिलता है, ये बहुत ही सुखद अनुभव देता है। अभी जो आपने यहां पर मार्च पास्ट किया, कुछ कैडेट्स ने पैरा सेलिंग का हुनर दिखाया, जो ये सांस्कृतिक प्रदर्शन हुआ, वो देखकर सिर्फ मुझे ही नहीं, आज टीवी के माध्यम से भी जो लोग देखते होंगे, हर किसी को गर्व महसूस होता होगा। देश के कोने-कोने से आकर आपने 26 जनवरी की परेड में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। आपकी इस मेहनत को पूरी दुनिया ने देखा है। हम देखते हैं, दुनिया में जिन भी देशों में समाज जीवन में अनुशासन होता है, ऐसे देश सभी क्षेत्रों में अपना परचम लहराते हैं। और भारत में समाज जीवन में अनुशासन लाने की ये बहुत अहम भूमिका NCC बखूबी निभा सकती है। और आपमें भी ये संस्कार, जीवन पर्यंत रहना चाहिए। NCC के बाद भी अनुशासन की ये भावना आपके साथ रहनी चाहिए। इतना ही नहीं, आप अपने आसपास के लोगों को भी निरंतर इसके लिए प्रेरित करेंगे तो भारत का समाज इससे मजबूत होगा, देश मजबूत होगा।
साथियों,
दुनिया के सबसे बड़े uniformed youth organization के रूप में, NCC ने अपनी जो छवि बनाई है, वो दिनों-दिन और मजबूत होती जा रही है। और जब मैं आपके प्रयास देखता हूं, तो मुझे बहुत खुशी मिलती है, आप पर भरोसा और मजबूत होता है। शौर्य और सेवा भाव की भारतीय पंरपरा को जहां बढ़ाया जा रहा है- वहां NCC कैडेट्स नजर आता है। जहां संविधान के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने का अभियान चल रहा हो- वहां भी NCC कैडेट्स दिखते हैं। पर्यावरण को लेकर कुछ अच्छा काम हो रहा हो, जल संरक्षण या स्वच्छता से जुड़ा कोई अभियान हो, तो वहां NCC कैडेट्स जरूर नजर आते हैं। संकट के समय में आप सभी जिस अद्भुत तरीके से संगठित काम करते हैं, उसके उदाहरण बाकी जगह पर बहुत कम देखने को मिलते हैं। बाढ़ हो या दूसरी आपदा, बीते वर्ष NCC के कैडेट्स ने मुश्किल में फंसे देशवासियों की राहत और बचाव में सहायता की है। कोरोना के इस पूरे कालखंड में लाखों-लाख कैडेट्स ने देशभर में जिस प्रकार प्रशासन के साथ मिलकर, समाज के साथ मिलकर जिस तरह काम किया है, वो प्रशंसनीय है। हमारे संविधान में जिन नागरिक कर्तव्यों की बात कही गई है, जिनकी हमसे अपेक्षा की गई है, वो निभाना सभी का दायित्व है।
हम सभी इसके साक्षी हैं कि जब सिविल सोसायटी, स्थानीय नागरिक अपने कर्तव्यों पर बल देते हैं, तब बड़ी से बड़ी चुनौतियों को भी हल किया जा सकता है। जैसे आप भी भली-भांति जानते हैं कि हमारे देश में एक समय में नक्सलवाद-माओवाद कितनी बड़ी समस्या थी। देश के सैकड़ों जिले इससे प्रभावित थे। लेकिन स्थानीय नागरिकों का कर्तव्यभाव और हमारे सुरक्षाबलों का शौर्य साथ आया, तो नक्सलवाद की कमर टूटनी शुरू हो गई। अब देश के कुछ गिनती के जिलों में ही नक्सलवाद सिमटकर रह गया है। अब देश में न सिर्फ नक्सली हिंसा बहुत कम हुई है, बल्कि अनेकों युवा हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास के कार्यों से जुड़ने लगे हैं। एक नागरिक के तौर पर अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता देने का प्रभाव हमने इस कोरोना काल में भी देखा है। जब देश के लोग एकजुट हुए, अपना दायित्व निभाया, तो देश कोरोना का अच्छी तरह मुकाबला भी कर पाया।
साथियों,
ये कालखंड चुनौतीपूर्ण तो रहा, पर ये अपने साथ अवसर भी लाया। अवसर – चुनौतियों से निपटने का, विजयी बनने का, अवसर – देश के लिए कुछ कर गुजरने का, अवसर – देश की क्षमताएं बढाने का, अवसर आत्मनिर्भर बनने का, अवसर- साधारण से असाधारण, असाधारण से सर्वश्रेष्ठ बनने का। इन सब लक्ष्यों की प्राप्ति में भारत की युवा शक्ति की भूमिका और युवा शक्ति का योगदान सबसे महत्त्वपूर्ण है। आप सभी के भीतर भी मैं एक राष्ट्र सेवक के साथ ही एक राष्ट्र रक्षक भी देखता हूं। इसलिए सरकार ने विशेष प्रयास किया है कि NCC की भूमिका का और विस्तार किया जाए। देश के सीमावर्ती और समुद्री किनारों की रक्षा और सुरक्षा से जुड़े नेटवर्क को सशक्त करने के लिए NCC की भागीदारी को बढ़ाया जा रहा है।
पिछले वर्ष 15 अगस्त को ये ऐलान किया गया था कि Coastal और Border Areas के करीब पौने 2 सौ जिलों में NCC को नया दायित्व दिया जाएगा। इसके लिए लगभग 1 लाख NCC Cadets को Army, Navy और Airforce ट्रेन कर रही है। इसमें भी एक तिहाई, वन थर्ड, हमारी Girls Cadets को ट्रेनिंग दी जा रही है। इन कैडेट्स का सेलेक्शन सभी स्कूलों और कॉलेजों, चाहे वो सरकारी हों, प्राइवेट हों, केंद्र के हों या राज्य सरकार के हों, सभी को इसमें शामिल किया जा रहा है। NCC की ट्रेनिंग क्षमताओं को भी सरकार तेजी से बढ़ा रही है। अब तक आपके पास सिर्फ एक फाइरिंग सिम्यूलेटर होता था। इसे अब बढ़ाकर 98 किया जा रहा है, करीब-करीब 100, कहां एक और कहां 100. माइक्रोलाइट फ्लाइट सिम्यूलेटर को भी 5 से बढ़ाकर 44 और रोविंग सिम्यूलेटर को 11 से बढ़ाकर 60 किया जा रहा है। ये आधुनिक सिम्यूलेटर्स, NCC ट्रेनिंग की क्वालिटी को और सुधारने में मदद करेंगे।
साथियों,
ये आयोजन अभी जिस ग्राउंड पर हो रहा है, उसका नाम फील्ड मार्शल के. एम. करियप्पा जी के नाम पर है। वो भी आपके लिए बड़ी प्रेरणा हैं। करियप्पा जी का जीवन शौर्य की अनेक गाथाओं से भरा हुआ है। 1947 में उनके रणनीतिक कौशल की वजह से भारत को युद्ध में निर्णायक बढ़त मिली थी। आज फील्ड मार्शल के. एम. करियप्पा जी की जन्मजयंती है। मैं सभी देशवासियों की तरफ से, आप NCC कैडेट्स की तरफ से उन्हें आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
आप में से भी अनेक साथियों की ये प्रबल इच्छा होगी कि आप भारत की Defense Forces का हिस्सा बनें। आप सभी में वो सामर्थ्य भी है और सरकार आपके लिए अवसर भी बढ़ा रही है। विशेष रूप से Girls Cadets को मैं आग्रह से कहूंगा कि आपके लिए भी अनेक अवसर आपका इंतजार कर रहे हैं। मैं अपने सामने भी देख पा रहा हूं और आंकड़े भी बताते हैं कि बीते वर्षों में NCC में Girls कैडेट्स में करीब –करीब 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अब हमारी Forces के हर फ्रंट को आपके लिए खोला जा रहा है। भारत की वीर बेटियां हर मोर्चे पर शत्रु से लोहा लेने के लिए आज भी मोर्चे पर डटी हुईं हैं। आपके शौर्य की देश को ज़रूरत है और नई बुलंदी आपका इंतज़ार कर रही है। और मैं आपमें भविष्य की ऑफीसर्स, भविष्य के ऑफीसर्स भी देख रहा हूं। मुझे याद है, मैं जब कुछ दो-ढाई महीना पहले, दीवाली पर जैसलमेर की लोंगेवाला पोस्ट पर गया था, तो कई यंग ऑफीसर्स से मेरी मुलाकात हुई थी। देश की रक्षा के लिए उनका जज्बा, उनका हौसला, उनकी चेहरे पर दिख रही अदम्य इच्छाशक्ति, मैं कभी भूल नहीं सकता।
साथियों,
लोंगेवाला पोस्ट का भी अपना एक गौरवमयी इतिहास है। सन 71 के युद्ध में लोंगेवाला में हमारे वीर जांबाजों ने निर्णायक विजय प्राप्त की थी। तब पाकिस्तान से युद्ध के दौरान पूरब और पश्चिम के हजारों किलोमीटर लंबे बॉर्डर पर भारत की फौज ने अपने पराक्रम से, दुश्मन को धूल चटा दी थी। उस युद्ध में पाकिस्तान के हजारों सैनिकों ने भारत के जांबाजों के सामने सरेंडर कर दिया था। सन 71 की ये जंग, भारत के मित्र और हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश के निर्माण में भी सहायक बनी। इस वर्ष, इस युद्ध में विजय के भी 50 वर्ष हो रहे हैं। भारत के हम लोग, 1971 की जंग में देश को जिताने वाले भारत के वीर बेटे-बेटियों के साहस, उनके शौर्य, आज पूरे देश उन्हें सैल्यूट करता है। इस युद्ध में देश के लिए जो शहीद हुए, आज मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि भी अर्पित करता हूं।
साथियों,
आप सभी जब दिल्ली आए हैं, तो नेशनल वॉर मेमोरियल जाना बहुत स्वाभाविक है। राष्ट्ररक्षा के लिए जीवन अर्पित करने वालों को सम्मान देना हम सभी का दायित्व है। बल्कि इस गणतंत्र दिवस को तो हमारा जो Gallantry Awards Portal है- www.gallantry awards.gov.in, उसको भी नए रंगरूप में Re-launch किया गया है। इसमें परमवीर और महावीर चक्र जैसे सम्मान पाने वाले हमारे सैनिकों के जीवन से जुड़ी जानकारी तो है ही, आप इस पोर्टल पर जाकर इनकी वीरता को नमन कर सकते हैं। और मेरा एनसीसी में वर्तमान और पूर्व सभी कैडेट्स से आग्रह है कि आपको इस पोर्टल पर जाना चाहिए, जुड़ना चाहिए और लगातार उसके साथ इंगेज रहना चाहिए।
साथियों,
मुझे ये भी बताया गया है कि जो NCC Digital Platform बनाया गया है, उसमें अभी तक 20 हज़ार से ज्यादा कैडेट्स जुड़ चुके हैं। इन कैडेट्स ने अपने अनुभव, अपने Ideas शेयर करना शुरु भी कर दिया है। मुझे विश्वास है कि आप सभी इस प्लेटफॉर्म का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करेंगे।
साथियों,
राष्ट्र भक्ति और राष्ट्रसेवा के जिन मूल्यों को लेकर आप चले हैं, उनके लिए ये साल बहुत महत्वपूर्ण है। इस वर्ष भारत अपनी आज़ादी के 75वें वर्ष में प्रवेश करने वाला है। ये वर्ष नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जन्मजयंती का भी है। जीवन में प्रेरणा के इतने बड़े अवसर एक साथ आएं, ऐसा कम ही होता है। नेताजी सुभाष, जिन्होंने अपने पराक्रम से दुनिया की सबसे मजबूत सत्ता को हिला कर रख दिया था। आप नेताजी के बारे में जितना पढ़ेंगे, उतना ही आपको लगेगा कि कोई भी चुनौती इतनी बड़ी नहीं होती कि आपके हौसले को डिगा सके। देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर देने वाले ऐसे अनेक वीर आपको, अपने सपनों का भारत बनाते हुए देखना चाहते हैं। और आपके जीवन के अगले 25-26 साल बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये 25-26 साल भारत के लिए भी उतने ही अहम हैं।
वर्ष 2047 में जब देश अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब आपके आज के प्रयास, भारत की इस यात्रा को मजबूती देंगे। यानि ये वर्ष एक कैटेड के रूप में और नागरिक के रूप में भी नए संकल्प लेने का वर्ष है। देश के लिए संकल्प लेने का वर्ष है। देश के लिए नए सपने लेकर के चल पड़ने का वर्ष है। बीते साल में बड़े-बड़े संकटों का जिस सामूहिक शक्ति से, एक राष्ट्र, एक मन से हमने सामना किया, उसी भावना को हमें और सशक्त करना है। हमें देश की अर्थव्यवस्था पर इस महामारी के जो दुष्प्रभाव पड़े हैं, उसको भी पूरी तरह नेस्तनाबूद करना है। और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को भी हमें पूरा करके दिखाना है।
साथियों,
बीते साल भारत ने दिखाया है कि Virus हो या Border की चुनौती, भारत अपनी रक्षा के लिए पूरी मज़बूती से हर कदम उठाने में सक्षम है। Vaccine का सुरक्षा कवच हो या फिर भारत को चुनौती देने वालों के इरादों को आधुनिक मिसाइलों से ध्वस्त करना, भारत हर मोर्चे पर समर्थ है। आज हम Vaccine के मामले में भी आत्मनिर्भर हैं और अपनी सेना के आधुनिकीकरण के लिए उतनी ही तेजी से प्रयास कर रहे हैं। भारत की सभी सेनाएं सर्वश्रेष्ठ हो, इसके लिए हर कदम उठाए जा रहे हैं। आज भारत के पास दुनिया की बेहतरीन War Machines हैं। आपने आज मीडिया में भी देखा होगा, कल ही भारत में, फ्रांस से तीन और रफाएल फाइटर प्लेन आए हैं। भारत के इन फाइटर प्लेन्स ही मिड-एयर ही री-फ्यूलिंग हुई है। और ये री-फ्यूलिंग, भारत के मित्र युनाइटेड अरब अमीरात ने की है और इसमें ग्रीस और सउदी अरब ने सहयोग किया है। ये भारत के खाड़ी देशों के साथ मजबूत होते संबंधों की एक तस्वीर भी है।
साथियों,
अपनी सेनाओं की ज्यादातर ज़रुरतों को भारत में ही पूरा किया जा सके, इसके लिए भी सरकार द्वारा बड़े फैसले लिए गए हैं। 100 से ज्यादा सुरक्षा से जुड़े सामानों की विदेशों से खरीद को बंद कर उनको भारत में ही तैयार किया जा रहा है। अब भारत का अपना तेजस फाइटर प्लेन भी समंदर से लेकर आसमान तक अपना तेज फैला रहा है। हाल में वायुसेना के लिए 80 से ज्यादा तेजस का ऑर्डर भी दिया गया है। इतना ही नहीं, Artificial Intelligence आधारित Warfare में भी भारत किसी से पीछे ना रहे, इसके लिए हर ज़रूरी R and D पर फोकस किया जा रहा है। वो दिन दूर नहीं जब भारत Defense Equipments के बड़े मार्केट के बजाय एक बड़े Producer के रूप में जाना जाएगा।
साथियों,
आत्मनिर्भरता के अनेक लक्ष्यों को आज आप साकार होते हुए देख रहे हैं, तो आपके भीतर गर्व का एहसास होना बहुत स्वाभाविक है। आप भी अब अपने में, अपने दोस्तों के बीच में लोकल के प्रति उत्साह अनुभव कर रहे हैं। मैं देख रहा हूं कि Brands को लेकर भारत के युवाओं की Preferences में भी एक बड़ा बदलाव आया है। अब आप खादी को ही लीजिए। खादी को किसी जमाने में नेताओं के लिबास के रूप में ही अपने हाल में छोड़ दिया गया था। आज वही खादी युवाओं का पसंदीदा Brand बन चुका है। खादी के कुर्ते हों, खादी का जैकेट हो, खादी का दूसरा सामान है, वो आज युवाओं के लिए फैशन का सिंबल बन चुका है। इसी तरह, आज टेक्सटाइल हो या इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन हो या पैशन, त्योहार हो या शादी, लोकल के लिए हर भारतीय वोकल बनता जा रहा है। कोरोना के मुश्किल समय में भी भारत में रिकॉर्ड संख्या में स्टार्ट अप्स बने हैं और रिकॉर्ड यूनिकॉर्न देश के युवाओं ने तैयार किए हैं।
साथियों,
21वीं सदी में आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मविश्वासी युवा बहुत ज़रूरी है। ये आत्मविश्वास, फिटनेस से बढ़ता है, एजुकेशन से बढ़ता है, स्किल और उचित अवसरों से आता है। आज सरकार देश के युवाओं के लिए ज़रूरी इन्हीं पहलुओं पर काम कर रही है और इसके लिए सिस्टम में हर ज़रूरी रिफॉर्म्स भी किए जा रहे हैं। हजारों अटल टिंकरिंग लैब से लेकर बड़े-बड़े आधुनिक शिक्षा संस्थान तक, स्किल इंडिया मिशन से लेकर मुद्रा जैसी योजनाओं तक, सरकार हर दिशा में प्रयास कर रही है। आज Fitness और Sports को भारत में अभूतपूर्व प्राथमिकता दी जा रही है। फिट इंडिया अभियान और खेलो इंडिया अभियान, देश के गांव-गांव में बेहतर फिटनेस और बेहतर टैलेंट को प्रोत्साहित कर रहा है। फिट इंडिया अभियान और योग को प्रोत्साहन देने के लिए तो NCC में भी विशेष कार्यक्रम चलते हैं।
नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से भारत के एजुकेशन सिस्टम को प्री नर्सरी से लेकर पीएचडी तक Student सेंट्रिक बनाया जा रहा है। अपने बच्चों को, युवा साथियों को अनावश्यक दबाव से मुक्त करके, उसकी अपनी इच्छा, अपनी रुचि के हिसाब से आगे बढ़ने के लिए माहौल बनाया जा रहा है। खेती से लेकर स्पेस सेक्टर तक, हर स्तर पर युवा टैलेंट के लिए, युवा उद्यमियों के लिए अवसर दिए जा रहे हैं। आप इन अवसरों का जितना लाभ उठाएंगे, उतना ही देश आगे बढ़ेगा। हमें वयं राष्ट्र जागृयामः, इस वैदिक आह्वान को 21वीं सदी की युवा ऊर्जा का उद्घोष बनाना है। हमें ‘इदम् राष्ट्राय इदम् न मम्’ यानि ये जीवन राष्ट्र को समर्पित है, इस भावना को आत्मसात करना है। हमें ‘राष्ट्र हिताय राष्ट्र सुखाय च’ का संकल्प लेकर प्रत्येक देशवासी के लिए काम करना है। आत्मवत सर्वभूतेषु और सर्वभूत हितेरता यानि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र के साथ हमें आगे बढ़ना है।
अगर हम इन मंत्रों को अपने जीवन में उतारेंगे तो आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि में बहुत ज्यादा समय नहीं लगेगा। एक बार फिर आप सभी को गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनने के लिए बहुत-बहुत बधाई और भविष्य के लिए भी अनेक-अनेक मंगलकामनाएं।
बहुत-बहुत धन्यवाद !