रायपुर, 5 अगस्त 2016
कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर प्रदेश में वर्षा और खेती किसानी की स्थिति की गहन समीक्षा की। श्री अग्रवाल ने बैठक में कम वर्षा वाले पांच जिलों सूरजपुर, महासमुंद, गरियाबंद, कोरबा और मुंगेली के लिए खेती किसानी की आकस्मिक कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बैठक में बताया कि इन जिलों में कल 3 अगस्त तक की स्थिति में 61 से 80 प्रतिशत तक वर्षा दर्ज की गई है।
कृषि मंत्री ने इन जिलों के लिए कृषि विभाग के राज्य स्तर के पांच अधिकारियों की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए। ये अधिकारी संबंधित जिलों में जाकर खेती-किसानी की स्थिति की समीक्षा करने के बाद आकस्मिक कार्ययोजना बनाएंगे। कार्ययोजना में कम अवधि वाले धान तथा दलहन-तिलहन बोने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ ही उन्हें जरूरी कृषि आदान उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी। श्री अग्रवाल ने इस संबंध में आकस्मिक कार्ययोजना 10 अगस्त तक अनिवार्य रूप से तैयार करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। बैठक में कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय सिंह, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटिल, छत्तीसगढ कामधेनु विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. यू.के. मिश्रा, छत्तीसगढ़ कृषि एवं बीज विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री समीर विश्नोई, मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री नरेन्द्र शुक्ला, संचालक उद्यानिकी श्री नरेन्द्र पाण्डेय, संचालक कृषि श्री केरकेट्टा सहित विभिन्न विभागांे के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कृषि मंत्री श्री अग्रवाल ने कम वर्षा वाले जिलों में छोटे-छोटे नालो में बंधान बनाकर पानी रोकने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कृषि, उद्यानिकी सहित अन्य विभागीय योजनाओं के तहत सिंचाई पंपों की व्यवस्था करने के लिए भी जरूरी तैया्रियां की जाए। उद्यानिकी विभाग की योजना के तहत सिंचाई पौण्ड निर्माण के लिए भी जरूरी कार्रवाई की जाए। श्री अग्रवाल ने कहा कि कम वर्षा वाले जिलांे के किसानों को सूखे की स्थिति में किए जाने वाले उपायो की जानकारी देने व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने इन जिलों में मक्का बीज के साथ-साथ दलहन और तिलहन फसलों की मिनीकिट वितरण के लिए विशेष व्यवस्था करने पर जोर दिया।
कृषि मंत्री ने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को 16 अगस्त से सभी जिलो में काउन्टर खोलकर किसानो को आम, अमरूद, जामुन, कटहल और मुनगा के 5-5 पौधे निःशुल्क वितरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी विभाग की नर्सरियों में फलों के पौधे तैयार करने की भी व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए नर्सरियों को अपग्रेड करना जरूरी है। नर्सरियों मंे इस साल फलों प्रजातियों के एक करोड़ पौधे तैयार किए जाए। भविष्य में हर साल 5 करोड़ पौधे तैयार करने के लिए सभी जरूरी प्रबंध करना आवश्यक है। श्री अग्रवाल ने विशेष रूप से टेनिस चीकू की छत्तीसगढ़ में अच्छी संभावनाओं को देखते हुए इसके 10 हजार पौधे तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। श्री अग्रवाल ने कृषि, उद्यानिकी और बीज विकास निगम के 5-5 फार्म हाउसों को आदर्श फार्म हाउस बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह फार्म हाउस किसानों के लिए प्रशिक्षण केन्द्र और फसल प्रदर्शन केन्द्र के रूप में विकसित होना चाहिए।
श्री अग्रवाल ने बीज विकास निगम के कार्यो की समीक्षा के दौरान अधिकारियों से कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानो को जितने भी प्रकार की फसलो के बीजों की जरूरत पड़ती है, बीज निगम के माध्यम से बीज उत्पादन करने के लिए कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने मंडी बोर्ड की समीक्षा के दौरान छत्तीसगढ की मंडियों को धान खरीदी केन्द्र बनाने के लिए सभी जरूरी अधोसंरचनाए विकसित की जाए। अपर मुख्य सचिव श्री अजय सिंह ने भी समीक्षा बैठक में अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।