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‘लोकप्रिय विज्ञान लेखन’ विषय पर आयोजित वेबिनार में भारत समेत कई देशों के विद्वान शामिल हुएराष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी) तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के स्वायत्त संस्थान, विज्ञान प्रसार ने इस सप्ताह “लोकप्रिय विज्ञान लेखन” पर दो वेबिनार आयोजित किये। इसका उद्देश्य विज्ञान लेखन के लिए शोध विद्वानों में क्षमता का निर्माण करना है। इन्हें औग्मेंटिंग राइटिंग स्किल्स फॉर आर्टिकुलेटिंग रिसर्च (एडब्लूएसएआर / अवसर) कार्यक्रम के तहत आयोजित किया गया।

देश भर के 28 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों और 12 अन्य देशों – अमेरिका, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, इजरायल, आदि के विद्वानों के समक्ष विज्ञान संचार के महत्व, शोध से लोकप्रिय लेख लिखने और लोकप्रिय विज्ञान लेखन की युक्तियों (टिप्स) और तकनीकों को पेश किया गया।

एनसीएसटीसी, डीएसटी के प्रमुख डॉ. मनोज पटैरिया तथा विज्ञान प्रसार के वैज्ञानिक-एफ डॉ. बी.के. त्यागी ने श्रोताओं को संबोधित किया और विज्ञान संचार पर टिप्स साझा किये। भारत और विदेश के कुल 1282 पंजीकृत प्रतिभागियों के साथ वेबिनार को भारी समर्थन मिला।

डीएसटी के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा, “किसी के शोध पर आधारित एक लोकप्रिय विज्ञान लेख हमारी समझ को बेहतर बनाता है कि मेरा ज्ञान विज्ञान के व्यापक सवालों और समाज की जरूरतों से कैसे संबंधित है। मैंने पाया है कि अगर मैं अपने शोध को विभिन्न उम्र और विभिन्न शैक्षिक पृष्ठभूमि के लोगों को इस तरीके से समझा सकता हूं जो उनकी समझ को बढाता है तथा बदले में मुझे सराहना मिलती है तो इसका अर्थ है कि मैंने समस्या के कई आयामों को बेहतर तरीके से समझा है’’
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