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स्किल इंडिया मिशन के तहत 96,000 से अधिक लोगों को योग शिक्षक और प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षित किया गया

सबसे अधिक कुशल योग उम्मीदवारों वाले शीर्ष 5 राज्य हैं उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और ओडिशा
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने तनाव से बचने और समग्र शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए योग को बढ़ावा देने हेतु छठा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए शुक्रवार को एक वेबिनार का आयोजन किया। ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल (बी एंड डब्ल्यूएसएससी) की चुनिंदा थीम ‘योग को कहो हां, रोग को कहो ना’ के साथ इस वेबिनार का आयोजन आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक गुरुदेव श्री श्री रविशंकर, योग संस्थान के निदेशक डॉ. हंसाजी योगेंद्र और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे की मौजूदगी में किया गया। इस वेबिनार का संचालन ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल (बी एवं डब्ल्यूएसएससी) की सीईओ सुश्री मोनिका बहल ने किया। इसका उद्देश्य शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक तंदुरुस्ती में सुधार लाने में योग से होने वाले फायदों के बारे में व्यापक जागरूकता फैलाना और खासकर कोविड-19 संकट को देखते हुए अधिक से अधिक लोगों को योग को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना था।

वेबिनार में चिंता और तनाव पर काबू पाने में योग की भूमिका को समझने में लोगों की मदद करने के अलावा युवाओं के लिए योग के क्षेत्र में उपलब्ध विभिन्न करियर के अवसरों के बारे में भी बताया गया। योग के क्षेत्र में उपलब्ध विभिन्न रोजगार के अवसरों का लाभ उठाने में युवाओं को मदद करने के निरंतर प्रयासों के तहत देश भर में 96,196 से अधिक उम्मीदवारों को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), पूर्व शिक्षण की पहचान (आरपीएल) , लघु अवधि प्रशिक्षण (एसटीटी) और विशेष परियोजनाओं के तहत विभिन्न कौशल पहलों के जरिए योग शिक्षक और प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। योग के लिए तीन विशिष्ट पाठ्यक्रम हैं – योग प्रशिक्षक (एनएसक्यूएफ 4), योग प्रशिक्षक (स्तर 5) और वरिष्ठ योग प्रशिक्षक (स्तर 6)। कुछ महत्वपूर्ण सहयोगी जिन्होंने कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल (बी एवं डब्ल्यूएसएससी) को इस उल्लेखनीय मुकाम पर पहुंचने में मदद की, वे आर्ट ऑफ लिविंग और पतंजलि हैं। सबसे अधिक कुशल योग उम्मीदवारों वाले राज्य उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, केरल, और पश्चिम बंगाल हैं। बी एंड डब्ल्यूएसएससी के पास सीबीएसई स्कूलों के लिए योग में शैक्षणिक वर्ष 2020-2021 से कक्षा XI से शुरू होने वाला व्यावसायिक शिक्षा का पाठ्यक्रम भी है। बी एंड डब्ल्यूएसएससी का राज्यों के सभी समग्र शिक्षा स्कूलों के उच्च शिक्षा वर्गों के लिए भी योग को लेकर काम उपलब्ध है।

आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने कहा कि योग केवल आध्यात्मिकता के बारे में नहीं है, यह अपने आप में एक कौशल है और असल में यह एक उद्योग से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में योग का महत्व काफी बढ़ गया है क्योंकि पूरी दुनिया अभी नोवेल कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न नई चुनौतियों से जूझ रही है। श्री श्री रविशंकर ने कहा कि हम सभी को ऐसे समय में योग को अपनाना चाहिए क्योंकि यह हमारी मानसिक तंदुरूस्ती और जीवन शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। इससे हमें बहुत अधिक शांति मिलती हैं और हम अधिक संतुलित रहते हैं। उन्होंने कहा कि योग केवल एक आसन नहीं है बल्कि यह जीवन जीने की एक शैली है।

श्री श्री रविशंकर ने कहा कि योग को हर किसी के जीवन का हिस्सा बनाने के पीएम मोदी के दृष्टिकोण के अनुरुप प्रयास करने के लिए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय को धन्यवाद है, जिसने योग को भारत के भीतरी इलाकों तक पहुंचाया है। देश के दूरदराज के लोग भी कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से योग सीख रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में कौशल विकास का प्रशिक्षण पूरे जोर-शोर से चल रहा है और योग अब युवाओं के लिए एक बेहतरीन करियर विकल्प बन गया है।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने देश में योग शिक्षकों और प्रशिक्षकों की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि योग दुनिया के लिए भारत की ओर से एक अमूल्य उपहार है जो हमारी प्राचीन वैदिक परंपराओं में निहित है। हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में योग पूरे विश्व में अच्छे स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती की तलाश में सबसे बड़े जन आंदोलनों में से एक बन गया है। उनकी दृष्टि के अनुरुप हम ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल (बी एंड डब्ल्यूएसएससी) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि योग के क्षेत्र में करियर की विभिन्न संभावनाओं के बारे में जागरूकता फैलाया जा सके और युवाओं को एक आशाजनक भविष्य के लिए योग को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद प्रमाणित योग शिक्षकों और प्रशिक्षकों की मांग में जबरदस्त तरीके से वृद्धि होगी। उन्होंन कहा कि हम योग को सही मायने में वैश्विक बनाने और इस क्षेत्र में आकर्षक करियर के अवसरों का पता लगाने के लिए देश भर में युवाओं को कुशल बनाने की अपने दृष्टि के लिए प्रतिबद्ध हैं।

डॉ. हंसाजी योगेंद्र ने योग के लाभों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर हमने भारत में योग कौशल विकास की बढ़ती आवश्यकता पर चर्चा की। इस बात पर भी बातचीत हुई कि योग ने किस तरह स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती हासिल करने के लिए समाज में एक जरूरी बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोविड-19 महामारी के मौजूदा संकट में योग ने इस बीमारी से लड़ने और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के तहत ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल (बी एंड डब्ल्यूएसएससी) ने कई कॉर्पोरेट और संगठनों के साथ मिलकर योग से जुड़ी नौकरियों के लिए युवाओं को प्रशिक्षित करने का काम किया है। इस साझेदारी में सिडको इंटरनेशनल, व्हाइट लोटस और इंटरनेशनल योगा अलायंस जैसी कंपनियां शामिल हैं। बी एंड डब्ल्यूएसएससी ने भी योग में भारतीय युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए डॉ. एच. आर. नागेंद्र और डॉ. हंसाजी की मौजूदगी में योग संस्थान के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
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