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Chhinddham छींदधाम(श्री सिद्ध हनुमान मंदिर)–हनुमानजी करते हैं भक्त की हर मनोकामना पूरी |

Chhinddham छींदधाम(श्री सिद्ध हनुमान मंदिर)–हनुमानजी करते हैं भक्त की हर मनोकामना पूरी |
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छींद धाम मंदिर बहुत ही प्रसिद्द मंदिर है | यहाँ प्रतिदिन हजारो श्रद्धालु मन्नत लेकर आते है और झोली भरकर जाते है | संकटमोचक हनुमान जी के इस मंदिर छींद धाम की प्रसिद्धि देश के कई राज्यों तक है | मान्यता है की यहाँ पर जो भी भक्त पांच मंगलवार या शनिवॉर को नियम से आते है और सुबह ४ बजे की आरती में शामिल होते है उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है | छींद धाम के इस मंदिर की विषेशता है की यहाँ पर हनुमान जी की दक्षिण मुखी मूर्ती विराजमान है ,जिसे शास्त्रों के अनुसार सिद्ध माना गया है |
यहाँ पर चना गुड़ ,नारियल का प्रशाद चढ़ाया जाता है | भक्तो का कहना है की ५०० साल से भी पुराने पीपल के पेड़ के नीचे विराजे हनुमान लाला के दर्शन मात्र से ही संकट दूर हो जाते है | अनेक चमत्कारिक घटनाओ के प्रसंग हमेशा यहाँ सुनने मिलते है | छींद वाले दद्दाजी की चमत्कारिक प्रतिमा की एक झलक पाने रोज़ बड़ी संख्या में भक्त यहाँ आते है | प्रति मंगलवार ऐसे भक्तो द्वारा भंडारे कराये जाते है ,जिनकी मनोकामनाएं पूरी होती है |

हनुमानजी को कहते हैं दादाजीः यहां छींद धाम में हनुमानजी को भक्त दादाजी कहते हैं। मान्यता है कि दादाजी सभी के कष्टों को दूर करते हैं।

छींद धाम मंदिर से जुड़ा इतिहास
छींद गांव में लगभग ५०० वर्ष पुराने पीपल के पेड़ के नीचे हनुमान जी की प्रतिमा विराजमान है | ऐसा कहा जाता है की भगवान श्री राम के भक्त श्री हनुमान के एक उपासक ने प्रतिमा को बाहर निकालकर स्थापित करवाया था | अब उसी वृक्ष के नीचे यह विशाल छींद धाम (मंदिर) गया है | इस स्थान पर मूर्ति की स्थापना १९०५ में हुई थी | बताते है की तब मूर्ती मात्र एक फ़ीट की थी , लेकिन चमत्कारों का सिलसिला बढ़ता रहा और लोगो की आस्था बढ़ती रही और मूर्ति भी बढ़ती गयी , जो अब लगभग ५ फ़ीट ऊँची है |

मंगलवार की रात २ से ३ बजे के बीच ही लग जाते है भक्तो की कतार |
मंगलवार की रात तीन बजे से भक्तो की कतार दर्शन के लिए लग जाती है | ४ से ५ बजे के बीच होने वाली बजरंगबली की आरती में हजारो भक्त शामिल होते है | माना जाता है की सुबह की आरती के दर्शन से हर मुश्किल काम आसान हो जाता है और मनोकामना पूरी होती है |
बड़ी संख्या में लोग यहां रोज लोग दर्शन करते हैं। लेकिन रामनवमी, हनुमान जयंती, नव वर्ष, दशहरा, मकर संक्रांति जैसे त्योहारों पर लोगों की संख्या बढ़ जाती है। मंगलवार और शनिवार भारी भीड़ लगती है। ऐसी मान्यता है यहां पांच मंगलवार हाजिरी लगाने से बजरंगबली हर मनोकामना पूरी करते हैं।
मनोकामना पूरी होने पर भक्त यहां पैदल ही पहुंचते हैं और रुद्रावतार को चादर झंडा और चोला चढ़ाते हैं। भंडारा कराते हैं और भजन कीर्तन का आयोजन करते हैं।

कैसे पहुँचे छींद धाम
छींद धाम भोपाल-जबलपुर एनएच-१२ से मंडीदीप,ओबेदुल्लागंज ,गोहरगंज होते हुए बरेली से सीधे छींद धाम पहुँचा जा सकता है | इसके अलावा रायसेन से गैरतगंज ,सिलवानी व उदयपुरा होते हुए खरगोन के रास्ते छींद धाम पहुँचा जा सकता है |
छींदधाम – हनुमान जी का प्रसिद्द मंदिर मध्यप्रदेश के छींद में |
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चमत्कारिक हैं हनुमान जी की प्राचीन प्रतिमा |
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छींद धाम मंदिर बहुत ही प्रसिद्द मंदिर है | यहाँ प्रतिदिन हजारो श्रद्धालु मन्नत लेकर आते है और झोली भरकर जाते है | संकटमोचक हनुमान जी के इस मंदिर छींद धाम की प्रसिद्धि देश के कई राज्यों तक है | मान्यता है की यहाँ पर जो भी भक्त पांच मंगलवार या शनिवॉर को नियम से आते है और सुबह ४ बजे की आरती में शामिल होते है उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है | छींद धाम के इस मंदिर की विषेशता है की यहाँ पर हनुमान जी की दक्षिण मुखी मूर्ती विराजमान है ,जिसे शास्त्रों के अनुसार सिद्ध माना गया है | मंगलवार और शनिवार को यहां भक्तों की कतारें तड़के चार बजे से लगी रहती हैं। हनुमान जयंती पर हर वर्ष यहां विशेष कार्यक्रम होते हैं।
यहाँ पर चना गुड़ ,नारियल का प्रशाद चढ़ाया जाता है | भक्तो का कहना है की ५०० साल से भी पुराने पीपल के पेड़ के नीचे विराजे हनुमान लाला के दर्शन मात्र से ही संकट दूर हो जाते है | अनेक चमत्कारिक घटनाओ के प्रसंग हमेशा यहाँ सुनने मिलते है | छींद वाले दद्दाजी की चमत्कारिक प्रतिमा की एक झलक पाने रोज़ बड़ी संख्या में भक्त यहाँ आते है | प्रति मंगलवार ऐसे भक्तो द्वारा भंडारे कराये जाते है ,जिनकी मनोकामनाएं पूरी होती है |

छींद धाम मंदिर से जुड़ा इतिहास
छींद गांव में लगभग ५०० वर्ष पुराने पीपल के पेड़ के नीचे हनुमान जी की प्रतिमा विराजमान है | ऐसा कहा जाता है की भगवान श्री राम के भक्त श्री हनुमान के एक उपासक ने प्रतिमा को बाहर निकालकर स्थापित करवाया था | अब उसी वृक्ष के नीचे यह विशाल छींद धाम (मंदिर) गया है | इस स्थान पर मूर्ति की स्थापना १९०५ में हुई थी | बताते है की तब मूर्ती मात्र एक फ़ीट की थी , लेकिन चमत्कारों का सिलसिला बढ़ता रहा और लोगो की आस्था बढ़ती रही और मूर्ति भी बढ़ती गयी , जो अब लगभग ५ फ़ीट ऊँची है |

मंगलवार की रात २ से ३ बजे के बीच ही लग जाते है भक्तो की कतार |
मंगलवार की रात तीन बजे से भक्तो की कतार दर्शन के लिए लग जाती है | ४ से ५ बजे के बीच होने वाली बजरंगबली की आरती में हजारो भक्त शामिल होते है | माना जाता है की सुबह की आरती के दर्शन से हर मुश्किल काम आसान हो जाता है और मनोकामना पूरी होती है | मनोकामना पूर्ण होने पर लोग कराते हैं भंडारा: यहां पर भक्त मनोकामना पूर्ण होने पर भण्डारा और भजन-कीर्तन का आयोजन करवाते हैं।

कैसे पहुँचे छींद धाम
रायसेन जिले की बरेली तहसील की सीमा से सटे ग्राम छींद में हनुमान जी की चमत्कारिक प्रतिमा है। यह सिद्ध स्थान बरेली नगर से सात किमी दूर है। जहां पूरे देश से लाखों श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर आते हैं।
छींद धाम भोपाल-जबलपुर एनएच-१२ से मंडीदीप,ओबेदुल्लागंज ,गोहरगंज होते हुए बरेली से सीधे छींद धाम पहुँचा जा सकता है | इसके अलावा रायसेन से गैरतगंज ,सिलवानी व उदयपुरा होते हुए खरगोन के रास्ते छींद धाम पहुँचा जा सकता है |
छींदधाम – हनुमान जी का प्रसिद्द मंदिर मध्यप्रदेश के छींद में |
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