उच्चतम न्यायालय ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में चारों दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखी
PTI
उच्चतम न्यायालय ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में चारों दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखी है। न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने वर्ष 2017 के फैसले पर पुनर्विचार की अक्षय कुमार सिंह की याचिका खारिज कर दी। पीठ ने कहा कि पहले के फैसले पर पुनर्विचार का कोई आधार नहीं है। पीठ ने कहा कि दोषी की आपत्तियों पर उच्चतम न्यायालय अपने पहले के फैसले में अच्छी तरह विचार कर चुका है।
दोषी की याचिका का विरोध करते हुए महाअधिवक्ता तुषार मेहता ने न्यायालय को बताया कि अक्षय किसी दया का पात्र नहीं है। श्री मेहता ने कहा कि इस मामले के दोषी पूरे प्रयास कर रहे हैं कि फैसले के अनुपालन को किसी न किसी तरह से लटकाकर रखा जाए। उन्होंने कहा कि कानून को जल्द से जल्द अपना काम करना चाहिए।
इस बीच, दोषी अक्षय के वकील ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर करने के लिए न्यायालय से तीन सप्ताह का समय मांगा है। महाधिवक्ता तुषार मेहता ने अदालत को याद दिलाया कि राष्ट्रपति को ऐसी याचिका भेजने के लिए कानून के तहत केवल एक सप्ताह का समय निर्धारित है।
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