• Sat. Nov 23rd, 2024

(todayindia)संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 हुआ पारित

(todayindia)
संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 हुआ पारित
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल का उद्देश्य धर्म के आधार पर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को संरक्षित करना है, भारत के अल्पसंख्यकों का इस बिल से कोई लेना-देना नहीं है |(todayindia)

यह बिल सिर्फ नागरिकता देने के लिए है किसी की नागरिकता छीनने का अधिकार इस बिल में नहीं है: केंद्रीय गृह मंत्री

आसाम आंदोलन के शहीदों की शहादत बेकार नहीं जाएगी, श्री नरेंद्र मोदी सरकार पूर्वोत्तर की भाषा, संस्कृति और सामाजिक पहचान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है : केंद्रीय गृह मंत्री

सीएबी (CAB) हमारे घोषणापत्र में था और जनता ने विशाल जनाधार देकर इसका समर्थन किया है : श्री अमित शाह

70 सालों तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए वहां के अल्पसंख्यकों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया गया : केंद्रीय गृह मंत्री

यदि यह बिल 50 साल पहले आ गया होता तो समस्या इतनी बड़ी नहीं होती: श्री अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने राज्यसभा में नागरिकता(संशोधन) विधेयक 2019 पर बोलते हुए कहा कि यह बिलकरोड़ों लोगों को सम्मान के साथ जीने का अवसर प्रदान करेगा| उनका कहना था कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तानसे आए अल्पसंख्यकों को भी जीने का अधिकार है | उनकाकहना था कि इन तीनों देशों में अल्पसंख्यकों की आबादी मेंकाफी कमी हुई है, वह लोग या तो मार दिए गए, उनका जबरनधर्मांतरण कराया गया या वे शरणार्थी बनकर भारत में आए | श्री शाह ने कहा कि तीनों देशों से आए धर्म के आधार परप्रताड़ित ऐसे लोगों को संरक्षित करना इस बिल का उद्देश्य है, भारत के अल्पसंख्यकों का इस बिल से कोई लेना-देना नहीं है |राज्यसभा में विधेयक का परिचय देते हुए श्री शाह ने यह भीकहा कि इसका उद्देश्य उन लोगों को सम्मानजनक जीवन देनाहै जो दशकों से पीड़ित थे ।

श्री अमित शाह ने कहा कि देश का बंटवारा और बंटवारे केबाद की स्थितियों के कारण यह बिल लाना पड़ा । उनकाकहना था कि 70 सालों तक देश को भगवान के भरोसे छोड़दिया गया । श्री नरेंद्र मोदी सरकार सिर्फ सरकार चलाने केलिए नहीं आई है देश को सुधारने के लिए और देश कीसमस्याओं का समाधान करने के लिए आई है । श्री शाह नेकहा कि हमारे पास 5 साल का बहुमत था, हम भी सत्ता काकेवल भोग कर सकते थे किंतु देश की समस्या को कितनेसालों तक लटका कर रखा जाए, समस्याओं को कितनाकितना बड़ा किया जाये । उन्होंने विपक्षी सांसदों से कहा किअपनी आत्मा के साथ संवाद करिए और यह सोचिए कि यदियह बिल 50 साल पहले आ गया होता तो समस्या इतनी बड़ीनहीं होती ।

​श्री अमित शाह का कहना था कि 2019 के घोषणा पत्र मेंअसंदिग्ध रूप से इस बात की घोषणा की गई थी और यहइरादा जनता के समक्ष रखा गया था कि पड़ोसी देशों केप्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए सीएबी लागू करेंगे, जिसका समर्थन जनता ने किया है | श्री शाह का कहना था किदेश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ यह सबसे बड़ी भूलथी । उन्होंने कहा कि 8 अप्रैल 1950 को नेहरू-लियाकतसमझौता हुआ जिसे दिल्ली समझौते के नाम से भी जाना जाताहै, में यह वादा किया गया था कि दोनों देश अपने-अपनेअल्पसंख्यकों के हितों का ध्यान रखेंगे किंतु पाकिस्तान में इसेअमल में नहीं लाया गया । भारत ने यह वादा निभाया और यहांके अल्पसंख्यक सम्मान के साथ देश के सर्वोच्च पदों पर कामकरने में सफल हुए किंतु तीनों पड़ोसी देशों ने इस वादे को नहींनिभाया और वहां के अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया गया ।

एक प्रश्न के जवाब में श्री शाह ने कहा कि नागरिकताबिल में पहले भी संशोधन हुए और विभिन्न देशों को उस समयकी समस्या के आधार पर प्राथमिकता दी गई और वहां केलोगों को नागरिकता प्रदान की गई । आज भारत की भूमि-सीमा से जुड़े हुए इन 3 देशों के लघुमती (अल्पसंख्यक) शरणलेने आए हैं इसलिए इन 3 देशों की समस्या का जिक्र किया जारहा है ।

​श्री शाह का कहना था कि पासपोर्ट, वीजा के बगैर जोप्रवासी भारत में आए हैं उन्हें अवैध प्रवासी माना जाता है किंतुइस बिल के पास होने के बाद तीनों देशों के अल्पसंख्यकों कोअवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा | श्री शाह ने कहा कि यह बिलभारत के अल्पसंख्यक समुदाय को लक्षित नहीं करता है ।धार्मिक उत्पीड़न के शिकार इन तीनों देशों के लोग रजिस्ट्रेशनकराकर भारत की नागरिकता ले पाएंगे | श्री शाह का कहना थाकि 1955 की धारा 5 या तीसरे शेडयूल की शर्तें पूरी करने केबाद जो शरणार्थी आए हैं उन्हें उसी तिथि से नागरिकता दीजाएगी जब से वह यहां आए तथा इस बिल के पास होने केबाद उनके ऊपर से घुसपैठ या अवैध नागरिकता के केस स्वतःही समाप्त हो जाएंगे | श्री शाह ने कहा कि अगर इनअल्पसंख्यकों के पासपोर्ट और वीजा समाप्त हो गए हैं, तो भीउन्हें अवैध नहीं माना जाएगा।

​उन्होने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी सरकार पूर्वोत्तर राज्यों कीभाषाई, सांस्कृतिक और सामाजिक हितों की रक्षा के लिएप्रतिबद्ध हैं | श्री शाह ने कहा कि अधिनियम के संशोधनों केप्रावधान असम, मेघालय, मिजोरम या त्रिपुरा के आदिवासीक्षेत्र पर लागू नहीं होंगे क्योंकि संविधान की छठी अनुसूची मेंशामिल हैं और पूर्वी बंगाल के तहत अधिसूचित ‘इनर लाइन’ केतहत आने वाले क्षेत्र को कवर किया गया है। एक महत्वपूर्णघोषणा करते हुए श्री शाह ने कहा कि मणिपुर को इनर लाइनपरमिट (ILP) शासन के तहत लाया जाएगा और इसके साथही सिक्किम सहित सभी उत्तर पूर्वी राज्यों की समस्याओं काध्यान रखा जाएगा।

​श्री अमित शाह ने आसाम का विशेष उल्लेख करते हुएकहा कि आसाम आंदोलन के शहीदों की शहादत बेकार नहींजाएगी | उनका कहना था कि 1985 में श्री राजीव गांधी के द्वाराक्लॉज़ सिक्स के तहत एक कमेटी बनाने का निर्णय लिया गयाथा जो वहां के लोगों की भाषा, संस्कृति और सामाजिकपहचान की रक्षा करती किंतु यह आश्चर्यजनक बात है कि1985 से लेकर 2014 तक तीन दशकों से ज्यादा समय बीतजाने के बाद भी वह कमेटी ही नहीं बन सकी | उनका कहना थाकि 2014 में श्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद उस कमेटीका गठन किया गया | उन्होंने आसाम के लोगों से आग्रह कियाकि वह समझौते के प्रावधानों को पूरा करने के लिए प्रभावीकदम उठाने के लिए जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकारको सौंपे। उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों के लोगों की आशंकाओं को दूर करतेहुए गृह मंत्री ने कहा कि क्षेत्र के लोगों की भाषाई, सांस्कृतिकऔर सामाजिक पहचान को संरक्षित रखा जाएगा और इसविधेयक में संशोधन के रूप में इन राज्यों के लोगों कीसमस्याओं का समाधान है। पिछले एक महीने से नॉर्थ ईस्ट केविभिन्न हितधारकों के साथ मैराथन विचार-विमर्श के बादशामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को राजनीतिकविचारधाराओं से परे एक मानवतावादी के रूप में देखा जानाचाहिए।

​केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस विधेयक में ऐसेशरणार्थियों को उचित आधार पर नागरिकता प्रदान करने केप्रावधान हैं, जो किसी भी तरह से भारत के संविधान के तहतकिसी भी प्रावधान के खिलाफ नहीं जाते हैं और अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करते हैं। श्री शाह ने यह भी कहा कि देश केसभी अल्पसंख्यकों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि श्री नरेंद्रमोदी सरकार के होते हुए इस देश में किसी भी धर्म के नागरिकको डरने की जरूरत नहीं है, यह सरकार सभी को सुरक्षा औरसमान अधिकार देने के लिए प्रतिबद्ध है।

श्री अमित शाह ने एक सदस्य के प्रश्न के जवाब में कहाकि हम चुनावी राजनीति अपने देश के नेता के दम पर करते हैंऔर उसमें सफल होते हैं किंतु देश की समस्या का समाधानकरते समय पूरा ध्यान समस्या पर केंद्रित होता ।

श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी जी के शासनकाल मेंपिछले 5 वर्षों में 566 से ज्यादा मुस्लिमों को भारत कीनागरिकता दी गई । श्री शाह ने कहा कि यह बिल सिर्फनागरिकता देने के लिए है किसी की नागरिकता छीनने काअधिकार इस बिल में नहीं है । उनका कहना था कि श्री नरेंद्रमोदी सरकार मानती है कि जिनकी प्रताड़ना हुई है, उन सब कीमदद सरकार को करनी चाहिए ।(todayindia)
===================
courtesy

aum

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *