विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा है कि केन्द्र सरकार सभी भाषाओं का सम्मान करती है और देश के किसी भी भाग पर कोई भाषा थोपी नहीं जाएगी। एक ट्वीट संदेश में उन्होंने कहा कि त्रिभाषा फार्मूले पर अंतिम निर्णय लेने से पहले जन सामान्य और राज्य सरकारों से परामर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सौंपी गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति केवल एक प्रारूप है। तमिल में एक और ट्वीट में उन्होंने कहा कि लोगों की सहमति के बाद ही केन्द्र सरकार शिक्षा नीति के प्रारूप पर आगे बढ़ेगी। डॉ. जयशंकर ने कहा कि सरकार सभी भारतीय भाषाओं का विकास करेगी।
शिक्षा सचिव आर. सुब्रह्मण्यम ने शनिवार को स्पष्ट किया था कि केन्द्र सरकार ने नई शिक्षा नीति पर अभी कोई नीतिगत निर्णय नहीं किया है और शिक्षा संस्थानों में किसी भाषा को नहीं थोपा जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति के लिए गठित समिति ने नीति का मसौदा दिया है जिसपर आम जनता की राय मांगी जा रही है। सुब्रह्मण्यम ने कहा कि किसी भी भाषा को शिक्षा संस्थानों पर नहीं थोपा जाएगा और न ही किसी भाषा के प्रति भेदभाव किया जाएगा।
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