(todayindia)भोपाल : मंगलवार, जनवरी 8, 2019
बाल श्रवण योजना के प्रकरण अब जिला स्तर पर ही स्वीकृत होंगे। योजनान्तर्गत एक माह के स्थान पर 15 दिन में इलाज शुरू होगा। श्रवण बाधित बच्चों का 6 लाख 50 हजार रूपये के खर्चे पर कॉकलियर इम्प्लान्ट करवाया जाता है। योजना का सरलीकरण कर त्वरित लाभ देने ओर अनावश्यक औपचारिकताओं को दूर करने के लियें लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने योजना के सरलीकरण के आदेश तत्काल जारी करने के निर्देश दिये हैं।(todayindia)(todayindia)
मंत्री श्री सिलावट ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान श्रवण-बाधित बच्चों को कॉकलियर इम्प्लान्ट के लिये चिन्हित किया जाता है। इन बच्चों का शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय रीवा, इंदौर, जबलपुर एवं शासकीय जिला चिकित्सालय जबलपुर तथा शासन द्वारा मान्यता प्राप्त चिकित्सा संस्थानों में इम्प्लांट करवाया जाता है। कॉकलियर इम्प्लांट की पैकेज राशि 6 लाख 50 हजार रुपये है, जिसमें राशि 5 लाख 20 हजार रुपये राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से प्रदाय की जाती है। शेष 2 हजार रुपये प्रकरण स्वीकृति के समय मरीज को चिकित्सालय आने-जाने के लिये दी जाती है। एक लाख 28 हजार रुपये इम्प्लांट के बाद स्पीच-थेरेपी के लिये राज्य शासन द्वारा बाल श्रवण योजना में दिये जाते हैं।(todayindia)
योजना में अभी प्रकरण को जिला स्तर से स्वीकृति के लिये संभाग स्तर पर तकनीकी समिति को भेजा जाता है। तकनीकी समिति में ई.एन.टी. विशेषज्ञ/विभागाध्यक्ष चिकित्सा महाविद्यालय ई.एन.टी. विभाग क्षेत्रीय संचालक, उप संचालक संभागीय कार्यालय द्वारा प्रकरण की स्वीकृति प्रदान की जाती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा संबंधित चिकित्सालय को कॉकलियर इम्प्लांट के लिये स्वीकृति जारी की जाती है। इसमें समय अधिक लगता है। मंत्री श्री सिलावट ने अनावश्यक समय को कम करने के लिये निर्णय लिया गया है कि बाल श्रवण उपचार योजना के प्रकरणों को अब जिला स्तर पर ही तकनीकी समिति नाक, कान, गला विशेषज्ञ के अभिमत के बाद प्रकरण की स्वीकृति जारी करेगी। इससे बाल श्रवण योजना का क्रियान्वयन तीव्र गति से होगा तथा श्रवण बाधित बच्चों को त्वरित उपचार मिलेगा(todayindia)